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इन जिलों में फिर होंगे एक निगम, यूडीएच मंत्री ने कहा - जनहित में लिया गया फैसला - NAGAR NIGAM MERGER

राजधानी जयपुर, जोधपुर और कोटा के निगमों को एक किया जा रहा है. इसकी प्रक्रिया रविवार से शुरू होगी.

इन जिलों में फिर होंगे एक निगम
इन जिलों में फिर होंगे एक निगम (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 15, 2025, 10:13 AM IST

Updated : Feb 15, 2025, 10:56 AM IST

जयपुर : राजधानी जयपुर के दोनों नगर निगम हेरिटेज और ग्रेटर को एक करने की प्रक्रिया रविवार से शुरू होगी. इसके साथ ही जोधपुर और कोटा के निगमों को भी एक किया जा रहा है. 3 महीने तक चलने वाली इस प्रक्रिया के तहत 16 फरवरी से 20 मार्च तक वार्डों में परिसीमन के प्रस्ताव को तैयार कर प्रकाशित किए जाएंगे और 15 मई तक सभी आपत्तियों का निस्तारण करते हुए प्रस्तावों का अनुमोदन किया जाएगा. इस पर यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने भी स्पष्ट शब्दों में कहा कि राजनीतिक हित के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने दो निगमों का फैसला लिया था.

जयपुर में 150 वार्ड हो सकते हैं : अब तक बयानों में जयपुर, जोधपुर और कोटा के निगमों को एक करने की बात की जा रही थी, लेकिन अब इसे धरातल पर उतारने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. इस संबंध में स्वायत्त शासन विभाग ने वार्डों के परिसीमन और पुनर्गठन के आदेश जारी कर दिए हैं. इसमें तीनों शहरों में स्थापित दो-दो नगर निगमों का एकीकरण करना प्रस्तावित है. इसी आधार पर वार्डों की संख्या का निर्धारण करते हुए वार्डों का परिसीमन और पुनर्गठन किया जाएगा. हालांकि, अभी वार्डों के पुनर्गठन का काम वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर ही होगा. बताया जा रहा है कि नए सिरे से वार्डों की संख्या के तहत जयपुर में 150 जबकि जोधपुर कोटा में 100-100 वार्ड हो सकते हैं. इस संबंध में स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक इंद्रजीत सिंह ने जिला कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्देश भी जारी किए हैं.

यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा (ETV Bharat)

पढे़ं. हेरिटेज-ग्रेटर नगर निगम को एक कर भाजपा कार्यकर्ताओं की भी गर्दन काट रहे हैं सीएम: कांग्रेस जिलाध्यक्ष

3 महीने चलेगी प्रक्रिया :

  1. वार्डों के परिसीमन का प्रस्ताव तैयार कर प्रकाशन : 16 फरवरी से 20 मार्च
  2. प्रस्ताव पर आपत्ति और सुझाव आमंत्रित : 21 मार्च से 10 अप्रैल
  3. सुझावों पर टिप्पणी और सरकार को प्रेषित करना : 11 अप्रैल से 1 मई
  4. आपत्तियों का निस्तारण और अनुमोदन : 2 मई से 15 मई

समस्याओं का समाधान करने में आसानी होगी : इस संबंध में यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि देश का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र मुंबई है. वहां भी एक ही महानगरपालिका है और वो बहुत अच्छी तरह से काम कर रही है. उसके मुकाबले यहां जिन शहरों में दो-दो निगम किए गए, उनकी आबादी मुंबई की तुलना में 10 से 15% ही हैं, इसलिए राज्य सरकार ने सैद्धांतिक रूप से विचार करते हुए एक निगम करने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि अनावश्यक निगम के बंटवारे से कई प्रकार की भ्रांतियां और दिक्कतें उत्पन्न होती हैं. जब एक निगम होगा तो शहरी क्षेत्र में समान रूप से विकास के काम करने और लोगों की समस्याओं का समाधान करने में आसानी होगी.

उन्होंने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि राजनीतिक हित के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने दो निगमों का फैसला लिया था. बीजेपी सरकार जनहित में एक निगम करने का फैसला ले रही है. आपको बता दें कि राज्य के सभी नगरीय निकायों में इस निर्धारित कार्यक्रमों को लागू करने के लिए स्वायत्त शासन विभाग की सचिव अमृता चौधरी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जबकि निकायों के परिसीमन कार्य जिला निर्वाचन अधिकारी यानी जिला कलेक्टर के निर्देशन में होगा.

