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SMS हॉस्पिटल में हार्ट ट्रांसप्लांट मामला, वेंटिलेटर से हटाया गया मरीज, हालत में सुधार

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Published : Jan 17, 2020, 5:10 PM IST

प्रदेश के SMS अस्पताल में 16 जनवरी को पहला कैडेवर हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया. मामले को लेकर चिकित्सकों ने बताया कि जिस मरीज को हार्ट लगाया गया था, उसकी हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. SMS अस्पताल के कार्डियक सर्जन ने बताया कि मरीज की रिकवरी को देखते हुए उसे जल्द ही अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया जाएगा.

SMS हॉस्पिटल में हार्ट ट्रांसप्लांट मामला,  Heart transplant case in SMS hospital
SMS हॉस्पिटल में हार्ट ट्रांसप्लांट मामला

जयपुर. 16 जनवरी को सवाई मानसिंह अस्पताल में पहला कैडेवर हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया और प्रदेश के सरकारी क्षेत्र के अस्पताल में यह हार्ट ट्रांसप्लांट का पहला मामला है. मामले को लेकर चिकित्सकों ने बताया कि जिस मरीज को हार्ट लगाया गया था, उसकी हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है.

SMS हॉस्पिटल में हार्ट ट्रांसप्लांट मामला

मामले को लेकर शुक्रवार को सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज की ओर से प्रेस वार्ता आयोजित की गई, जहां अस्पताल में हुए पहले हार्ट ट्रांसप्लांट के बारे में चिकित्सकों ने जानकारी दी. इस मौके पर सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी ने कहा कि सवाई मानसिंह अस्पताल प्रदेश का पहला ऐसा सरकारी अस्पताल है, जहां कैडेवर हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया है. उन्होंने बताया कि इसके पीछे स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन ने सबसे बड़ा काम किया है. क्योंकि ब्रेन डेड मरीज के परिजनों की समझाइश का काम इस ऑर्गेनाइजेशन ने किया.

पढ़ें- जयपुर: SMS अस्पताल में हुआ पहला हार्ट ट्रांसप्लांट, सीएम ने दी बधाई

वहीं, इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम देने वाले सवाई मानसिंह अस्पताल के कार्डियक सर्जन डॉ. अनिल शर्मा और उनकी टीम को मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने बधाई भी दी. इस मौके पर डॉ. अनिल शर्मा ने कहा कि इस तरह के ऑपरेशन काफी जटिल होते हैं, लेकिन इस हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद मरीज की हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. उन्होंने बताया कि मरीज को वेंटीलेटर से हटा दिया गया है और अब लिक्विड पदार्थ भी मरीज को पिलाया जा रहा है. शर्मा ने बताया कि मरीज की रिकवरी देखते हुए उसे जल्द ही अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया जाएगा.

पढ़ें- CM अशोक गहलोत पहुंचे SMS हॉस्पिटल, हार्ट ट्रांसप्लांट पर चिकित्सकों को दी बधाई

दरअसल, 10 जनवरी को ब्यावर के पास सांवरमल नाम का एक व्यक्ति सड़क हादसे में घायल हो गया था और उसे अस्पताल लाया गया. जिसके बाद चिकित्सकों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया. उसके बाद सांवरमल के परिजनों की समझाइश की गई, जिसके बाद उन्होंने उसके अंग दान करने की सहमति दे दी और सांवरमल का हार्ट 17 वर्षीय मरीज को लगाया गया. तो वहीं लिवर एक निजी अस्पताल में प्रत्यारोपित किया गया और दोनों किडनी SMS हॉस्पिटल में ही प्रत्यारोपित की गई.

जयपुर. 16 जनवरी को सवाई मानसिंह अस्पताल में पहला कैडेवर हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया और प्रदेश के सरकारी क्षेत्र के अस्पताल में यह हार्ट ट्रांसप्लांट का पहला मामला है. मामले को लेकर चिकित्सकों ने बताया कि जिस मरीज को हार्ट लगाया गया था, उसकी हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है.

SMS हॉस्पिटल में हार्ट ट्रांसप्लांट मामला

मामले को लेकर शुक्रवार को सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज की ओर से प्रेस वार्ता आयोजित की गई, जहां अस्पताल में हुए पहले हार्ट ट्रांसप्लांट के बारे में चिकित्सकों ने जानकारी दी. इस मौके पर सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी ने कहा कि सवाई मानसिंह अस्पताल प्रदेश का पहला ऐसा सरकारी अस्पताल है, जहां कैडेवर हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया है. उन्होंने बताया कि इसके पीछे स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन ने सबसे बड़ा काम किया है. क्योंकि ब्रेन डेड मरीज के परिजनों की समझाइश का काम इस ऑर्गेनाइजेशन ने किया.

