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ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की आपूर्ति को लेकर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने केंद्रीय मंत्री से की बात - राजस्थान में रेमडेसिविर की आपूर्ति

चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से बात कर राज्य में दैनिक मेडिकल ऑक्सीजन की निर्धारित मात्रा को तत्काल बढ़ाकर 250 मीट्रिक टन और इस माह के अंत तक 325 मीट्रिक टन करने का आग्रह किया है. साथ ही रेमडेसिविर इंजेक्शन की भी मांग की है.

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ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की आपूर्ति को लेकर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने केंद्रीय मंत्री से की बात
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Published : Apr 21, 2021, 10:20 PM IST

जयपुर. चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से दूरभाष पर बात कर और पत्र लिखकर राज्य में दैनिक मेडिकल ऑक्सीजन उपभोग की मांग के अनुरूप राष्ट्रीय प्लान में आवंटित तरल मेडिकल ऑक्सीजन की निर्धारित मात्रा को तत्काल बढ़ाकर 250 मीट्रिक टन और इस माह के अंत तक 325 मीट्रिक टन करने का आग्रह किया है. वहीं राज्य की आपात स्थिति को देखते हुए 120 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन तत्काल उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है. उन्होंने कोरोनो के उपचार में काम आने वाली रेमडेसिविर की आपूर्ति भी सुनुश्चित करने का आग्रह किया है.

डॉ. शर्मा ने तरल मेडिकल ऑक्सीजन के सुचारू और सुगम परिवहन के लिए तात्कालिक रूप से 100 मीट्रिक टन क्षमता के तथा सात दिवस पश्चात 200 मीट्रिक टन क्षमता के पर्याप्त टेंकर उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया है. उन्होंने पत्र में लिखा कि राजस्थान में कोविड-19 से सक्रमित मरीजों की संख्या और संक्रमण स्तर में निरन्तर अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है. वर्तमान में राजस्थान में 85 हजार से अधिक एक्टिव केसेज हैं तथा इनकी संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है. इसके कारण राज्य में मेडिकल ऑक्सीजन की मांग भी निरन्तर बढ़ रही है.

डॉ. शर्मा ने कहा इसी तरह कोरोना के उपचार में आने वाली महत्वपूर्ण दवा रेमडेसिविर की मांग भी बढ़ रही है. राजस्थान इस संबंध में पहले से तैयार था एवं दवा कम्पनी के साथ में रेट कांट्रेक्ट कर रखे थे. केसेज की संख्या बढ़ने पर पिछले दो सप्ताह में कुल 1 लाख 5 हजार के क्रयादेश तीन बड़ी कम्पनी सिप्ला, कैडिला और मेलान को जारी किये गये. इन सभी कम्पनी की उत्पाद इकाईयां प्रदेश से बाहर है. बढ़ती मांग को देखते हुए निरन्तर इन कंपनियों से वार्ता करने पर भी आज तक कुल 17 हजार 770 ही प्राप्त हो सके है. हाल ही में सिप्ला द्वारा राजस्थान को प्राप्त होने वाली 2 हजार वायल गोआ सरकार द्वारा हस्तक्षेप करने से रोक ली गई है. इस प्रकार मेलान द्वारा भेजे जाने वाली 3 हजार वायल भी कल कर्नाटक सरकार के हस्तक्षेप के कारण प्राप्त नहीं हो सकी है. इसके चलते राजस्थान में दवाई की किल्लत पूरी तरह हो गई है. यदि यह स्थिति बनी रही तो हालात और भयावह हो सकते हैं.

