जयपुर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश की 67 प्रयोगशालाओं (राजकीय-36, निजी-29 और केंद्रीय-2) में 78 हजार से ज्यादा जांचें प्रतिदिन की जा रही हैं. जल्द ही यह आंकड़ा 1 लाख तक पहुंच जाएगा. उन्होंने कहा कि लक्षण प्रतीत होते ही जांच करवाकर कोरोना के गंभीर संक्रमण से बचा जा सकता है.
शर्मा ने कहा कि प्रदेश में अब तक 81,11,760 व्यक्तियों की जांचें की जा चुकी है. जांचों के लिए राजकीय संस्थानों पर 134 आरटीपीसीआर मशीन और 69 आरएनए एक्सट्रेक्टर मशीन उपलब्ध है. सभी राजकीय प्रयोगशालाओं में कोविड की जांच निःशुल्क की जा रही है, जबकि निजी प्रयोगशालाओं में इस जांच के लिए अधिकतम 350 रुपए लिए जा रहे हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकार पूरी तरह सजग और सतर्कता के साथ काम कर रही है. विभाग की ओर से संदिग्ध रोगी की प्रारंभिक अवस्था में पहचान करने के लिए रेंडम सैंपलिंग का कार्य किया जा रहा है. रेंडम सैंपलिंग में विशेष तौर पर सुपर स्प्रेडर जैसे घरेलू नौकर, किराने की दुकान, हेयर ड्रेसर, ब्यूटी पार्लर, धोबी इत्यादि के सैंपल लिए जा रहे हैं. इसके साथ ही ऐसे स्थान जहां पर अधिक व्यक्ति कार्य करते हैं जैसे बैंक, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, जेल इत्यादि में भी व्यक्तियों के सैंपल लिए जा रहे हैं ताकि समय रहते संदिग्ध रोगी की पहचान की जा सके.
429 चिकित्सा संस्थानों से हो रहा कोविड संक्रमितों का उपचार
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि संक्रमितों के उपचार के लिए राज्य सरकार की ओर से कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है. वर्तमान में कोविड रोगियों के उपचार के लिए 429 चिकित्सा संस्थानों से रोगियों का उपचार किया जा रहा है, जिसमें 282 कोविड केयर सेंटर, 87 डेडिकेटेड कोविड हैल्थ सेंटर और 60 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल हैं. उन्होंने बताया कि 225 निजी चिकित्सालयों को कोविड के उपचार के लिए अधिकृत किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में 42,886 आइसोलेशन बेड, 8532 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड और 2326 आईसीयू बेड उपलब्ध है.
25 जगहों पर ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित
उन्होंने बताया कि वर्तमान में कोविड के रोगियों के उपचार के लिए 1749 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं और सभी उपजिला और जिला अस्पतालों में सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन पाइपलाइन स्थापित की जा चुकी है. उन्होंने बताया कि राज्य में 43 स्थानों पर ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित किया जाना प्रस्तावित है, जिसमें 25 प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं और शेष 18 प्रक्रियाधीन है.
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रदेश में व्यापक स्तर पर क्वॉरेंटाइन या आइसोलेशन सेंटर बनाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि संदिग्ध कोरोना रोगियों को निगरानी में रखने या उपचार के लिए अब तक 1 लाख 14 हजार 288 क्वॉरेंटाइन बेड और 42 हजार 886 आइसोलेशन बेड चिन्हित किए जा चुके हैं.
3.50 लाख से ज्यादा मरीज पॉजिटिव से हुए नेगेटिव
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि भले ही प्रदेश में पॉजिटिव केसेज के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है, लेकिन हजारों की संख्या में मरीज पॉजिटिव से नेगेटिव भी हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि शुक्रवार तक 3,62,526 रोगी उपचार के बाद स्वस्थ होकर सकुशल घर लौटे हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमन में राज्य में 1,17,294 एक्टिव केस हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में व्यापक स्तर पर एक्टिव सर्विलेंस (घर-घर सर्वे) का काम किया जा रहा है.
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उन्होंने कहा कि कोरोना के अलावा होने वाली बीमारियों के निवारण के लिए गांवों में 272 मेडिकल मोबाईल वैन संचालित की जा रही है. ई-संजीवनी की ओर से भी दूर दराज के व्यक्ति को मोबाइल के माध्यम से चिकित्सकों से चिकित्सकीय उपचार एवं परामर्श लेने के लिए सुविधा उपलब्ध करवायी गई है. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज या जिला स्तर पर रैपिड रिस्पॉन्स टीम का गठन किया जा चुका है.
जिले में पॉजिटिव पाए जाने पर मेडिकल कॉलेज स्तर की रेपिड रिस्पॉन्स टीम सर्वप्रथम वहां पहुंचकर अपना कार्य सम्पादित करती है. उन्होंने बताया कि रोगियों के उपचार, स्क्रीनिंग के लिए जिले में उपलब्ध मोबाइल मेडिकल यूनिट और मोबाइल मेडिकल वैन का उपयोग किया जा रहा है.