जयपुर. प्रदेश में बीते 1 साल में बड़े अपराधों के आंकड़ों पर अब सियासत शुरू हो गई है. चूंकि गृह विभाग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास है. लिहाजा विपक्ष में बैठी भाजपा बढ़ते अपराध को ही राजनीतिक मुद्दा बनाकर गहलोत को घेरने में जुटी है.
मौजूदा नेता प्रतिपक्ष और पूर्व गृह मंत्री रहे गुलाबचंद कटारिया ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता कर प्रदेश सरकार को बिगड़ती कानून व्यवस्था के मामले में घेरा. कटारिया ने कहा प्रॉपर मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण राजस्थान अपराधों के मामले में देश में दूसरे नंबर पर आ चुका है.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर साधा निशाना...
अपने निवास पर पत्रकारों से रूबरू हुए कटारिया ने कहा कि गृह विभाग जिनके पास है, उनको इस विभाग से कोई मतलब नहीं है. अधिकारियों के भरोसे विभाग छोड़कर काम चलाया नहीं जा सकता. कटारिया ने कहा भाजपा शासनकाल में ना केवल विभाग की प्रॉपर मॉनिटरिंग होती थी, बल्कि थानों की ग्रेडिंग की व्यवस्था भी की गई थी. लेकिन अब राजस्थान में मुख्यमंत्री जयपुर से दिल्ली के चक्कर लगाने में ही व्यस्त हैं.
कटारिया ने कहा राजस्थान में आजादी के बाद बिता 1 साल ऐसा रहा, जिसे कानून व्यवस्था के लिहाज से सबसे लचर माना जा सकता है. क्योंकि इसमें 31 फीसदी अपराध बढ़े हैं. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को यह भी सलाह दी कि यदि वह गृह विभाग के लिए पूर्णकालिक मंत्री नहीं बनाते तो कम से कम इस डिपार्टमेंट को देखने के लिए अपना कोई असिस्टेंट ही रख लें.
पिछली भाजपा सरकार से तुलना कर गिनाया आंकड़े...
गुलाबचंद कटारिया ने इस दौरान प्रेस के समक्ष पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में पांचों साल में घटित हुए अपराधों का आंकड़ा भी मीडिया में रखा और उसकी तुलना मौजूदा सरकार के 1 साल के कार्यकाल से की. कटारिया ने कहा इस राज्य में डकैती के मामलों में बढ़ोतरी हुई है.
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वहीं, पिछले 5 साल के मुकाबले में बीते 1 साल में सबसे ज्यादा सांप्रदायिक तनाव के मामले भी सामने आए हैं. नेता प्रतिपक्ष के अनुसार इस बार 5 हजार 997 मुकदमे बलात्कार के दर्ज हुए. वहीं, नकबजनी में 40 प्रतिशत और चोरी में 48 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. वहीं जयपुर कमिश्नरेट में अपराध 46 फीसदी तक बड़े हैं.