दरअसल वर्तमान में राज्य में प्रतिदिन 250 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता है. पिछले 5 दिनों की तुलनात्मक अध्ययन से यह स्पष्ट है कि प्रतिदिन मेडिकल ऑक्सीजन उपभोग में लगभग 10-12 मीट्रिक टन की वृद्धि हो रही है. इसके कारण इस माह के अंत तक ही राज्य में मेडिकल ऑक्सीजन उपभोग लगभग 325 मीट्रिक टनप्रतिदिन से भी अधिक तक जाने की आशंका है, जबकि राष्ट्रीय प्लान में राजस्थान के लिए आवंटित तरल मेडिकल ऑक्सीजन की मात्रा 160 मीट्रिक टन ही है, जो वर्तमान परिस्थितियों के परिपेक्ष्य में नितान्त अपर्याप्त है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्लान के अनुसार राजस्थान को जामनगर के रिलायन्स उद्योग से आवंटित 35 मीट्रिक टन तरल मेडिकल तथा मेसर्स आईनॉक्स एयर प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड, भिवाड़ी से राजस्थान को आवंटित 65 मीट्रिक टनऑक्सीजन मात्रा की आपूर्ति पूर्ण रूप से नहीं की जा रही है। इससे राजस्थान में जरूरतमंद कोविड-19 से संक्रमित व अन्य गंभीर मरीजों को पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में समस्या उत्पन्न हो रही है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्लान में अन्य राज्यों को जहां कोविड-19 के संक्रमितों की संख्या राजस्थान से कम है, उन्हें राजस्थान से अधिक तरल मेडिकल ऑक्सीजन का आवंटन किया गया है.

यह भी पढ़ें- बड़ा हादसा: टेम्पो और कार में भयंकर टक्कर, 4 लोगों की दर्दनाक मौत, 3 गंभीर घायल

चिकित्सा मंत्री ने पत्र में लिखा कि भारत सरकार ने के राष्ट्रीय प्लान में राजस्थान के अलवर जिले के भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र में स्थित आइनॉक्स कंपनी से राजस्थान को 65 मीट्रिक टन, मध्यप्रदेश को 40 मीट्रिक टन व दिल्ली को क्रमशः 15 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन का आवंटन किया गया है, लेकिन आईनॉक्स कंपनी ने अपने स्तर से ही राष्ट्रीय प्लान के विपरीत अन्य राज्यों को भी तरल मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की है. उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में अलवर जिला कलक्टर ने भी सूचित कर दिया था. उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा राष्ट्रीय प्लान के विपरीत हरियाणा को 25.57 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है. इसी प्रकार दिल्ली को राष्ट्रीय प्लान के अनुसार आवंटित निर्धारित मात्रा 15 मीट्रिक टन के विपरीत 22.86 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन आपूर्ति की गई है.

जयपुर. चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से दूरभाष पर बात कर और पत्र लिखकर राज्य में दैनिक मेडिकल ऑक्सीजन उपभोग की मांग के अनुरूप राष्ट्रीय प्लान में आवंटित तरल मेडिकल ऑक्सीजन की निर्धारित मात्रा को तत्काल बढ़ाकर 250 मीट्रिक टन और इस माह के अंत तक 325 मीट्रिक टन करने का आग्रह किया है. वहीं राज्य की आपात स्थिति को देखते हुए 120 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन तत्काल उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है. उन्होंने कोरोनो के उपचार में काम आने वाली रेमडेसिविर की आपूर्ति भी सुनुश्चित करने का आग्रह किया है.

डॉ. शर्मा ने तरल मेडिकल ऑक्सीजन के सुचारू और सुगम परिवहन के लिए तात्कालिक रूप से 100 मीट्रिक टन क्षमता के तथा सात दिवस पश्चात 200 मीट्रिक टन क्षमता के पर्याप्त टेंकर उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया है. उन्होंने पत्र में लिखा कि राजस्थान में कोविड-19 से सक्रमित मरीजों की संख्या और संक्रमण स्तर में निरन्तर अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है. वर्तमान में राजस्थान में 85 हजार से अधिक एक्टिव केसेज हैं तथा इनकी संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है. इसके कारण राज्य में मेडिकल ऑक्सीजन की मांग भी निरन्तर बढ़ रही है.