जयपुर : राजधानी जयपुर के दोनों नगर निगम हेरिटेज और ग्रेटर को एक करने की प्रक्रिया रविवार से शुरू होगी. इसके साथ ही जोधपुर और कोटा के निगमों को भी एक किया जा रहा है. 3 महीने तक चलने वाली इस प्रक्रिया के तहत 16 फरवरी से 20 मार्च तक वार्डों में परिसीमन के प्रस्ताव को तैयार कर प्रकाशित किए जाएंगे और 15 मई तक सभी आपत्तियों का निस्तारण करते हुए प्रस्तावों का अनुमोदन किया जाएगा. इस पर यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने भी स्पष्ट शब्दों में कहा कि राजनीतिक हित के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने दो निगमों का फैसला लिया था.

जयपुर में 150 वार्ड हो सकते हैं : अब तक बयानों में जयपुर, जोधपुर और कोटा के निगमों को एक करने की बात की जा रही थी, लेकिन अब इसे धरातल पर उतारने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. इस संबंध में स्वायत्त शासन विभाग ने वार्डों के परिसीमन और पुनर्गठन के आदेश जारी कर दिए हैं. इसमें तीनों शहरों में स्थापित दो-दो नगर निगमों का एकीकरण करना प्रस्तावित है. इसी आधार पर वार्डों की संख्या का निर्धारण करते हुए वार्डों का परिसीमन और पुनर्गठन किया जाएगा. हालांकि, अभी वार्डों के पुनर्गठन का काम वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर ही होगा. बताया जा रहा है कि नए सिरे से वार्डों की संख्या के तहत जयपुर में 150 जबकि जोधपुर कोटा में 100-100 वार्ड हो सकते हैं. इस संबंध में स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक इंद्रजीत सिंह ने जिला कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्देश भी जारी किए हैं.

यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा (ETV Bharat)

पढे़ं. हेरिटेज-ग्रेटर नगर निगम को एक कर भाजपा कार्यकर्ताओं की भी गर्दन काट रहे हैं सीएम: कांग्रेस जिलाध्यक्ष

3 महीने चलेगी प्रक्रिया :

  1. वार्डों के परिसीमन का प्रस्ताव तैयार कर प्रकाशन : 16 फरवरी से 20 मार्च
  2. प्रस्ताव पर आपत्ति और सुझाव आमंत्रित : 21 मार्च से 10 अप्रैल
  3. सुझावों पर टिप्पणी और सरकार को प्रेषित करना : 11 अप्रैल से 1 मई
  4. आपत्तियों का निस्तारण और अनुमोदन : 2 मई से 15 मई

समस्याओं का समाधान करने में आसानी होगी : इस संबंध में यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि देश का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र मुंबई है. वहां भी एक ही महानगरपालिका है और वो बहुत अच्छी तरह से काम कर रही है. उसके मुकाबले यहां जिन शहरों में दो-दो निगम किए गए, उनकी आबादी मुंबई की तुलना में 10 से 15% ही हैं, इसलिए राज्य सरकार ने सैद्धांतिक रूप से विचार करते हुए एक निगम करने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि अनावश्यक निगम के बंटवारे से कई प्रकार की भ्रांतियां और दिक्कतें उत्पन्न होती हैं. जब एक निगम होगा तो शहरी क्षेत्र में समान रूप से विकास के काम करने और लोगों की समस्याओं का समाधान करने में आसानी होगी.

उन्होंने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि राजनीतिक हित के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने दो निगमों का फैसला लिया था. बीजेपी सरकार जनहित में एक निगम करने का फैसला ले रही है. आपको बता दें कि राज्य के सभी नगरीय निकायों में इस निर्धारित कार्यक्रमों को लागू करने के लिए स्वायत्त शासन विभाग की सचिव अमृता चौधरी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जबकि निकायों के परिसीमन कार्य जिला निर्वाचन अधिकारी यानी जिला कलेक्टर के निर्देशन में होगा.

Last Updated : Feb 15, 2025, 10:56 AM IST
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