जयपुर. कोरोना के संकट के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र गुरुवार को सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रूबरू हुए. इस दौरान राज्यपाल ने उच्च शिक्षा को लेकर बनाई गई टास्क फोर्स द्वारा की गई प्रमुख सिफारिशों को भी साझा किया. इनमें विश्वविद्यालयों के आगामी सत्र में छात्र संघ चुनाव ना करवाना और अनावश्यक छुट्टियों को कम करना प्रमुख है.
बैठक में राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 के इस दौर में उच्च शिक्षा पर आए प्रभाव से निपटने के लिए विश्वविद्यालयों को उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग करना होगा. इसके साथ ही योजनाबद्ध तरीके से चुनौतियों का मुकाबला करना होगा.
उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में शैक्षणिक माहौल बनाने के लिए ऑनलाइन क्लासेस के साथ ही विश्वविद्यालय में ऐसा आईटी प्लेटफार्म बनाया जाना चाहिए जो आज की जरूरतों को पूरा कर सके. इसके साथ ही आवश्यकताओं के अनुरूप काम कर सके. राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय अपनी वेबसाइट पर भी ऐसे बदलाव करें जिसका फायदा सामान्य छात्रों को आसानी से हो और उनका अकादमिक वर्ष भी खराब ना जाए. इस दौरान राज्यपाल ने टास्क फोर्स द्वारा की गई अनुशंसा को कुलपतियों के समक्ष रखा और कहा कि ये सिफारिशें नीति निर्धारण में सहायक होगी.
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ये है टास्क फोर्स द्वारा दी गई प्रमुख अनुशंसा...
1- टीचिंग मॉड्यूल व टीचिंग वीडियोस के जरिए छात्रों को एक कंटेंट व वीडियो लेक्चर को व्हाट्सएप के माध्यम से प्रेषित करना व अन्य संसाधनों का उपयोग करना.
2- अगले सत्र में एकेडमिक कैलेंडर में किसी भी प्रकार की छुट्टियां प्रस्तावित नहीं करें और राज्यपाल सचिवालय से इसका अनुमोदन प्राप्त करें.
3- अगले सत्र में विश्वविद्यालयों और संगठक महाविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाए जाएं.
4- सभी विश्वविद्यालयों द्वारा महा मई के प्रथम सप्ताह में वित्त समिति की बैठक बुलाकर राज्य वित्त विभाग यूजीसी डीटीएच आदि से पिछले वित्तीय वर्ष के बचे हुए प्रावधानों को सितंबर 2020 तक वह करने की अनुमति प्राप्त करें.
5- विश्वविद्यालय अपनी वेबसाइट को इंटरएक्टिव बनाएं ताकि विद्यार्थियों की परीक्षा परिणाम प्रवेश आदि संबंधित जिज्ञासाओं का तुरंत समाधान हो सके वही पोर्टल वेबसाइट पर हिंदी में भी दर्शाया जाए ताकि हिंदी भाषा विद्यार्थियों को कठिनाई ना हो.
6- ऑनस्क्रीन इवेलुएशन सिस्टम द्वारा कॉपी जांचने की प्रक्रिया को अगले सत्र की परीक्षाओं के लिए अपनाई जाने पर जोर.