ETV Bharat / city

समलेटी बम कांड: फांसी की सजा बरकरार, उम्रकैद काट रहे 6 आरोपी बरी - jaipur

समलेटी बम कांड में फैसला सुनाते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को मामले का मुख्य अभियुक्त मानते हुए अब्दुल हमीद की फांसी की सजा को बरकरार रखा. वहीं, उम्रकैद की सजा काट रहे 6 आरोपियों को बरी कर दिया.

समलेटी बम कांड में 6 आरोपी बरी
author img

By

Published : Jul 22, 2019, 9:17 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वर्ष 1996 में समलेटी गांव के निकट बस में हुए बम धमाके के मामले में अभियुक्त डॉ. अब्दुल हमीद को मिली फांसी की सजा को बरकरार रखा है. इसके साथ ही अदालत ने एक अन्य अभियुक्त पप्पू सलीम की आजीवन कारावास की सजा भी बहाल रखी है. जबकि अदालत ने पिछले 22 साल से जेल में बंद कश्मीर निवासी जावेद खान, अब्दुल गनी, लतीफ अहमद वाजा, मोहम्मद अली भट्ट और मिर्जा निसार हुसैन सहित यूपी निवासी रईस बेग को बरी कर दिया है.

न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने यह आदेश अभियुक्तों की ओर से दायर अपील और राज्य सरकार के डेथ रेफरेंस पर सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि अब्दुल हमीद बस में बम रखने का मुख्य अभियुक्त है. इसकी 26 जनवरी 1996 में एसएमएस स्टेडियम में भी बम रखने की भूमिका रही है. अभियुक्त ने बम रखकर 14 लोगों की जान ली है.

समलेटी बम कांड में 6 आरोपी बरी

वहीं, अदालत ने माना कि रईस बेग ने भले ही एसएमएस स्टेडियम में बम रखने के मामले में सजा भुगती हो, लेकिन इस मामले में उसकी भूमिका सामने नहीं आई है. इसी तरह अदालत ने अन्य आरोपियों की संलिप्तता से इनकार करते हुए उन्हें बरी कर दिया है. मामले के अनुसार 22 मई 1996 को आगरा से बीकानेर जा रही राजस्थान रोडवेज की बस में समलेटी गांव के पास विस्फोट हुआ था.

जिसमें 14 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 39 लोग घायल हो गए थे. घटना के बाद बांदीकुई के एडीजे कोर्ट ने 29 सितंबर 2014 को अब्दुल हमीद को फांसी की सजा सुनाते हुए अन्य आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया था. वहीं अदालत ने तीन अन्य फारुख अहमद, कुलविन्दर सिंह और चन्द्रप्रकाश अग्रवाल को बरी कर दिया था.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वर्ष 1996 में समलेटी गांव के निकट बस में हुए बम धमाके के मामले में अभियुक्त डॉ. अब्दुल हमीद को मिली फांसी की सजा को बरकरार रखा है. इसके साथ ही अदालत ने एक अन्य अभियुक्त पप्पू सलीम की आजीवन कारावास की सजा भी बहाल रखी है. जबकि अदालत ने पिछले 22 साल से जेल में बंद कश्मीर निवासी जावेद खान, अब्दुल गनी, लतीफ अहमद वाजा, मोहम्मद अली भट्ट और मिर्जा निसार हुसैन सहित यूपी निवासी रईस बेग को बरी कर दिया है.

न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने यह आदेश अभियुक्तों की ओर से दायर अपील और राज्य सरकार के डेथ रेफरेंस पर सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि अब्दुल हमीद बस में बम रखने का मुख्य अभियुक्त है. इसकी 26 जनवरी 1996 में एसएमएस स्टेडियम में भी बम रखने की भूमिका रही है. अभियुक्त ने बम रखकर 14 लोगों की जान ली है.

समलेटी बम कांड में 6 आरोपी बरी

वहीं, अदालत ने माना कि रईस बेग ने भले ही एसएमएस स्टेडियम में बम रखने के मामले में सजा भुगती हो, लेकिन इस मामले में उसकी भूमिका सामने नहीं आई है. इसी तरह अदालत ने अन्य आरोपियों की संलिप्तता से इनकार करते हुए उन्हें बरी कर दिया है. मामले के अनुसार 22 मई 1996 को आगरा से बीकानेर जा रही राजस्थान रोडवेज की बस में समलेटी गांव के पास विस्फोट हुआ था.

जिसमें 14 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 39 लोग घायल हो गए थे. घटना के बाद बांदीकुई के एडीजे कोर्ट ने 29 सितंबर 2014 को अब्दुल हमीद को फांसी की सजा सुनाते हुए अन्य आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया था. वहीं अदालत ने तीन अन्य फारुख अहमद, कुलविन्दर सिंह और चन्द्रप्रकाश अग्रवाल को बरी कर दिया था.

बचाव पक्ष के वकील शाहिद हसन की बाईट


समलेटी बम कांड: फांसी की सजा बरकरार, उम्रकैद काट रहे छह आरोपी बरी
जयपुर, 22 जुलाई। राजस्थान हाईकोर्ट ने वर्ष 1996 में समलेटी गांव के निकट बस में हुए बम धमाके के मामले में अभियुक्त डॉ. अब्दुल हमीद को मिली फांसी की सजा को बरकरार रखा है। इसके साथ ही अदालत ने एक अन्य अभियुक्त पप्पू सलीम की आजीवन कारावास की सजा भी बहाल रखी है। जबकि अदालत ने पिछले 22 साल से जेल में बंद कश्मीर निवासी जावेद खान, अब्दुल गोनी, लतीफ अहमद वाजा, मोहम्मद अली भट्ट और मिर्जा निसार हुसैन सहित यूपी निवासी रईस बेग को बरी कर दिया है। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने यह आदेश अभियुक्तों की ओर से दायर अपील  और राज्य सरकार के डेथ रेफरेंस पर सुनवाई करते हुए दिए।
अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि अब्दुल हमीद बस में बम रखने का मुख्य अभियुक्त है। इसकी 26 जनवरी 1996 में एसएमएस स्टेडियम में भी बम रखने की भूमिका रही है। अभियुक्त ने बम रखकर 14 लोगों की जान ली है। वहीं अदालत ने माना कि रईस बेग ने भले ही एसएमएस स्टेडियम में बम रखने के मामले में सजा भुगती हो, लेकिन इस मामले में उसकी भूमिका सामने नहीं आई है। इसी तरह अदालत ने अन्य आरोपियों की संलिप्तता से इंकार करते हुए उन्हें बरी कर दिया है।
मामले के अनुसार 22 मई 1996 को आगरा से बीकानेर जा रही राजस्थान रोडवेज की बस में समलेटी गांव के पास विस्फोट हुआ था। जिसमें 14 लोगों की मौत हुई थी। जबकि 39 लोग घायल हो गए थे। घटना के बाद बांदीकुई के एडीजे कोर्ट ने 29 सितंबर 2014 को अब्दुल हमीद को फांसी की सजा सुनाते हुए अन्य आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया था। वहीं अदालत ने तीन अन्य फारुख अहमद, कुलविन्दर सिंह और चन्द्रप्रकाश अग्रवाल को बरी कर दिया था। 
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.