डॉ. शर्मा ने कहा इसी तरह कोरोना के उपचार में आने वाली महत्वपूर्ण दवा रेमडेसिविर की मांग भी बढ़ रही है. राजस्थान इस संबंध में पहले से तैयार था एवं दवा कम्पनी के साथ में रेट कांट्रेक्ट कर रखे थे. केसेज की संख्या बढ़ने पर पिछले दो सप्ताह में कुल 1 लाख 5 हजार के क्रयादेश तीन बड़ी कम्पनी सिप्ला, कैडिला और मेलान को जारी किये गये. इन सभी कम्पनी की उत्पाद इकाईयां प्रदेश से बाहर है. बढ़ती मांग को देखते हुए निरन्तर इन कंपनियों से वार्ता करने पर भी आज तक कुल 17 हजार 770 ही प्राप्त हो सके है. हाल ही में सिप्ला द्वारा राजस्थान को प्राप्त होने वाली 2 हजार वायल गोआ सरकार द्वारा हस्तक्षेप करने से रोक ली गई है. इस प्रकार मेलान द्वारा भेजे जाने वाली 3 हजार वायल भी कल कर्नाटक सरकार के हस्तक्षेप के कारण प्राप्त नहीं हो सकी है. इसके चलते राजस्थान में दवाई की किल्लत पूरी तरह हो गई है. यदि यह स्थिति बनी रही तो हालात और भयावह हो सकते हैं.

दरअसल वर्तमान में राज्य में प्रतिदिन 250 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता है. पिछले 5 दिनों की तुलनात्मक अध्ययन से यह स्पष्ट है कि प्रतिदिन मेडिकल ऑक्सीजन उपभोग में लगभग 10-12 मीट्रिक टन की वृद्धि हो रही है. इसके कारण इस माह के अंत तक ही राज्य में मेडिकल ऑक्सीजन उपभोग लगभग 325 मीट्रिक टनप्रतिदिन से भी अधिक तक जाने की आशंका है, जबकि राष्ट्रीय प्लान में राजस्थान के लिए आवंटित तरल मेडिकल ऑक्सीजन की मात्रा 160 मीट्रिक टन ही है, जो वर्तमान परिस्थितियों के परिपेक्ष्य में नितान्त अपर्याप्त है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्लान के अनुसार राजस्थान को जामनगर के रिलायन्स उद्योग से आवंटित 35 मीट्रिक टन तरल मेडिकल तथा मेसर्स आईनॉक्स एयर प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड, भिवाड़ी से राजस्थान को आवंटित 65 मीट्रिक टनऑक्सीजन मात्रा की आपूर्ति पूर्ण रूप से नहीं की जा रही है। इससे राजस्थान में जरूरतमंद कोविड-19 से संक्रमित व अन्य गंभीर मरीजों को पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में समस्या उत्पन्न हो रही है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्लान में अन्य राज्यों को जहां कोविड-19 के संक्रमितों की संख्या राजस्थान से कम है, उन्हें राजस्थान से अधिक तरल मेडिकल ऑक्सीजन का आवंटन किया गया है.

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चिकित्सा मंत्री ने पत्र में लिखा कि भारत सरकार ने के राष्ट्रीय प्लान में राजस्थान के अलवर जिले के भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र में स्थित आइनॉक्स कंपनी से राजस्थान को 65 मीट्रिक टन, मध्यप्रदेश को 40 मीट्रिक टन व दिल्ली को क्रमशः 15 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन का आवंटन किया गया है, लेकिन आईनॉक्स कंपनी ने अपने स्तर से ही राष्ट्रीय प्लान के विपरीत अन्य राज्यों को भी तरल मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की है. उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में अलवर जिला कलक्टर ने भी सूचित कर दिया था. उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा राष्ट्रीय प्लान के विपरीत हरियाणा को 25.57 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है. इसी प्रकार दिल्ली को राष्ट्रीय प्लान के अनुसार आवंटित निर्धारित मात्रा 15 मीट्रिक टन के विपरीत 22.86 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन आपूर्ति की गई है.

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