जयपुर. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने मौतों का आंकड़ा छुपाना शुरू कर दिया है. शनिवार को सरकारी आंकड़ों में राजधानी में कोरोना से सिर्फ तीन मौत बताई गई जबकि अकेले आदर्श नगर मोक्ष धाम में 7 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया. इसी तरह रविवार को जहां सरकारी आंकड़ों में जयपुर में 4 मौत बताई गई जबकि आदर्श नगर श्मशान घाट में ही खबर लिखे जाने तक 5 कोरोना पॉजिटिव का अंतिम संस्कार किया गया.
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर लगातार तेज होती जा रही है. स्थिति ये है कि जिले में एक बार फिर से कोरोना का महाविस्फोट हुआ है. जिससे सरकार और प्रशासन की सख्ती के दावे खुलकर सामने आ गए. दूसरी ओर आम जनता की चिंता भी बढ़ गई है. अब तक सर्वाधिक रिकॉर्ड केस रविवार को मिले, जहां 1963 पॉजिटिव और 4 मौत का सरकारी आंकड़ा पेश किया गया.
हालांकि, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का ये आंकड़ा हकीकत से दूर है. ईटीवी भारत की पड़ताल में सामने आया है कि शनिवार को अकेले आदर्श नगर मोक्ष धाम पर 7 कोरोना पॉजिटिव का अंतिम संस्कार किया गया जबकि शनिवार को कोरोना से मरने वालों की संख्या 3 ही बताई गई.
आदर्श नगर मोक्ष धाम से मिली जानकारी के अनुसार...
- चांदपोल बाजार में रहने वाली विमला देवी शर्मा
- प्रताप नगर में रहने वाले श्याम बंधु सक्सेना
- आगरा से जयपुर इलाज के लिए आई राजकुमारी जैन
- अग्रवाल फॉर्म में रहने वाली तारा देवी गोयल
- आमेर रोड पर रहने वाली विरंदी जैन
- जवाहर नगर में रहने वाले रवि सिंह
- खेतड़ी की रहने वाली जनक दुलारी
शनिवार को आदर्श नगर स्थित मोक्षधाम में इन 7 लोगों का अंतिम संस्कार हुआ. ये सभी कोरोना संक्रमित थे. इनमें से 6 को आरयूएचएस से जबकि एक को प्राइवेट अस्पताल रुंगटा से लाया गया था. बताया जा रहा है कि 2020 के बाद 17 अप्रैल को पहली बार एक साथ इतने कोरोना पॉजिटिव लोगों का अंतिम संस्कार किया गया है. वहीं, रविवार को जहां सरकारी आंकड़ों में जयपुर में 4 मौत बताई गई जबकि आदर्श नगर श्मशान घाट में ही खबर लिखे जाने तक 5 कोरोना पॉजिटिव का अंतिम संस्कार किया गया.
राज्य सरकार की ओर से छुपाए जा रहे मौत के आंकड़े पर ग्रेटर नगर निगम महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर ने भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार केंद्र सरकार पर तो वैक्सीनेशन को लेकर निशाने साध रही ही है, लेकिन खुद के राज्य में नहीं झांक रही. प्रदेश में कई जगह कोरोना की जांच तक नहीं हो रही. मरने वालों का आंकड़ा तक छुपा रही है. सरकार प्रबंधन के नाम पर वाहवाही लूट रही है. यदि सरकार कुशल प्रबंधन कर रही है, तो फिर मौत के आंकड़े क्यों छुपा रही है.