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किसानों के साथ वार्ता में तय हो जाएगा कि मोदी जी वोट के सहारे चुनाव जीते हैं या नोट के: गोविंद सिंह डोटासरा

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि 4 जनवरी को किसानों और सरकार के बीच होने वाली वार्ता के नतीजे से तय हो जाएगा कि मोदी जी वोट के सहारे चुनाव जीते हैं या नोट के सहारे, अगर वो किसानों के वोट से चुनाव जीते हैं तो किसानों के साथ खड़े होंगे नहीं तो अपने उद्योगपति मित्रों के साथ.

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किसानों और सरकार के बीच वार्ता
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Published : Jan 4, 2021, 3:46 PM IST

Updated : Jan 4, 2021, 4:42 PM IST

जयपुर. किसानों और केंद्र सरकार के बीच कृषि कानूनों को लेकर 4 जनवरी को वार्ता का सातवां चरण शुरू हो गया है. गोविंद सिंह डोटासरा ने किसानों की सरकार से वार्ता को लेकर कोई ठोस परिणाम निकलने की संभावना से इनकार किया है. डोटासरा ने कहा कि आज किसानों के साथ सरकार की वार्ता से साफ हो जाएगा कि मोदी सरकार अपने उद्योगपति मित्रों का साथ देगी या जिनके वोट से जीत कर आए हैं उन किसानों का.

डोटासरा का मोदी सरकार पर हमला

उन्होंने कहा कि आज मोदी सरकार को यह तय करना होगा कि उन्हें चुनाव के लिए वोट चाहिए या फिर नोट. अगर लोकसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी ने अपने उद्योगपति साथियों के नोट की ताकत से जीता है तो वह आज भी उद्योगपतियों की ही सुनेंगे और अगर उन्होंने किसानों के वोट से चुनाव जीता है तो वह किसानों के साथ खड़े होंगे. डोटासरा ने आगे कहा कि किसानों और सरकार के बीच वार्ता में कोई ठोस नतीजा निकलेगा उसको लेकर संशय है.

पढ़ें: रोजगार : CM गहलोत का बड़ा फैसला, जल्द होगी 750 से ज्यादा इन पदों पर भर्ती

डोटासरा ने कांग्रेस पार्टी की कृषि कानून को लेकर आगे की रणनीति पर बात करते हुए कहा कि पार्टी किसानों के साथ खड़ी है. जो किसान का बेटा है उसे किसानों पर इतनी बड़ी चोट करने पर दर्द हो रहा है. उद्योगपतियों के लिए काम कर रही मोदी सरकार को जगाने और चेताने के लिए यह क्रांति है. डोटासरा ने 5 जनवरी से कांग्रेस के मंत्री, विधायकों के गांव-गांव जाकर किसानों को कृषि कानून के बारे में समझाने की बात कही.

गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि केंद्र के कृषि कानून से किसानों को राहत देने के लिए गहलोत सरकार ने विधानसभा में बिल पास किए थे लेकिन राज्यपाल उन्हें रोके हुए हैं. हम उनपर दवाब बनाएंगे कि वो किसानों के हित में विधानसभा से पास बिल को राष्ट्रपति के पास भेजें, जिससे की किसानों को राहत मिल सके.

जयपुर. किसानों और केंद्र सरकार के बीच कृषि कानूनों को लेकर 4 जनवरी को वार्ता का सातवां चरण शुरू हो गया है. गोविंद सिंह डोटासरा ने किसानों की सरकार से वार्ता को लेकर कोई ठोस परिणाम निकलने की संभावना से इनकार किया है. डोटासरा ने कहा कि आज किसानों के साथ सरकार की वार्ता से साफ हो जाएगा कि मोदी सरकार अपने उद्योगपति मित्रों का साथ देगी या जिनके वोट से जीत कर आए हैं उन किसानों का.

डोटासरा का मोदी सरकार पर हमला

उन्होंने कहा कि आज मोदी सरकार को यह तय करना होगा कि उन्हें चुनाव के लिए वोट चाहिए या फिर नोट. अगर लोकसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी ने अपने उद्योगपति साथियों के नोट की ताकत से जीता है तो वह आज भी उद्योगपतियों की ही सुनेंगे और अगर उन्होंने किसानों के वोट से चुनाव जीता है तो वह किसानों के साथ खड़े होंगे. डोटासरा ने आगे कहा कि किसानों और सरकार के बीच वार्ता में कोई ठोस नतीजा निकलेगा उसको लेकर संशय है.

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डोटासरा ने कांग्रेस पार्टी की कृषि कानून को लेकर आगे की रणनीति पर बात करते हुए कहा कि पार्टी किसानों के साथ खड़ी है. जो किसान का बेटा है उसे किसानों पर इतनी बड़ी चोट करने पर दर्द हो रहा है. उद्योगपतियों के लिए काम कर रही मोदी सरकार को जगाने और चेताने के लिए यह क्रांति है. डोटासरा ने 5 जनवरी से कांग्रेस के मंत्री, विधायकों के गांव-गांव जाकर किसानों को कृषि कानून के बारे में समझाने की बात कही.

गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि केंद्र के कृषि कानून से किसानों को राहत देने के लिए गहलोत सरकार ने विधानसभा में बिल पास किए थे लेकिन राज्यपाल उन्हें रोके हुए हैं. हम उनपर दवाब बनाएंगे कि वो किसानों के हित में विधानसभा से पास बिल को राष्ट्रपति के पास भेजें, जिससे की किसानों को राहत मिल सके.

Last Updated : Jan 4, 2021, 4:42 PM IST
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