जयपुर. राजधानी जयपुर बीते 6 महीने से अलग-अलग राज्यों के कांग्रेस विधायकों के लिए राजनीतिक पर्यटन करने की पसंदीदा जगह बन गई है. चाहे महाराष्ट्र के कांग्रेस विधायक हो या मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक या फिर अब गुजरात के कांग्रेसी विधायक. तमाम विधायक अपने राज्यों के सियासी संकट से उबरने के लिए राजस्थान का ही सहारा ले रहे हैं.
इसका कारण यह है कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है और यहां के सत्ता के मुखिया अशोक गहलोत हैं, जो कांग्रेस आलाकमान के सबसे भरोसेमंद नेताओं में से एक हैं. लेकिन अब तक चले आ रहे राजनीतिक पर्यटन में धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन भी इन विधायकों का हो रहा था. ये विधायक जमकर जयपुर और आसपास के क्षेत्रों में घूम रहे थे.
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महाराष्ट्र और MP के विधायकों ने पर्यटन केंद्रों का उठाया था लुत्फ
बता दें कि महाराष्ट्र के विधायकों ने जयपुर के पर्यटन केंद्रों का जमकर लुत्फ उठाया था, तो धार्मिक पर्यटन करते हुए कई मंदिरों में भी धोक लगाई थी. इसी तरीके से मध्यप्रदेश के विधायक भी अपने सियासी संकट से उबरने के लिए राजस्थान में राजनीतिक पर्यटन करने आए. उन्होंने भी खाटूश्यामजी और सालासर बालाजी के दर्शन कर धार्मिक पर्यटन किया.
गुजरात विधायकों का कोरोना ने बिगाड़ा मजा
वहीं, राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग से बचने के लिए राजस्थान भेजे जा रहे गुजरात कांग्रेस विधायकों की स्थिति यह नहीं है. गुजरात कांग्रेस के विधायक भी जयपुर के पास ही शिव विलास होटल में ठहरे हुए हैं. लेकिन 37 विधायकों में से महज 4 विधायक ही ऐसे हैं जो सोमवार को तीसरे दिन होटल से बाहर निकले. इसके पीछे कारण बना है 'कोरोना वायरस'.
MP लौटे विधायकों की हुई थी स्क्रीनिंग
दरअसल, मध्य प्रदेश के जो विधायक वापस मध्य प्रदेश लौटे उनकी कोरोना वायरस की स्क्रीनिंग भी की गई कि कहीं उन्हें कोरोना वायरस तो नहीं है. राजधानी जयपुर में जब से इटली के पर्यटक में कोरोना वायरस पाया गया है, उसके बाद से दहशत का माहौल है. ऐसे में अब गुजरात के विधायक अपने होटल से बाहर निकलने के बजाए होटल में ही रहना पसंद कर रहे हैं. वह किसी भी दर्शनीय स्थल पर घूमने नहीं जा रहे हैं.
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राजनीतिक डर से ज्यादा 'कोरोना' का डर
बता दें कि 2 दिन में महज 4 विधायक ही ऐसे हैं, जो अपने होटल से बाहर निकले हैं. लेकिन खास बात यह है कि वह भी कहीं घूमने नहीं गए, बल्कि अपने परिचितों और रिश्तेदारों के घर पहुंचे हैं. ऐसे में ये साफ है कि राजनीतिक डर से ज्यादा ये कोरोना वायरस का ही डर है कि यह विधायक अपने होटल से बाहर नहीं निकल रहे हैं. खास बात ये है कि राजनीतिक पर्यटन करने आए बाड़ेबंदी में रह रहे विधायकों पर किसी तरह की कोई बंदिश नहीं है.