जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश की ग्राम पंचायत और पंचायत समितियों के पुनर्गठन मामले में पूर्व के 8 जनवरी और 24 जनवरी को दिए गए अंतरिम आदेशों की पुष्टि करते हुए सरकारी नोटिफिकेशनों के जरिए चुनाव कराए जाने पर मुहर लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की एसएलपी को निस्तारित करते हुए कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से 24 जनवरी को दिए गए आदेशानुसार कानूनी प्रक्रिया के जरिए बांकी ग्राम पंचायतों के चुनाव कराए जाने की बात कही है. ऐसे में पूर्व के आदेशों के अनुसार इस एसएलपी सहित अन्य प्रार्थना पत्रों को निस्तारित किया जाता है.
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सुप्रीम कोर्ट में राज्य के एएजी मनीष सिंघवी ने बताया कि पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी के अंतरिम आदेश से हाईकोर्ट की जोधपुर मुख्यपीठ के 13 दिसंबर 2019 के आदेश की क्रियांविति पर रोक लगा दी थी. जबकि 24 जनवरी के अंतरिम आदेश से चुनाव आयोग के आग्रह पर राज्य की बांकी ग्राम पंचायतों में सरकार की नोटिफिकेशन के अनुसार अप्रैल की मध्यावधि से चुनाव कराए जाने की छूट दी थी.
गौरतलब है कि हाईकोर्ट के समक्ष जय सिंह और 84 अन्य ने याचिका दायर कर पंचायत पुनर्गठन के लिए जारी किए नोटिफिकेशनों को चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 13 दिसंबर के आदेश से ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के पुनर्गठन के लिए 15 और 16 नवंबर के बाद जारी सभी नोटिफिकेशन रद्द कर दिए थे.