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कृषि कल्याण टैक्स और पेट्रोल-डीजल वैट में बढ़ोतरी का विरोध, कटारिया ने CM को पत्र लिखकर किया आगाह

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर कृषि कल्याण फीस और पेट्रोल डीजल पर बढ़ा हुआ वैट वापस लेने की मांग की है. पत्र के जरिए उन्होंने सरकार को आगाह किया है कि कोरोना से खाली हुआ खजाना भरने के लिए ये समय उचित नहीं है.

agriculture welfare tax, राजस्थान न्यूज़
गुलाबचंद कटारिया ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
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Published : May 8, 2020, 1:16 PM IST

जयपुर. कोरोना संकट के बीच मंडियों में एग्री कमोडिटी की खरीद-फरोख्त पर लगाए गए 2 फीसदी कृषि कल्याण टैक्स और पेट्रोल डीजल पर वैट में इजाफे का विरोध तेज हो गया है. वहीं, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सरकार को आगाह किया है कि कोरोना से खाली हुआ खजाना भरने के लिए ये समय उचित नहीं है. कटारिया ने इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर कृषि कल्याण फीस और पेट्रोल डीजल पर बढ़ा हुआ वैट वापस लेने की मांग की है.

गुलाबचंद कटारिया ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में कटारिया ने ये भी कहा कि सरकार के इस फैसले का सीधा असर किसान और आम जनता पर पड़ेगा. कटारिया के अनुसार 3 मई से ही मंडियां खुलने के साथ किसानों को उनकी फसल का दाम मिलना शुरू हुआ था. लेकिन, अब सरकार के इस फैसले के विरोध में प्रदेश की 247 कृषि उपज मंडियों के आटा, दाल और तेल मिलों को बंद कर दिया गया है, जिससे सीधे तौर पर प्रभावित केवल किसान होगा और उसे बाहर ओने-पौने दाम में अपनी फसल बेचने पड़ेगी.

पढ़ें: प्रदेश में लॉकडाउन और कर्फ्यू का उल्लंघन करने पर 5 हजार लोगों के खिलाफ 2350 मामले दर्ज

वहीं, पेट्रोल-डीजल पर मार्च में ही प्रदेश सरकार ने वैट बढ़ाया था और उसके बाद अब वापस वैट बढ़ाने से छोटे और मध्यम वर्ग के लोग परेशान होंगे. ये लोग रोजी-रोटी के लिए दो पहिया वाहन में पेट्रोल भरा कर कार्यस्थल तक जाते हैं. कटारिया ने किसी भी दृष्टि से इस समय लिए गए सरकार के निर्णय को गलत बताया और मुख्यमंत्री से मांग की कि वो जनता के हित में ये दोनों ही निर्णय तुरंत प्रभाव से वापस लें.

जयपुर. कोरोना संकट के बीच मंडियों में एग्री कमोडिटी की खरीद-फरोख्त पर लगाए गए 2 फीसदी कृषि कल्याण टैक्स और पेट्रोल डीजल पर वैट में इजाफे का विरोध तेज हो गया है. वहीं, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सरकार को आगाह किया है कि कोरोना से खाली हुआ खजाना भरने के लिए ये समय उचित नहीं है. कटारिया ने इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर कृषि कल्याण फीस और पेट्रोल डीजल पर बढ़ा हुआ वैट वापस लेने की मांग की है.

गुलाबचंद कटारिया ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में कटारिया ने ये भी कहा कि सरकार के इस फैसले का सीधा असर किसान और आम जनता पर पड़ेगा. कटारिया के अनुसार 3 मई से ही मंडियां खुलने के साथ किसानों को उनकी फसल का दाम मिलना शुरू हुआ था. लेकिन, अब सरकार के इस फैसले के विरोध में प्रदेश की 247 कृषि उपज मंडियों के आटा, दाल और तेल मिलों को बंद कर दिया गया है, जिससे सीधे तौर पर प्रभावित केवल किसान होगा और उसे बाहर ओने-पौने दाम में अपनी फसल बेचने पड़ेगी.

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वहीं, पेट्रोल-डीजल पर मार्च में ही प्रदेश सरकार ने वैट बढ़ाया था और उसके बाद अब वापस वैट बढ़ाने से छोटे और मध्यम वर्ग के लोग परेशान होंगे. ये लोग रोजी-रोटी के लिए दो पहिया वाहन में पेट्रोल भरा कर कार्यस्थल तक जाते हैं. कटारिया ने किसी भी दृष्टि से इस समय लिए गए सरकार के निर्णय को गलत बताया और मुख्यमंत्री से मांग की कि वो जनता के हित में ये दोनों ही निर्णय तुरंत प्रभाव से वापस लें.

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