जयपुर. आरएलपी संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ट्वीट कर कहा है कि मोदी सरकार या तो तीनों कृषि कानून वापस ले वरना हम एनडीए के सहयोगी दल बने रहने पर पुनर्विचार करेंगे. ट्वीट में बेनीवाल ने लिखा कि अमित शाह जी देश में चल रहे किसान आंदोलन की भावनाओं को देखते हुए तीनों कानूनों को तत्काल वापस लें और स्वामीनाथन आयोग की संपूर्ण सिफारिशों को लागू करें. किसानों को दिल्ली में त्वरित वार्ता के लिए उनकी मंशा के अनुरूप उचित स्थान दिया जाए.
वहीं, दूसरे ट्वीट में हनुमान बेनीवाल ने लिखा कि चूंकि आरएलपी एनडीए का घटक दल है, लेकिन आरएलपी की ताकत किसान और जवान है. इसलिए अगर इस मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो मुझे किसान हित में एनडीए के सहयोगी दल बने रहने पर पुनर्विचार करना पड़ेगा.
गौरतलब है कि इससे पहले भी हनुमान बेनीवाल इस संबंध में चुनावी जनसभाओं में मीडिया को बयान देते हुए साफ कर चुके हैं कि वह केंद्रीय कृषि बिल में दिए गए कुछ प्रावधानों से सहमत नहीं है. लेकिन अब ट्वीट के जरिए बेनीवाल केंद्र की मोदी सरकार को सीधे चेतावनी दे दी है.
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चूंकि @RLPINDIAorg एनडीए का घटक दल है परन्तु आरएलपी की ताकत किसान व जवान है इसलिए अगर इस मामले में त्वरित कार्यवाही नही की गई तो मुझे किसान हित मे एनडीए का सहयोगी दल बने रहने के विषय पर पुनर्विचार करना पड़ेगा !
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— HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) November 30, 2020
पंचायत राज चुनाव में क्या किसानों को लुभाने के लिए है यह चेतावनी...
राजनीति से जुड़े जानकार बेनीवाल के इस बयान और ट्वीट पर अपना अलग सियासी आकलन कर रहे हैं. जानकारों का मानना है कि प्रदेश में चल रहे पंचायती राज चुनाव में ग्रामीण इलाकों में आरएलपी किसानों को लुभाने के लिए इस प्रकार के बयान दे रही है. हनुमान बेनीवाल एक रणनीति के तहत बार-बार इस प्रकार के बयान और चेतावनी दे रहे हैं, ताकि जो किसान इन केंद्रीय कृषि बिलों के खिलाफ हैं वह कम से कम आरएलपी से इन चुनाव में दूर ना भागें.
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चर्चा इस बात की भी है कि यदि हनुमान बेनीवाल को केंद्रीय कृषि कानून सही नहीं लगते और वह इसके विरोध में हैं तो फिर केंद्र की मोदी सरकार और एनडीए से अपना गठबंधन खत्म करने का तत्काल निर्णय क्यों नहीं लेते.