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प्रसंज्ञान से बचने के लिए राजाराम आरोप पत्र वापस करवाना चाहता है: एसीबी

बीवीजी कंपनी के नगर निगम पर बकाया 276 करोड़ रुपए के भुगतान के बदले 20 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने के मामले में आरोपी राजाराम ने आरोप पत्र को अधूरा बताया है. राजाराम ने आरोप पत्र वापस भेजने की गुहार लगाई है.

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राजाराम मामले में हुई सुनवाई
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Published : Sep 2, 2021, 8:20 PM IST

जयपुर. बीवीजी कंपनी के नगर निगम पर बकाया 276 करोड़ रुपए के भुगतान के बदले 20 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने के मामले में आरोपी राजाराम के प्रार्थना पत्र पर एसीबी कोर्ट में सुनवाई हुई. राजाराम ने आरोप पत्र को अधूरा बताते हुए वापस भेजने की गुहार लगाई है.

एसीबी ने प्रार्थना पत्र का जवाब देते हुए कहा कि आरोपी ने चालान वापस लौटाने संबंधी प्रार्थना पत्र केवल बहस और प्रसंज्ञान से बचने के लिए दायर किया है. आरोपियों के खिलाफ दायर किए गए चालान में सभी दस्तावेज उपलब्ध हैं और उन्होंने कानूनी प्रक्रियानुसार पूरा चालान पेश किया है. एसीबी की ओर से कोर्ट से कोई तथ्य नहीं छिपाए गए हैं. आरोपी के घर की तलाशी में मिले दस्तावेजों को लेकर अलग से जांच की जा रही है.

पढ़ें: BVG कंपनी रिश्वत प्रकरण: राजाराम और बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि ओमकार सप्रे को भेजा जेल

इसके अलावा आरोपी के खिलाफ जांच लंबित नहीं हैं. कोर्ट ने एसीबी के जवाब को सुनकर मामले की सुनवाई 9 सितंबर को तय की. वहीं कोर्ट ने एसीबी अफसरों पर कार्रवाई संबंधी प्रार्थना पत्र की सुनवाई 10 सितंबर को तय की. गौरतलब है कि राजाराम ने एसीबी कोर्ट में दो अलग-अलग प्रार्थना पत्र दायर कर एसीबी की ओर से गत 27 अगस्त को पेश चालान को अधूरा बताते हुए कोर्ट से आग्रह किया था कि वह चालान को वापस लौटा दे.

प्रार्थना पत्र में कहा गया कि एसीबी ने आरोपी को 29 जून को गिरफ्तार किया था और उसके मकान की 12 घंटों तक तलाशी लेते हुए बड़ी संख्या में दस्तावेज व डायरियों को दो स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में जब्त किया था, लेकिन इन्हें आरोप पत्र के साथ पेश नहीं किया गया.

जयपुर. बीवीजी कंपनी के नगर निगम पर बकाया 276 करोड़ रुपए के भुगतान के बदले 20 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने के मामले में आरोपी राजाराम के प्रार्थना पत्र पर एसीबी कोर्ट में सुनवाई हुई. राजाराम ने आरोप पत्र को अधूरा बताते हुए वापस भेजने की गुहार लगाई है.

एसीबी ने प्रार्थना पत्र का जवाब देते हुए कहा कि आरोपी ने चालान वापस लौटाने संबंधी प्रार्थना पत्र केवल बहस और प्रसंज्ञान से बचने के लिए दायर किया है. आरोपियों के खिलाफ दायर किए गए चालान में सभी दस्तावेज उपलब्ध हैं और उन्होंने कानूनी प्रक्रियानुसार पूरा चालान पेश किया है. एसीबी की ओर से कोर्ट से कोई तथ्य नहीं छिपाए गए हैं. आरोपी के घर की तलाशी में मिले दस्तावेजों को लेकर अलग से जांच की जा रही है.

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इसके अलावा आरोपी के खिलाफ जांच लंबित नहीं हैं. कोर्ट ने एसीबी के जवाब को सुनकर मामले की सुनवाई 9 सितंबर को तय की. वहीं कोर्ट ने एसीबी अफसरों पर कार्रवाई संबंधी प्रार्थना पत्र की सुनवाई 10 सितंबर को तय की. गौरतलब है कि राजाराम ने एसीबी कोर्ट में दो अलग-अलग प्रार्थना पत्र दायर कर एसीबी की ओर से गत 27 अगस्त को पेश चालान को अधूरा बताते हुए कोर्ट से आग्रह किया था कि वह चालान को वापस लौटा दे.

प्रार्थना पत्र में कहा गया कि एसीबी ने आरोपी को 29 जून को गिरफ्तार किया था और उसके मकान की 12 घंटों तक तलाशी लेते हुए बड़ी संख्या में दस्तावेज व डायरियों को दो स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में जब्त किया था, लेकिन इन्हें आरोप पत्र के साथ पेश नहीं किया गया.

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