पढ़ें- जयपुर: SMS अस्पताल में हुआ पहला हार्ट ट्रांसप्लांट, सीएम ने दी बधाई

वहीं, इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम देने वाले सवाई मानसिंह अस्पताल के कार्डियक सर्जन डॉ. अनिल शर्मा और उनकी टीम को मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने बधाई भी दी. इस मौके पर डॉ. अनिल शर्मा ने कहा कि इस तरह के ऑपरेशन काफी जटिल होते हैं, लेकिन इस हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद मरीज की हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. उन्होंने बताया कि मरीज को वेंटीलेटर से हटा दिया गया है और अब लिक्विड पदार्थ भी मरीज को पिलाया जा रहा है. शर्मा ने बताया कि मरीज की रिकवरी देखते हुए उसे जल्द ही अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया जाएगा.

पढ़ें- CM अशोक गहलोत पहुंचे SMS हॉस्पिटल, हार्ट ट्रांसप्लांट पर चिकित्सकों को दी बधाई

दरअसल, 10 जनवरी को ब्यावर के पास सांवरमल नाम का एक व्यक्ति सड़क हादसे में घायल हो गया था और उसे अस्पताल लाया गया. जिसके बाद चिकित्सकों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया. उसके बाद सांवरमल के परिजनों की समझाइश की गई, जिसके बाद उन्होंने उसके अंग दान करने की सहमति दे दी और सांवरमल का हार्ट 17 वर्षीय मरीज को लगाया गया. तो वहीं लिवर एक निजी अस्पताल में प्रत्यारोपित किया गया और दोनों किडनी SMS हॉस्पिटल में ही प्रत्यारोपित की गई.

Intro:जयपुर- 16 जनवरी को सवाई मानसिंह अस्पताल में पहला कैडेवर हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया और प्रदेश के सरकारी क्षेत्र के अस्पताल में यह हार्ट ट्रांसप्लांट का पहला मामला है मामले को लेकर चिकित्सकों ने बताया कि जिस मरीज को हार्ट लगाया गया था उसकी हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है


Body:मामले को लेकर आज सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज की ओर से प्रेस वार्ता आयोजित की गई जहां अस्पताल में हुए पहले हार्ट ट्रांसप्लांट के बारे में चिकित्सकों ने जानकारी दी। इस मौके पर सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ सुधीर भंडारी ने कहा की है सवाई मानसिंह अस्पताल प्रदेश का पहला ऐसा सरकारी अस्पताल है जहां कैडेवर हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया है और इसके पीछे स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन ने सबसे बड़ा काम किया है क्योंकि ब्रेन डेड मरीज के परिजनों कि समझाइश का काम इस ऑर्गेनाइजेशन ने किया। वही इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम देने वाले सवाई मानसिंह अस्पताल के कार्डियक सर्जन डॉ अनिल शर्मा और उनकी टीम को मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने बधाई भी दी। इस मौके पर डॉ अनिल शर्मा ने कहा कि इस तरह के ऑपरेशन काफी जटिल होते हैं लेकिन इस हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद मरीज की हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है मरीज को वेंटीलेटर से हटा दिया गया है और अब लिक्विड पदार्थ भी मरीज को पिलाया जा रहा है। मरीज की रिकवरी देखते हुए उसे जल्द ही अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया जाएगा। दरअसल 10 जनवरी को ब्यावर के पास सांवरमल नाम का एक व्यक्ति सड़क हादसे में घायल हो गया था और उसे अस्पताल लाया गया जिसके बाद चिकित्सकों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया और सांवरमल के परिजनों की समझाइश की गई जिसके बाद उन्होंने उसके अंग दान करने की सहमति दे दी और सांवरमल का हार्ट 17 वर्षीय मरीज को लगाया गया तो वही लिवर एक निजी अस्पताल में प्रत्यारोपित किया गया और दोनों किडनी एस एम एस हॉस्पिटल में ही प्रत्यारोपित की गई।

बाईट- डॉ अनिल शर्मा कार्डियक सर्जन एस एम एस हॉस्पिटल
बाईट- डॉक्टर मोहित शर्मा असिस्टेंट प्रोफेसर कार्डियक विभाग एस एम एस हॉस्पिटल


Conclusion:
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