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सदन में बोले चिकित्सा मंत्री, कहा- बचाव ही कोरोना का उपचार, लेकिन लोगों ने जो सावधानी छोड़ी है वो खतरे की घंटी

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Published : Aug 21, 2020, 3:20 PM IST

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि कोरोना का बचाव ही उपचार है. लेकिन राजस्थान में लोगों ने सावधानी छोड़ दी है, जो खतरे की घंटी है. सदन में अपने संबोधन के दौरान रघु शर्मा ने भीलवाड़ा मॉडल और रामगंज मॉडल की प्रशंसा की.

health Minister statement regarding Corona, Rajasthan assembly session
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा

जयपुर. प्रदेश में कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के बीच अब चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने भी यह साफ कर दिया है कि यह महामारी कब तक खत्म होगी इस बारे में कोई भी कुछ कह नहीं सकता. ऐसे में बचाव ही इसका उपचार है, लेकिन राजस्थान में लोगों ने जिस तरह से सावधानी छोड़ी है वह खतरे की घंटी है. राजस्थान विधानसभा में सदन में कोरोना पर चल रही चर्चा के दौरान चिकित्सा मंत्री ने यह बात कही.

'बचाव ही कोरोना का उपचार है'

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि हम पुलिस और अन्य एजेंसियों के माध्यम से इस तरह की लापरवाही पर सख्ती भी कर सकते हैं. लेकिन हमारे जनप्रतिनिधियों को भी इस मामले में लोगों को जागरूक करना होगा और खास तौर पर जो गाइडलाइन बनी है. जिसमें मुंह पर मास्क लगाना, 2 गज की दूरी रखना, सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूकना आदि का भी ध्यान रखना होगा.

पढ़ें- 6 घंटे की बहस कोरोना के लिए तय, राजनीतिक दलों को समय भी हुआ आवंटित... लेकिन हंगामे के आगे सब बेबस

इस बीच सदन में मौजूद भाजपा विधायक मदन दिलावर और अन्य ने चिकित्सा मंत्री की ओर इशारा करते हुए कहा कि आपने तो मुंह पर मास्क नहीं लगाया. तब रघु शर्मा ने कहा कि वो बोलते समय मुंह पर मास्क नहीं लगाते. ऐसे में विपक्ष के अन्य विधायकों ने भी छींटाकशी शुरू कर दी, जिस पर मंत्री ने नाराज होते हुए कहा आप सब इस गंभीर मसले को मजाक के रूप में ना लें. ऐसे में सीपी जोशी को इस दौरान दखल देना पड़ा और विपक्ष के विधायकों को चुप कराना पड़ा.

प्रदेश में है यह व्यवस्था...

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि राजस्थान में कोरोना महामारी से बचाव के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पताल बनाए गए हैं, तो वहीं 40 निजी अस्पतालों को भी इसके लिए अधिकृत किया गया है. शर्मा ने बताया कि प्रदेश में 42,306 आइसोलेटेड बेड की व्यवस्था उपलब्ध है, वहीं 8090 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की भी सुविधा राजस्थान में उपलब्ध है.

पढ़ें : चिकित्सा मंत्री का दावा, राजस्थान में कोविड-19 से मृत्यु दर सबसे कम और रिकवरी रेट सबसे ज्यादा

लॉकडाउन और अनलॉक में इस तरह बढ़े कोरोना मरीज

रघु शर्मा ने कहा कि जल्द ही प्रदेश में इस महामारी से जुड़े कई चिकित्सा उपकरण मंगाए जा रहे हैं. सदन में संबोधन के दौरान चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने प्रदेश में लॉकडाउन-4 के तहत बढ़े मरीजों की संख्या का आंकड़ा भी रखा और अनलॉक के दौरान पॉजिटिव केस में हुई बढ़ोतरी के आंकड़े भी सदन में साझा किए.

लॉकडाउन-1 के दौरान जहां प्रदेश में 38 कोरोना के मरीज थे, जो लॉकडाउन 4.0 तक बढ़कर 5507 पहुंच गए. लेकिन जब अनलॉक-1 शुरू हुआ तो यह आंकड़ा 9100 से अधिक पहुंच गया. वहीं, अनलॉक-2 में 18,300 पार कर गया. इसी तरह अनलॉक-3 में ये आंकड़ा 67 हजार से अधिक पहुंच गया. राजस्थान में कोरोना से अब तक 926 लोगों की मौत हो चुकी है.

पढ़ें- कोरोना पर विधानसभा में हंगामा, 3 बार स्थगित हुई कार्यवाही, सिलसिलेवार जानिए किसने क्या कहा...

