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'नोटिस के आधार पर छीनी जा सकती है विधायकों की सदस्यता'

पायलट खेमें के 19 विधायकों को मिले नोटिस के फैसले को पूर्व विधायक संघ के अध्यक्ष हरिमोहन शर्मा ने कानूनी रूप से सही बताया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान शर्मा ने कहा कि इन नोटिस के आधार पर 19 विधायकों की सदस्यता भी छीनी जा सकती है.

पूर्व मंत्री हरिमोहन शर्मा, Former Minister Harimohan Sharma
विधायकों को नोटिस दिए जाने के फैसले को हरिमोहन शर्मा ने बताया सही
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Published : Jul 15, 2020, 4:26 PM IST

जयपुर. प्रदेश में चल रहे सियासी संग्राम के बीच पायलट कैंप के 19 विधायकों को विधानसभा की ओर से जारी किए गए नोटिस पर राजनीति जारी है. इन नोटिस को जहां भाजपा नेता कानूनी रूप से गलत बता रहे हैं तो वहीं पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक संघ के अध्यक्ष हरिमोहन शर्मा इन नोटिस को कानूनी रूप से सही करार दे रहे हैं. साथ ही यह भी कहा है कि इन नोटिस के आधार पर 19 विधायकों की सदस्यता भी छीनी जा सकती है.

विधायकों को नोटिस दिए जाने के फैसले को हरिमोहन शर्मा ने बताया सही

ईटीवी भारत से खास बातचीत में हरिमोहन शर्मा ने कहा कि दिए गए नोटिस दल बदल कानून के तहत आते हैं, क्योंकि नियम अनुसार विधायक दल की बैठक में यदि विहिप जारी होने के बावजूद विधायक नहीं पहुंचते हैं तो पार्टी उन पर इस नियम के तहत कार्रवाई करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह कर सकती है. कांग्रेस ने भी यही किया है. अब विधानसभा अध्यक्ष को दोनों पक्षों की सुनवाई करके निर्णय लेना है, लेकिन जो कानून और नियम कहते हैं उसके तहत कार्रवाई होना लगभग निश्चित है.

पढ़ेंः अब चित्तौड़गढ़ में पायलट समर्थकों का प्रदर्शन...सौंपा इस्तीफा

हरिमोहन शर्मा ने यह भी कहा कि यदि विधायकी और सदस्यता छीनी जाती है तो ऐसी स्थिति में उन विधानसभा सीटों पर 6 माह के भीतर चुनाव कराए जाने के भी नियम हैं. दल बदल कानून के तहत यह प्रावधान है कि राजनीतिक दल विधिवत रूप से अपने विधायकों की सभा बुलाता है और उसमें चेक जारी होता है तो उसमें विधायकों का उपस्थित होना आवश्यक है.

जो विधायक सभा में शामिल नहीं होता है तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है. बता दें कि हरिमोहन शर्मा पूर्व में मंत्री पद दो बार विधायक रह चुके हैं और वर्तमान में प्रगतिशील पूर्व विधायक संघ के अध्यक्ष भी हैं.

जयपुर. प्रदेश में चल रहे सियासी संग्राम के बीच पायलट कैंप के 19 विधायकों को विधानसभा की ओर से जारी किए गए नोटिस पर राजनीति जारी है. इन नोटिस को जहां भाजपा नेता कानूनी रूप से गलत बता रहे हैं तो वहीं पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक संघ के अध्यक्ष हरिमोहन शर्मा इन नोटिस को कानूनी रूप से सही करार दे रहे हैं. साथ ही यह भी कहा है कि इन नोटिस के आधार पर 19 विधायकों की सदस्यता भी छीनी जा सकती है.

विधायकों को नोटिस दिए जाने के फैसले को हरिमोहन शर्मा ने बताया सही

ईटीवी भारत से खास बातचीत में हरिमोहन शर्मा ने कहा कि दिए गए नोटिस दल बदल कानून के तहत आते हैं, क्योंकि नियम अनुसार विधायक दल की बैठक में यदि विहिप जारी होने के बावजूद विधायक नहीं पहुंचते हैं तो पार्टी उन पर इस नियम के तहत कार्रवाई करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह कर सकती है. कांग्रेस ने भी यही किया है. अब विधानसभा अध्यक्ष को दोनों पक्षों की सुनवाई करके निर्णय लेना है, लेकिन जो कानून और नियम कहते हैं उसके तहत कार्रवाई होना लगभग निश्चित है.

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हरिमोहन शर्मा ने यह भी कहा कि यदि विधायकी और सदस्यता छीनी जाती है तो ऐसी स्थिति में उन विधानसभा सीटों पर 6 माह के भीतर चुनाव कराए जाने के भी नियम हैं. दल बदल कानून के तहत यह प्रावधान है कि राजनीतिक दल विधिवत रूप से अपने विधायकों की सभा बुलाता है और उसमें चेक जारी होता है तो उसमें विधायकों का उपस्थित होना आवश्यक है.

जो विधायक सभा में शामिल नहीं होता है तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है. बता दें कि हरिमोहन शर्मा पूर्व में मंत्री पद दो बार विधायक रह चुके हैं और वर्तमान में प्रगतिशील पूर्व विधायक संघ के अध्यक्ष भी हैं.

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