जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने हिंडौन पंचायत समिति की खरेटा ग्राम पंचायत में वर्ष 2013 में सड़क के निर्माण पर खर्च हुए 5 लाख की वसूली तत्कालीन सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी और कनिष्ठ तकनीकी सहायक से करने पर रोक लगाई है. इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख पंचायती राज सचिव और करौली जिला परिषद के सीईओ सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़ ने यह आदेश तत्कालीन सरपंच बिजेंद्र सिंह और अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए.
अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि याचिकाकर्ता ने वर्ष 2013 में एईएन के निरीक्षण में इस रोड का निर्माण कराया था. वहीं वर्ष 2016 की ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया कि सड़क निर्माण सही नहीं हुआ है. इस पर राज्य सरकार ने जनवरी 2020 में निर्माण पर खर्च हुई राशि की वसूली याचिकाकर्ताओं से करने के आदेश जारी कर दिए.
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याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने इस विभाग में सड़क का भौतिक सत्यापन करने का आग्रह किया था, लेकिन सरकार ने इसका सत्यापन किए बिना ही वसूली के नोटिस जारी कर दिए. जिस पर सुनवाई करते हुए करते हुए एकलपीठ ने वसूली पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.