जयपुर. पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा है कि पहलू खान मामले में गठित एसआईटी का हम स्वागत करते हैं. लेकिन उन्हें इसी तरह के अन्य मामलों में भी एसआईटी गठित कर सच्चाई तक पहुंचने का प्रयास करना चाहिए.
पूर्व गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि पहलूं खान पहले मामले में पहले सामान्य मारपीट का मामला दर्ज किया गया था, लेकिन उसकी मौत के बाद वह मामला 302 में दर्ज किया गया. पहलूं खान के परिजनों द्वारा नामों की सूची दी गई थी, जिसमें सबको मुलजिम बनाया गया था. उन्होंने कहा कि हमले पड़ताल की तो पता चला कि उसमें निर्दोष लोगों के भी नाम थे. उसमें उन लोगों के नाम भी शामिल थे जो गायों को पुलिस के साथ गौशाला छोड़ने गए थे. निर्दोषों के नाम हटाकर बाकियों पर 302 का मुकदमा दर्ज किया गया और उन्हें अंदर डाला गया.
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कटारिया ने कहा कि इस मामले में आरोपियों की हाईकोर्ट में ढाई महीने तक जमानत नहीं हुई. यह इस बात का प्रमाण है कि हमने अच्छे सबूत कोर्ट में पेश किए थे. उन्होंने कहा कि चालान पेश करने के बाद सारी जिम्मेदारी एपीपी और पुलिस प्रॉसिक्यूटर की होती है कि वे कोर्ट में केस किस तरह से लड़ते हैं. कटारिया ने कहा कि पीड़ित चाहे जिस समुदायर से हो उसे न्याय मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को भगवान सद्बुद्धि दे कि वे इस तरह के अन्य मामलों में भी एसआईटी गठित कर सच्चाई तक पहुंचने का प्रयास करें.