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गैंग रेप के आरोपियों को जमानत देने पर HC ने निचली अदालत को लगाई फटकार - jaipur news

राजस्थान हाईकोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा कि हाईकोर्ट से तीन बार नाबालिग से गैंगरेप के आरोपियों की जमानत याचिका खारिज होने के बाद भी आरोपियों को निचली अदालत से जमानत कैसे मिल गई. अदालत ने जमानत देने वाले धौलपुर पॉक्सो कोर्ट के न्यायिक अधिकारी को लेकर कार्रवाई के लिए मामले को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को भेजा है.

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Published : Sep 24, 2019, 8:37 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मानसिक रूप से कमजोर नाबालिग से गैंग रेप के मामले में आरोपी पंजाब सिंह और ऐशवीर को निचली अदालत से मिली जमानत को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने जमानत देने वाले धौलपुर पॉक्सो कोर्ट के न्यायिक अधिकारी को लेकर कार्रवाई के लिए मामले को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को भेजा है.

न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश पीडिता के पिता की ओर से दायर जमानत रद्द करने के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

जमानत देने वाली निचली अदालत पर सख्त हुई HC

पढ़ें: अलवर में मॉब लिंचिंग नॉनस्टॉपः मुनफेद खान मामले में 7 आरोपी गिरफ्तार...पुलिस ने कोर्ट में किया पेश

अदालत ने सवाल उठाते हुए कहा कि हाईकोर्ट से तीन बार जमानत याचिका खारिज होने के बाद भी आरोपियों को निचली अदालत से जमानत कैसे मिल गई. सरकारी वकील शेरसिंह महला ने बताया कि दोनों अभियुक्तों ने मानसिक रूप से कमजोर 16 साल की पीड़िता का धौलपुर के बाडी थाना इलाके से 22 सितंबर 2016 को अपहरण कर चार दिनों तक गैंग रेप किया था. हाईकोर्ट ने दोनों आरोपियों की 5 अक्टूबर 2017, 16 मई 2018 और 20 जुलाई 2018 को जमानत याचिकाएं खारिज की थी. वहीं पॉक्सो कोर्ट, धौलपुर में पीड़िता सहित 15 गवाहों के बयान भी दर्ज हो चुके हैं. इसके बावजूद न्यायिक अधिकारी ने गत 4 मई को दोनों आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मानसिक रूप से कमजोर नाबालिग से गैंग रेप के मामले में आरोपी पंजाब सिंह और ऐशवीर को निचली अदालत से मिली जमानत को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने जमानत देने वाले धौलपुर पॉक्सो कोर्ट के न्यायिक अधिकारी को लेकर कार्रवाई के लिए मामले को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को भेजा है.

न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश पीडिता के पिता की ओर से दायर जमानत रद्द करने के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

जमानत देने वाली निचली अदालत पर सख्त हुई HC

पढ़ें: अलवर में मॉब लिंचिंग नॉनस्टॉपः मुनफेद खान मामले में 7 आरोपी गिरफ्तार...पुलिस ने कोर्ट में किया पेश

अदालत ने सवाल उठाते हुए कहा कि हाईकोर्ट से तीन बार जमानत याचिका खारिज होने के बाद भी आरोपियों को निचली अदालत से जमानत कैसे मिल गई. सरकारी वकील शेरसिंह महला ने बताया कि दोनों अभियुक्तों ने मानसिक रूप से कमजोर 16 साल की पीड़िता का धौलपुर के बाडी थाना इलाके से 22 सितंबर 2016 को अपहरण कर चार दिनों तक गैंग रेप किया था. हाईकोर्ट ने दोनों आरोपियों की 5 अक्टूबर 2017, 16 मई 2018 और 20 जुलाई 2018 को जमानत याचिकाएं खारिज की थी. वहीं पॉक्सो कोर्ट, धौलपुर में पीड़िता सहित 15 गवाहों के बयान भी दर्ज हो चुके हैं. इसके बावजूद न्यायिक अधिकारी ने गत 4 मई को दोनों आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया.

Intro:बाईट- सरकारी वकील शेरसिंह महला


जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने मानसिक रूप से कमजोर नाबालिग से गैंग रेप के मामले में आरोपियों पंजाब सिंह और ऐशवीर को निचली अदालत से मिली जमानत को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने जमानत देने वाले धौलपुर पॉक्सो कोर्ट के न्यायिक अधिकारी को लेकर कार्रवाई के लिए मामले को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को भेजा है। न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश पीडिता के पिता की ओर से दायर जमानत रद्द करने के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए।Body:अदालत ने सवाल उठाते हुए कहा कि हाईकोर्ट से तीन बार जमानत याचिका खारिज होने के बाद भी आरोपियों को निचली अदालत से जमानत कैसे मिल गई।
सरकारी वकील शेरसिंह महला ने बताया कि दोनों अभियुक्तों ने मानसिक रूप से कमजोर 16 साल की पीडिता का धौलपुर के बाडी थाना इलाके से 22 सितंबर 2016 को अपहरण कर चार दिनों तक गैंग रेप किया था। हाईकोर्ट ने दोनों आरोपियों की 5 अक्टूबर 2017, 16 मई 2018 और 20 जुलाई 2018 को जमानत याचिकाएं खारिज की थी। वहीं पॉक्सो कोर्ट, धौलपुर में पीडिता सहित 15 गवाहों के बयान भी दर्ज हो चुके हैं। इसके बावजूद न्यायिक अधिकारी ने गत 4 मई को दोनों आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया।Conclusion:
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