जयपुर. प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में कोरोना संक्रमण की चिंताजनक स्थिति पर विचार-विमर्श किया गया. इस दौरान मंत्रिपरिषद ने संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता पर बल देते हुए इसके लिए पांच मंत्रियों के एक समूह का गठन किया. मंत्री समूह संभावित कदमों पर विचार कर बृहस्पतिवार को अपने सुझाव देगें, जिसके आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
बता दें, पांच मंत्री समूह में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, जलदाय मंत्री बीडी कल्ला, चिकित्सा मंत्री डाॅ. रघु शर्मा, शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और चिकित्सा राज्यमंत्री डाॅ. सुभाष गर्ग शामिल हैं. बैठक में कहा गया, कोरोना की दूसरी लहर से गांवों में और युवाओं में संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है. उपचार के लिए शहर आते-आते रोगियों की स्थिति गंभीर हो रही है. ऐसे में बैठक में आम राय थी कि संक्रमण की इस चिंताजनक स्थिति पर अंकुश लगाने के लिए कुछ समय तक विवाह आयोजनों को स्थगित कर दिया जाए. बहुत अधिक आवश्यकता हो तो केवल कोर्ट मैरिज ही की जाए.
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बैठक में महामारी रेड अलर्ट- जन अनुशासन पखवाड़े की पालना, आक्सीजन कॉन्सन्टेटर की खरीद, ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर और टोसिलीजुमैब दवाओं की आपूर्ति पर विस्तृत चर्चा की गई. बैठक में संक्रमण के गहराते संकट से निपटने के लिए और भी कड़े कदम उठाने तथा चिकित्सा सुविधाओं के निरंतर विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. मंत्रिपरिषद ने संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए रेड अलर्ट कर्फ्यू गाइडलाइन को सख्ती से लागू करते हुए आवागमन न्यूनतम किए जाने का सुझाव दिया. इस दौरान अधिकाधिक वैक्सीनेशन और कोविड प्रबंधन से जुड़े तमाम बिन्दुओं पर गहन विचार-विमर्श किया गया.
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जामनगर और भिवाड़ी से हो ऑक्सीजन का अधिकतम आवंटन
मंत्रिपरिषद ने केंद्र सरकार से लगातार आग्रह के बावजूद राज्य को एक्टिव केसेज के अनुपात में मेडिकल ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर की आपूर्ति नहीं मिलने पर चिंता व्यक्त की. देश के सुदूर स्थानों से ऑक्सीजन का उठाव करने के लिए पर्याप्त संख्या में केंद्र से टैंकर उपलब्ध करवाने की मांग रखी. साथ ही राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत बर्नपुर तथा कलिंगानगर की बजाय जामनगर और भिवाड़ी से ऑक्सीजन का आवंटन बढ़ाने पर बल दिया. इससे ऑक्सीजन का जल्द उठाव किया जाना संभव हो सकेगा.
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15 मई तक 795 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की होगी आवश्यकता
मंत्रिपरिषद ने इस बात पर भी विचार किया, एक्टिव केसेज की संख्या के अनुसार राज्य को वर्तमान में 615 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता है. जबकि उपलब्धता मात्र 351 मीट्रिक टन ही है. यदि संक्रमण की यही रफ्तार रही तो 15 मई तक ऑक्सीजन की आवश्यकता करीब 795 मीट्रिक टन हो जाएगी. साथ ही ऑक्सीजन के उठाव के लिए प्रदेश में 26 अतिरिक्त टैंकरों की आवश्यकता है. बैठक में कहा गया, दूसरी लहर के साथ-साथ तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखते हुए प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा के लिए राज्य सरकार को कोविड प्रबंधन के लिए जरूरी संसाधन समय रहते जुटा लेने चाहिए. बैठक में आक्सीजन कॉन्सन्टेटर की जल्द से जल्द खरीद सुनिश्चित किए जाने, राज्य में ऑक्सीजन के अधिक से अधिक प्लांट स्थापित करने और दवाओं का भी स्थानीय स्तर पर उत्पादन करने के लिए सभी संभव प्रयास करने पर सहमति व्यक्त की गई.
