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जयपुर: गोविंद देव जी मंदिर प्रशासन ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र - मंदिर प्रशासन ने पीएम को लिखा पत्र

जयपुर में गोविंद देव जी मंदिर की ओर से प्रशासन ने प्रधानमंत्री के नाम पत्र लिखा है. जिसमें मंदिरों में सेवा पूजन को आवश्यक सेवाओं में शामिल करने की मांग की गई है.

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मंदिर प्रशासन ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र
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Published : Sep 14, 2020, 4:19 PM IST

जयपुर. प्रदेश में छोटी काशी के आराध्य देव गोविंददेव जी मंदिर की ओर से प्रशासन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा है. जिसमें मंदिरों में सेवा पूजन को आवश्यक सेवाओं में शामिल करने की मांग की गई है. साथ ही मंदिरों में चरणामृत और अन्य प्रसाद वितरण करने की अनुमति देने की मांग की गई.

बता दें कि राज्य सरकार की ओर से 7 सितंबर को धार्मिक स्थलों को खोले जाने के आदेश के बाद अभी भी गोविंद देव जी मंदिर के कपाट बंद हैं. ऐसे में मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है.जिसमें कहा गया है कि अनलॉक प्रक्रिया में मंदिरों के लिए जारी गाइड लाइन में बदलाव किया जाए.

वहीं, मंदिर के प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि ठिकाना मंदिर गोविंद देव जी जयपुर श्री चैतन्य महाप्रभु और श्रीरूप गोस्वामी जी का प्रत्यक्ष वंशज होने से माधव गौड़ीय चैतन्य सम्प्रदाय की मुख्य पीठ है. साथ ही यह गौरवशाली आध्यात्मिक विरासत वैदिक अनुष्ठान और कीर्तन का केंद्र है.मानस गोस्वामी ने कहा कि यहां राधा गोविंद जी की अष्टयाम सेवा पिछले पांच सौ से अधिक वर्षों से निरंतर जारी है.

पीएम को लिखे पत्र में कहा गया है कि लॉकडाउन के बाद लगभग सभी मंदिरों की सेवा-पूजा में विघ्न आ गया था, क्योंकि मंदिरों की सेवा पूजा को सरकार ने आवश्यक सेवाओं में शामिल नहीं किया था. चूकि धर्म की ज्योति जलाए रखना भी जीवन का अभिन्न अंग है व सनातन भारतीय संस्कृति के पहचान है.

पढ़ें: अखिल भारतीय गुर्जर महासंघ ने CM गहलोत से की ये मांग, जानें

ऐसे में मंदिरों की सेवा पूजा को आवश्यक सेवाओं में शामिल किया जाए, ताकि भविष्य में ईष्ट नित्य सेवा पूजा से वंचित ना रहे. साथ ही अनलॉक प्रक्रिया में बाजारों में सभी प्रकार के खान-पान के सामान की बिक्री की व सेवन की अनुमति है और मंदिरों में चरणामृत व अन्य प्रसाद वितरण की मनाही है. जबकि चरणामृत व प्रसाद से जीवन अंतःकरण शुद्ध होता है, उसकी भी अनुमति दी जाए.

जयपुर. प्रदेश में छोटी काशी के आराध्य देव गोविंददेव जी मंदिर की ओर से प्रशासन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा है. जिसमें मंदिरों में सेवा पूजन को आवश्यक सेवाओं में शामिल करने की मांग की गई है. साथ ही मंदिरों में चरणामृत और अन्य प्रसाद वितरण करने की अनुमति देने की मांग की गई.

बता दें कि राज्य सरकार की ओर से 7 सितंबर को धार्मिक स्थलों को खोले जाने के आदेश के बाद अभी भी गोविंद देव जी मंदिर के कपाट बंद हैं. ऐसे में मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है.जिसमें कहा गया है कि अनलॉक प्रक्रिया में मंदिरों के लिए जारी गाइड लाइन में बदलाव किया जाए.

वहीं, मंदिर के प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि ठिकाना मंदिर गोविंद देव जी जयपुर श्री चैतन्य महाप्रभु और श्रीरूप गोस्वामी जी का प्रत्यक्ष वंशज होने से माधव गौड़ीय चैतन्य सम्प्रदाय की मुख्य पीठ है. साथ ही यह गौरवशाली आध्यात्मिक विरासत वैदिक अनुष्ठान और कीर्तन का केंद्र है.मानस गोस्वामी ने कहा कि यहां राधा गोविंद जी की अष्टयाम सेवा पिछले पांच सौ से अधिक वर्षों से निरंतर जारी है.

पीएम को लिखे पत्र में कहा गया है कि लॉकडाउन के बाद लगभग सभी मंदिरों की सेवा-पूजा में विघ्न आ गया था, क्योंकि मंदिरों की सेवा पूजा को सरकार ने आवश्यक सेवाओं में शामिल नहीं किया था. चूकि धर्म की ज्योति जलाए रखना भी जीवन का अभिन्न अंग है व सनातन भारतीय संस्कृति के पहचान है.

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ऐसे में मंदिरों की सेवा पूजा को आवश्यक सेवाओं में शामिल किया जाए, ताकि भविष्य में ईष्ट नित्य सेवा पूजा से वंचित ना रहे. साथ ही अनलॉक प्रक्रिया में बाजारों में सभी प्रकार के खान-पान के सामान की बिक्री की व सेवन की अनुमति है और मंदिरों में चरणामृत व अन्य प्रसाद वितरण की मनाही है. जबकि चरणामृत व प्रसाद से जीवन अंतःकरण शुद्ध होता है, उसकी भी अनुमति दी जाए.

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