जयपुर. कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी बनी हुई है, लेकिन इसी बीच प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने दावा किया है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमितों के बढ़ते केसेज के साथ रेमडेसिविर इंजेक्शन के व्यवस्थित वितरण के प्रयास किए जा रहे हैं. चिकित्सा संस्थानों की मांग और उपलब्धता के अनुसार इंजेक्शनों का वितरण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल से अब तक 81,964 इंजेक्शनों का वितरण सरकारी और निजी अस्पतालों को किया जा चुका है.
शर्मा ने बताया कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में 53 हजार 552 और निजी क्षेत्र से 27 हजार 631 और लगभग 74 निजी अस्पतालों को 781 रेेमडेसिविर इंजेक्शन वितरण किए जा चुके हैं, लेकिन इसी बीच मरीजों की संख्या में 20 मार्च के बाद लगातार बढ़ोतरी हुई. इससे रेमडेसिविर की मांग में भी अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है. चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 2 अप्रैल को एक्टिव केसेज की संख्या 10, 484 थी जो कि आज 1 लाख 36 हजार से ज्यादा हो गई है. उन्होंने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की अप्रत्याशित मांग के अनुसार आरएमएससीएल की ओर से अप्रैल महीने में कुल 1,75,000 मात्रा के खरीद के आदेश सिप्ला, कैडिला हैल्थकेयर और मायलेन लेबोरेट्री को जारी किए गए.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पिछले एक वर्ष यानी कि 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 और 1 अप्रैल 2021 से 25 अप्रैल 2021 में जारी खरीद का तुलनात्मक अध्ययन किया जाए तो लगभग पिछले एक वर्ष में प्रति महीने औसतन 20,567 इंजेक्शन खरीदे गए थे. जबकि अप्रैल-2021 महीने में गत वर्ष के प्रति महीने औसत के लगभग 8.5 गुना संख्या के खरीद के आदेश जारी किए गए हैं. उन्होंने बताया कि आपूर्ति कम होने के बावजूद भी 36 टोसिलीजूमेब इंजेक्शन वितरण के लिए जारी किए गए हैं.
शर्मा ने बताया कि 22 अप्रैल को भारत सरकार की ओर से विभिन्न राज्यों को रेमडेसिविर का अलोकेशन किया गया था, जिसमें से राजस्थान को 21 अप्रैल से 30 अप्रैल तक मात्र 26,500 इंजेक्शन का आवंटन किया गया. चिकित्सा सचिव की ओर से केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर मांग के अनुसार हमारा कोटा रिवाइज करने के लिए लिखा. अब भारत सरकार ने राजस्थान का कोटा रिवाइज करके 67,000 कर दिया है.
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चिकित्सा मंत्री ने बताया कि कर्नाटक एवं गोवा मामले में मैंने स्वयं केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने को कहा. यही नहीं राजस्थान के सभी लोकसभा एवं राज्यसभा के सांसदों को भी पत्र लिखकर राजस्थान के हिस्से की दवाइयों को नहीं रोके जाने के लिए आग्रह किया. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक, आरएमएससीएल की ओर से तीनों ही क्रयादेश वाली कंपनियोें के राष्ट्रीय हैड या एम.डी. से लगातार फॉलो कर स्टॉक मंगाया जा रहा है. पिछले 16 दिनों में कंपनियों की ओर से 33 हजार 350 रेमडेसिविर की सप्लाई की गई है और अगले सप्ताह में सप्लाई बढ़ाने का कमिटमेंट किया गया है.
गौरतलब है कि रेमडेसिविर निर्माता कंपनियां राजस्थान से बाहर स्थित है और कई बार राजस्थान को मिलने वाली सप्लाई को रोकने के भी मामले सामने आए हैं. इंजेक्शन के क्रयादेश जारी की गई निर्माता कंपनियों को राज्यवार केन्द्र से प्राप्त आवंटन की सप्लाई आवंटित मात्रा अनुसार सप्लाई करने पर भी संशय बना हुआ है. चिकित्सा संस्थानों की मांग और उपलब्धता के अनुसार इंजेक्शनों का वितरण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल से तक 81 हजार 964 इंजेक्शनों का वितरण सरकारी और निजी अस्पतालों को अब तक किया जा चुका है.
एमडी आरएमएससीएल आलोक रंजन ने बताया कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में 53 हजार 552 और निजी क्षेत्र से 27 हजार 631 और लगभग 74 निजी अस्पतालों को 781 रेमडेसिविर इंजेक्शन वितरण किए जा चुके हैं.