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कुल की रस्म के साथ हजरत बदुल्लाशाह उर्स का समापन, अधिक संख्या में जुटे अकिदतमंद - हजरत बादुल्लाशाह बाबा

राजधानी में हजरत बदुल्लाशाह बाबा के 15वें 3 दिवसीय उर्स का समापन हुआ. कुरआन ख्वानी के साथ शुरू हुआ ये उर्स कव्वाली के साथ खत्म हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में अकीदतमंद शामिल हुए.

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Published : Nov 22, 2019, 9:51 AM IST

जयपुर. राजधानी के घाट गेट इलाके की कबाड़ियों की मस्जिद के पीछे बाबू का टीबा स्थित हजरत बादुल्लाशाह बाबा के सालाना 15वें तीन दिवसीय उर्स का समापन कुल की रस्म के साथ सम्पन्न हुआ. इस मौके पर कई धार्मिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया. इन धार्मिक कार्यक्रमों की शुरुआत सुबह फज्र की नमाज के बाद कुरान ख्वानी के साथ हुई.

हजरत बदुल्लाशाह उर्स का समापन

वहीं देर रात को कव्वाली का कार्यक्रम भी शुरू हुआ. इस कव्वाली के कार्यक्रम में जयपुर सहित प्रदेश के जाने-माने कव्वाल पार्टियों ने अपना कलाम प्रस्तुत किया और वहां पर मौजूद जायरीनों से दाद बटोरी. साथ ही रात को फातिहा ख्वानी भी कि गई और लंगर भी जायरीन को बांटा गया. इस मौके पर देशभर में शांति और भाईचारे की दुआ भी की गई.

यह भी पढे़ं- सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की मौत पर NGT ने लिया प्रसंज्ञान

जायरीन इकराम खान ने बताया कि उर्स के पहले दिन की शुरुआत सुबह कुरआन ख्वानी हुई. रात में इशा की नमाज के बाद मिलाद व नातख्वानी की महफिल आयोजित हुई. उर्स के दूसरे दिन रात में इशा की नमाज के बाद महफिले समा का आयोजन हुआ. जिसमें शहर के कव्वालों ने एक से बढ़कर एक सूफियाना कलाम सुनाकर महफिल को रूहानी किया.

जयपुर. राजधानी के घाट गेट इलाके की कबाड़ियों की मस्जिद के पीछे बाबू का टीबा स्थित हजरत बादुल्लाशाह बाबा के सालाना 15वें तीन दिवसीय उर्स का समापन कुल की रस्म के साथ सम्पन्न हुआ. इस मौके पर कई धार्मिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया. इन धार्मिक कार्यक्रमों की शुरुआत सुबह फज्र की नमाज के बाद कुरान ख्वानी के साथ हुई.

हजरत बदुल्लाशाह उर्स का समापन

वहीं देर रात को कव्वाली का कार्यक्रम भी शुरू हुआ. इस कव्वाली के कार्यक्रम में जयपुर सहित प्रदेश के जाने-माने कव्वाल पार्टियों ने अपना कलाम प्रस्तुत किया और वहां पर मौजूद जायरीनों से दाद बटोरी. साथ ही रात को फातिहा ख्वानी भी कि गई और लंगर भी जायरीन को बांटा गया. इस मौके पर देशभर में शांति और भाईचारे की दुआ भी की गई.

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जायरीन इकराम खान ने बताया कि उर्स के पहले दिन की शुरुआत सुबह कुरआन ख्वानी हुई. रात में इशा की नमाज के बाद मिलाद व नातख्वानी की महफिल आयोजित हुई. उर्स के दूसरे दिन रात में इशा की नमाज के बाद महफिले समा का आयोजन हुआ. जिसमें शहर के कव्वालों ने एक से बढ़कर एक सूफियाना कलाम सुनाकर महफिल को रूहानी किया.

Intro:हजरत बदुल्लाशाह बाबा के 15 वें 3 दिवसीय उर्स का समापन हुआ. कुरआन ख्वानी के साथ शुरू हुआ ये उर्स कव्वाली के साथ खत्म हुआ. जिसमें बड़ी संख्या में अकीदतमंद शामिल हुए.Body:जयपुर. राजधानी जयपुर के घाट गेट इलाके की कबाड़ियों की मस्जिद के पीछे बाबू का टीबा स्थित हजरत बादुल्लाशाह बाबा के सालाना 15 वें तीन दिवसीय उर्स का समापन कुल की रस्म के साथ सम्पन्न हुआ. इस मौके पर कई धार्मिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया. इन धार्मिक कार्यक्रमों की शुरुआत सुबह फज्र की नमाज के बाद कुरान ख्वानी के साथ हुई.

वहीं देर रात को कव्वाली का कार्यक्रम भी शुरू हुआ. इस कव्वाली के कार्यक्रम में जयपुर सहित प्रदेश के जाने-माने कव्वाल पार्टियों ने अपना कलाम प्रस्तुत किया और वहां पर मौजूद जायरीनो से दाद बटोरी. साथ ही रात को फातिहा ख्वानी भी कि गई और लंगर भी जायरीन को बांटा गया. इस मौके पर देशभर में शांति और भाईचारे की दुआ भी की गई.

वही जायरीन इकराम खान ने बताया कि उर्स के पहले दिन की शुरुआत सुबह कुरआन ख्वानी हुई, रात में इशा की नमाज के बाद मिलाद व नातख्वानी की महफिल आयोजित हुई। उर्स के दूसरे दिन रात में इशा की नमाज के बाद महफिले समा का आयोजन हुआ. जिसमें शहर के कव्वालों ने एक से बढ़कर एक सूफियाना कलाम सुनाकर महफिल को रूहानी किया। उर्स के  तीसरे दिन सुबह लंगर का आयोजन किया गया और शाम को कुल की रस्म के साथ इस तीन दिवसीय उर्स का समापन हुआ.

बाइट - इकराम खान, जायरीनConclusion:...
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