जयपुर. राजस्थान में वैक्सीनेशन प्रोग्राम की रफ्तार धीमी पड़ गई है. वैक्सीन की कमी के चलते वैक्सीनेशन सेंटर्स पर ताले लटक गए हैं. जिसके बाद राजनीति शुरू हो गई है. जहां कांग्रेस केंद्र सरकार पर पर्याप्त संख्या में वैक्सीन की डोज उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगा रही है तो भाजपा गहलोत सरकार पर वैक्सीन के मिसमैनेजमेंट का आरोप लगा रही है और खराब हुए वैक्सीन डोज का मुद्दा उठा रही है. इसी बीच राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का बड़ा बयान आया है.
गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राजस्थान में भी कोरोना वैक्सीन की कुछ वाइल वेस्ट हुई हैं. लेकिन इसके लिए राजस्थान सरकार नहीं बल्कि केंद्र सरकार की वैक्सीन नीति जिम्मेदार है. कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अभी वैक्सीन अति आवश्यक है और केंद्र सरकार ने 7 अप्रैल 2021 को प्रथम चरण में वैक्सीन हमें उपलब्ध कराई, लेकिन वैक्सीन के लिए जो नीति केंद्र ने निर्धारित की. उसके तहत वैक्सीन लगाने के कारण ही यह वैक्सीन की डोज खराब हुई हैं.
डोटासरा ने कहा कि केंद्र की नीति का पालन करने के कारण ही प्रत्येक राज्य में वैक्सीन खराब हुई हैं. जिसका उपयोग नहीं हो पाया. वैक्सीन लगाने के लिए जो पॉलिसी लागू की गई वह डिफेक्टिव थी. जिस कैटेगरी के लोगों को वैक्सीन लगानी थी अगर वो पात्र लोग वैक्सीन लगाने नहीं आए तो वैक्सीन खराब हो जाती है. डोटासरा ने कहा कि निश्चित तौर पर राजस्थान में भी वैक्सीनेशन प्रक्रिया के लिए आई वैक्सीन खराब हुई है. लेकिन वैक्सीन खराब होने के मामले में भी राजस्थान देश में 13वें स्थान पर है. इस मामले में राजस्थान से ऊपर 12 राज्य हैं.
उन्होंने कहा कि राजस्थान में वैक्सीनेशन के लिए लोगों को मोटिवेट करने में कोई कमी नहीं छोड़ी गई. यही कारण है कि राजस्थान वैक्सीनेशन के मामले पर नंबर वन है. पहले तो मोदी सरकार की वैक्सीन नीति ही गलत है और अब वैक्सीन के दूसरे डोज को लेकर उन्होंने 40 दिन की मियाद को 8 महीने कर दिया है. अगर अभी वैक्सीन नहीं मिलेगी तो उसे वह 12 महीने भी कर सकते हैं. हालांकि डोटासरा ने यह साफ तौर पर स्वीकार किया कि राज्य में कुछ वैक्सीन खराब हुई हैं. लेकिन राजस्थान का वैक्सीन मैनेजमेंट शानदार रहा है.