जयपुर. कोरोना के बढ़ते संक्रमण और कम पड़ते चिकित्सकीय संसाधनों के बीच अब उन चिकित्सकीय उपकरणों की याद आने लगी है जो पूर्व में खरीदे तो गए थे, लेकिन अब तक उनका उपयोग नहीं हो पाया. ऐसे ही करीब 95 वेंटिलेटर्स उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज के स्टोर में पिछले 1 साल से रखे हुए हैं, जिन्हें ठीक करवा कर उनका उपयोग इस महामारी के बीच करवाने के लिए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन सिंह और प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव अखिल अरोड़ा को पत्र लिखा है.
कटारिया ने पत्र में प्रधानमंत्री केयर फंड से खरीदे गए इन वेंटिलेटर की ओर ध्यान आकर्षित किया और यह भी बताया कि यह वेंटिलेटर आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर के स्टोर में पिछले 1 साल से रखे हुए हैं. इनमें से अधिकतर वेंटिलेटर तय मात्रा के मुताबिक मरीजों को ऑक्सीजन नहीं दे पाते हैं.
गुलाबचंद कटारिया ने बताया कि इनमें से 24 वेंटिलेटर को इंस्टॉल कर उपयोग में लाने का प्रयास भी किया गया था, लेकिन वो चिकित्सकीय दृष्टि से सही नहीं होने के कारण किसी काम में नहीं आ रहे. मरीज को वेंटिलेटर पर रखने के दो-तीन घंटे में यह अपने आप ही बंद हो जाते हैं और कई बार तो ऑक्सीजन प्रेशर भी बंद हो जाता है. वहीं, अधिकांश वेंटिलेटर अब तक इंस्टॉल नहीं किए गए हैं.
पढ़ें- अलवर में होने लगी ऑक्सीजन की कमी, निजी अस्पताल ने मरीजों को भर्ती करने से किया मना
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने आग्रह किया कि संबंधित कंपनी के इंजीनियर दो-तीन बार इन्हें ठीक करने के लिए उदयपुर आए भी, लेकिन उन्हें इसे ठीक करने में सफलता नहीं मिल पाई. ऐसे में कटारिया ने आग्रह किया कि वेंटिलेटर जिस कंपनी या स्थान से क्रय किए गए हैं उनके इंजीनियर की एक टीम अविलंब उदयपुर भेजकर खराब पड़े वेंटिलेटर्स को सही करवा कर चालू करवाने का कष्ट करें. इससे कोरोना महामारी में आम जनता को इसका लाभ मिल सकेगा.
कटारिया ने केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में यह भी लिखा कि यदि आप उचित समझे तो सप्लायर के प्रतिनिधि की कांटेक्ट डिटेल भी उपलब्ध करा दें तो स्थानीय स्तर से भी कंपनी को फॉलो किया जा सकता है.