भीलवाड़ा मॉडल के बाद रामगंज मॉडल सफल

सदन में अपने संबोधन के दौरान रघु शर्मा ने भीलवाड़ा मॉडल की भी प्रशंसा की. साथ ही रामगंज मॉडल को लेकर भी चिकित्सा विभाग की पीठ थपथपाई. उन्होंने कहा कि रामगंज में जिस तरह से एकाएक कोविड-19 के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ, उसके बाद वहां पर जिस तरह से काम किया गया वह अपने आप में एक बड़ा सफल मॉडल है.

जयपुर. प्रदेश में कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के बीच अब चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने भी यह साफ कर दिया है कि यह महामारी कब तक खत्म होगी इस बारे में कोई भी कुछ कह नहीं सकता. ऐसे में बचाव ही इसका उपचार है, लेकिन राजस्थान में लोगों ने जिस तरह से सावधानी छोड़ी है वह खतरे की घंटी है. राजस्थान विधानसभा में सदन में कोरोना पर चल रही चर्चा के दौरान चिकित्सा मंत्री ने यह बात कही.

'बचाव ही कोरोना का उपचार है'

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि हम पुलिस और अन्य एजेंसियों के माध्यम से इस तरह की लापरवाही पर सख्ती भी कर सकते हैं. लेकिन हमारे जनप्रतिनिधियों को भी इस मामले में लोगों को जागरूक करना होगा और खास तौर पर जो गाइडलाइन बनी है. जिसमें मुंह पर मास्क लगाना, 2 गज की दूरी रखना, सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूकना आदि का भी ध्यान रखना होगा.

पढ़ें- 6 घंटे की बहस कोरोना के लिए तय, राजनीतिक दलों को समय भी हुआ आवंटित... लेकिन हंगामे के आगे सब बेबस

इस बीच सदन में मौजूद भाजपा विधायक मदन दिलावर और अन्य ने चिकित्सा मंत्री की ओर इशारा करते हुए कहा कि आपने तो मुंह पर मास्क नहीं लगाया. तब रघु शर्मा ने कहा कि वो बोलते समय मुंह पर मास्क नहीं लगाते. ऐसे में विपक्ष के अन्य विधायकों ने भी छींटाकशी शुरू कर दी, जिस पर मंत्री ने नाराज होते हुए कहा आप सब इस गंभीर मसले को मजाक के रूप में ना लें. ऐसे में सीपी जोशी को इस दौरान दखल देना पड़ा और विपक्ष के विधायकों को चुप कराना पड़ा.

प्रदेश में है यह व्यवस्था...

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि राजस्थान में कोरोना महामारी से बचाव के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पताल बनाए गए हैं, तो वहीं 40 निजी अस्पतालों को भी इसके लिए अधिकृत किया गया है. शर्मा ने बताया कि प्रदेश में 42,306 आइसोलेटेड बेड की व्यवस्था उपलब्ध है, वहीं 8090 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की भी सुविधा राजस्थान में उपलब्ध है.

पढ़ें : चिकित्सा मंत्री का दावा, राजस्थान में कोविड-19 से मृत्यु दर सबसे कम और रिकवरी रेट सबसे ज्यादा

लॉकडाउन और अनलॉक में इस तरह बढ़े कोरोना मरीज

रघु शर्मा ने कहा कि जल्द ही प्रदेश में इस महामारी से जुड़े कई चिकित्सा उपकरण मंगाए जा रहे हैं. सदन में संबोधन के दौरान चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने प्रदेश में लॉकडाउन-4 के तहत बढ़े मरीजों की संख्या का आंकड़ा भी रखा और अनलॉक के दौरान पॉजिटिव केस में हुई बढ़ोतरी के आंकड़े भी सदन में साझा किए.

लॉकडाउन-1 के दौरान जहां प्रदेश में 38 कोरोना के मरीज थे, जो लॉकडाउन 4.0 तक बढ़कर 5507 पहुंच गए. लेकिन जब अनलॉक-1 शुरू हुआ तो यह आंकड़ा 9100 से अधिक पहुंच गया. वहीं, अनलॉक-2 में 18,300 पार कर गया. इसी तरह अनलॉक-3 में ये आंकड़ा 67 हजार से अधिक पहुंच गया. राजस्थान में कोरोना से अब तक 926 लोगों की मौत हो चुकी है.

पढ़ें- कोरोना पर विधानसभा में हंगामा, 3 बार स्थगित हुई कार्यवाही, सिलसिलेवार जानिए किसने क्या कहा...

भीलवाड़ा मॉडल के बाद रामगंज मॉडल सफल

सदन में अपने संबोधन के दौरान रघु शर्मा ने भीलवाड़ा मॉडल की भी प्रशंसा की. साथ ही रामगंज मॉडल को लेकर भी चिकित्सा विभाग की पीठ थपथपाई. उन्होंने कहा कि रामगंज में जिस तरह से एकाएक कोविड-19 के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ, उसके बाद वहां पर जिस तरह से काम किया गया वह अपने आप में एक बड़ा सफल मॉडल है.

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