जयपुर. प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच वायरल हुए स्पीकर सीपी जोशी और वैभव गहलोत के वीडियो को लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा है कि इस वीडियो की प्रमाणिकता के बारे में तो स्पीकर ही स्पष्ट करें. कटारिया ने कहा है कि 14 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में भाजपा विधायक कोरोना संकट और बिगड़ती कानून व्यवस्था के मुद्दे के साथ ही होटल में सरकार क्वॉरेंटाइन रही, वो मुद्दा भी प्रमुखता से उठाएंगे. वहीं, उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने को लेकर अब तक पार्टी के स्तर पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
विधानसभा को लेकर बनाई रणनीति
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि 14 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र को लेकर भाजपा विधायकों ने अपनी रणनीति बनाना शुरू कर दी है. खासतौर पर सभी विधायक अपने क्षेत्र की प्रमुख समस्या तो सदन में विभिन्न माध्यमों से उठाएंगे. साथ ही प्रमुख रूप से कोरोना का बढ़ता संक्रमण और प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के अलावा जिस तरह लगातार प्रदेश सरकार और कांग्रेस विधायक होटल में खुद को क्वॉरेंटाइन किए हुए हैं, वो मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया जाएगा.
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जिससे प्रदेश की जनता को भी पता चल सके कि उनकी सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक किस तरह होटल में मौज मस्ती में व्यस्त हैं. गुलाबचंद कटारिया ने कहा हमने तो पहले ही साफ कर दिया था कि सरकार 21 दिन के सामान्य नोटिस पर विधानसभा का सत्र बुलाए, ताकि हर विधायक को अपने-अपने क्षेत्र से जुड़े प्रश्न लगाने का मौका मिल पाए.
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अविश्वास प्रस्ताव की होती है एक पूरी प्रक्रिया
आगामी विधानसभा सत्र में भाजपा की ओर से विश्वास प्रस्ताव लाए जाने संबंधी प्रश्न के जवाब में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की पूरी एक प्रक्रिया होती है और सदन शुरू होने के बाद ही इस प्रक्रिया को शुरू किया जा सकता है.
कटारिया ने कहा कि इसके लिए विधानसभा का कोई भी सदस्य ये प्रस्ताव रख सकता है और एक निश्चित विधायकों की संख्या का समर्थन इसके लिए उसे प्रस्ताव में चाहिए होता है, फिर यदि स्पीकर उसे स्वीकार कर ले तो वो किसी भी दिन उस पर चर्चा के लिए दे सकता है. हालांकि कटारिया ने कहा भाजपा की ओर से इस बारे में फिलहाल कोई भी चर्चा या निर्णय नहीं लिया गया है.