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Gupt Navratri 2022: साधना का महापर्व गुप्त नवरात्र का आगाज, देवी दुर्गा के आशीर्वाद से मिलती है सुख-समृद्धि

देवी दुर्गा की आराधना का महापर्व गुप्त नवरात्र (Gupt Navratri 2022) माघ शुक्ल प्रतिपदा (बुधवार) से शुरू हो रहा है. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार किसी भी कार्य में मनवांछित सफलता की कामना से गुप्त नवरात्र में किया गया अनुष्ठान विशेष फल देता है.

Gupt Navratri 2022
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Published : Feb 2, 2022, 11:35 AM IST

जयपुर. देवी दुर्गा की आराधना का महापर्व गुप्त नवरात्र (Gupt Navratri 2022) माघ शुक्ल प्रतिपदा (बुधवार) से शुरू हो रहा है. गुप्त नवरात्र के इन 9 दिनों में साधक देवी की दस महाविद्याओं की पूजा-उपासना करते हैं. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, किसी भी कार्य में मनवांछित सफलता की कामना से गुप्त नवरात्र में किया गया अनुष्ठान विशेष फल देता है. गुप्त नवरात्र की पूजा और व्रत करने वाले साधक अपनी पूजा को गुप्त रखते हैं.

ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार गुप्त नवरात्र में कई खास योग बन रहे हैं. राहु अपनी मित्र राशि वृषभ में स्थित है. सौरमंडल के राजा सूर्य और शनि भी एक साथ मकर राशि में हैं. खास बात यह है कि मकर राशि के स्वामी भी न्याय के देवता शनि हैं. ऐसे में गुप्त नवरात्र में की गई साधना का विशेष फल मिलेगा.

पढ़ें- Horoscope Today 02 February 2022 राशिफल : मेष, कर्क, और धनु राशि वालों के लिए 'अर्थलाभ'

दरअसल, हर साल चार नवरात्र आते हैं. माघ और आषाढ़ में आने वाले नवरात्र गुप्त नवरात्र कहलाते हैं. जबकि चैत्र में आने वाले नवरात्र को चैत्र नवरात्र और अश्विन माह में आने वाले नवरात्र को शारदीय नवरात्र कहा जाता है. गुप्त नवरात्र के दौरान किसी खास प्रयोजन को लेकर देवी दुर्गा की आराधना साधक करते हैं. इस दौरान अपनी पूजा और अनुष्ठान को गुप्त रखा जाता है.

जयपुर. देवी दुर्गा की आराधना का महापर्व गुप्त नवरात्र (Gupt Navratri 2022) माघ शुक्ल प्रतिपदा (बुधवार) से शुरू हो रहा है. गुप्त नवरात्र के इन 9 दिनों में साधक देवी की दस महाविद्याओं की पूजा-उपासना करते हैं. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, किसी भी कार्य में मनवांछित सफलता की कामना से गुप्त नवरात्र में किया गया अनुष्ठान विशेष फल देता है. गुप्त नवरात्र की पूजा और व्रत करने वाले साधक अपनी पूजा को गुप्त रखते हैं.

ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार गुप्त नवरात्र में कई खास योग बन रहे हैं. राहु अपनी मित्र राशि वृषभ में स्थित है. सौरमंडल के राजा सूर्य और शनि भी एक साथ मकर राशि में हैं. खास बात यह है कि मकर राशि के स्वामी भी न्याय के देवता शनि हैं. ऐसे में गुप्त नवरात्र में की गई साधना का विशेष फल मिलेगा.

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दरअसल, हर साल चार नवरात्र आते हैं. माघ और आषाढ़ में आने वाले नवरात्र गुप्त नवरात्र कहलाते हैं. जबकि चैत्र में आने वाले नवरात्र को चैत्र नवरात्र और अश्विन माह में आने वाले नवरात्र को शारदीय नवरात्र कहा जाता है. गुप्त नवरात्र के दौरान किसी खास प्रयोजन को लेकर देवी दुर्गा की आराधना साधक करते हैं. इस दौरान अपनी पूजा और अनुष्ठान को गुप्त रखा जाता है.

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