जयपुर. आरएलपी संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने प्रदेश सरकार का ध्यान घड़साना उपखंड अधिकारी कार्यालय पर चल रहे किसानों के धरने की ओर आकर्षित किया है. आरएलपी प्रमुख ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से किसानों की मांग मानने की अपील की है. बेनीवाल ने कहा कि आईजीएनपी प्रथम चरण के नवीनतम रेगुलेशन के खिलाफ चल रहे धरने पर मुख्यमंत्री को संज्ञान लेकर किसानों की मांगों पर उचित कार्रवाई करना चाहिए.
बेनीवल ने रविवार को एक बयान जारी कर वहां के किसानों की ओर से उपलब्ध करवाई गई. जानकारी के हवाले से कहा कि आईजीएनपी उत्तर के चीफ इंजीनियर विनोद मित्तल की ओर से खरीफ सीजन में 2 दहाई सिंचाई बारी का रेगुलेशन जारी कर बेहुदा मजाक किया है. इस रेगुलेशन के हिसाब से किसान को पहली एवं दूसरी सिंचाई बारी के बीच 35 से 45 दिन लगेंगे जो किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है. ऐसे में गैर जिम्मेदार अभियंता को हटाया जाए क्योंकि इनका संवाद न तो किसानों और न ही जन प्रतिनिधियों के साथ है.
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हनुमान बेनीवाल ने कहा कि चाहे 2004 के भाजपा शासन में घड़साना में हुए किसान आंदोलन की बात कर लें, जहां निर्दोष किसानों पर गोलियां चलाई गईं या कांग्रेस शासन में हुए किसानों के आंदोलन के बाद हुए समझौते की बात करूं, दोनों ही सरकारें आंदोलन के बाद किसानों के बाद किये गए समझौते पर खरी नहीं उतर पाई. सांसद ने सरकार से संज्ञान लेकर किसानों से वार्ता करके किसानों की मंशा के अनुरूप उनकी मांग पर सकारात्मक निर्णय लेने की मांग की. हनुमान बेनीवाल ने यूपी के लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ हुई हिंसा का भी विरोध किया.