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बैठक में गृह विभाग की ओर से महामारी रेड अलर्ट-जन अनुशासन पखवाडे़ की गाइडलाइन, कोविड प्रोटोकाॅल के उल्लंघन पर की जा रही कार्रवाई और आगामी समय में उठाए जाने वाले संभव कदमों के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया गया. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोविड संक्रमण एवं वैक्सीनेशन की स्थिति तथा उपचार की व्यवस्थाओं से अवगत कराया गया. साथ ही कोविड प्रबंधन से जुड़े नोडल अधिकारियों ने ऑक्सीजन की आपूर्ति, आक्सीजन कॉन्सन्टेटर खरीद की प्रगति के संबंध में जानकारी दी.
कोविड प्रबंधन के लिए मुख्यमंत्री के संवेदनशील निर्णयों को सराहा
मंत्रिपरिषद ने कोविड से मृत व्यक्तियों की पार्थिव देह के सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार का व्यय राज्य सरकार द्वारा वहन करने, राज्य में 18 से 44 आयु वर्ग के युवाओं को निशुल्क टीकाकरण की अहम घोषणा, आरटीपीसीआर टेस्ट की दरें घटाने, अस्थि विसर्जन के लिए रोडवेज में निशुल्क यात्रा की सुविधा जैसे संवेदनशील निर्णयों के लिए मुख्यमंत्री द्वारा की गई पहल को सराहा. साथ ही कहा, मुसीबत की इस घड़ी में इन फैसलों से प्रदेशवासियों को बड़ी राहत मिल रही है. कोविड से लड़ने का हमारा संकल्प और मजबूत हुआ है.
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125 करोड़ से 59 निकायों में लगेंगे ऑक्सीजन प्लांट
बैठक में बताया गया, नगरीय विकास तथा स्वायत्तशासन विभाग ने राज्य के 59 निकाय क्षेत्रों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की महत्वपूर्ण योजना तैयार की है. इस पर करीब 125 करोड़ रुपए व्यय किए जाने अनुमानित हैं. करीब दो माह में ये प्लांट स्थापित हो सकेंगे. इनसे ऑक्सीजन की उपलब्धता में सुधार आएगा. मंत्रिपरिषद ने इस कार्य को प्राथमिकता से पूरा करने पर जोर दिया.
आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथिक और प्राकृतिक चिकित्सा अधीनस्थ सेवा नियम में संशोधन
मंत्रिपरिषद ने राजस्थान आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथिक और प्राकृतिक चिकित्सा अधीनस्थ सेवा नियम- 1966 में संशोधन के प्रस्तावों का अनुमोदन किया. इससे डाॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर और राज्य में चलाए जा रहे आयुष प्रोजेक्टों व एनएचएम आदि में संविदा पर कार्यरत नर्स एवं कंपाउंडर कार्मिकों को बोनस अंक देकर सीधी भर्ती में वरीयता दी जा सकेगी.
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मंत्रिपरिषद ने आयुर्वेद नर्स एवं कंपाउंडर जूनियर ग्रेड की सीधी भर्ती में निर्धारित योग्यता रखने वाले विभागीय कार्मिकों को उच्च पद का लाभ दिए जाने के उद्देश्य से पांच प्रतिशत के वर्तमान प्रावधान के स्थान पर 10 प्रतिशत के प्रावधान को मंजूरी दी है. इससे विभाग में कार्यरत परिचारकों को लाभ मिलेगा और अनुभवी कार्मिकों की सेवाएं मिल सकेगी. साथ ही आयुष नर्स एवं कंपाउंडर जूनियर ग्रेड की सीधी भर्ती के लिए डाॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर की ओर से दी जाने वाली बीएससी (आयुर्वेद नर्सिंग) डिग्री को भी निर्धारित योग्यता में शामिल करने की मंजूरी दी है.