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AUJ Convocation 2022: उत्पादन बढ़ाने के लिए वैकल्पिक कृषि तकनीकों को बढ़ावा देने की दरकार: राज्यपाल मिश्र

राज्यपाल कलराज मिश्र का कहना है कि जनसंख्या वृद्धि को देखते हुए कृषि उत्पादन की मांग को पूरा करने के लिए नए विकल्पों को बढ़ावा दिया जाना (Alternates to meet agriculture production demand) चाहिए. दुनियाभर में खेती के विकास से संबंधित अनुसंधान और प्रयोगों का लाभ राजस्थान के किसानों को दिलवाने के लिए कृषि विश्वविद्यालयों को अपनी भूमिका का निर्वाह करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कम पानी और कीटनाशकों के कम प्रयोग से खेती को विकसित करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.

AUJ Convocation 2022
उत्पादन बढ़ाने के लिए वैकल्पिक कृषि तकनीकों को बढ़ावा देने की दरकार
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Published : Feb 15, 2022, 5:03 PM IST

जयपुर. राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि को देखते हुए कृषि उत्पादन की मांग को पूरा करने के लिए नए विकल्पों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. कम जमीन में अधिक पैदावार लेने की वर्टिकल फार्मिंग तकनीक को स्थानीय परिस्थिति के अनुरूप व्यावहारिक बनाने पर और अधिक काम करने की जरूरत है. राज्यपाल मिश्र जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह (AUJ Convocation 2022) को राजभवन से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि कृषि ही किसी राष्ट्र की संपन्नता और खुशहाली का भी पैमाना है. इसलिए कृषि क्षेत्र के विकास पर सभी स्तरों पर ध्यान देना होगा. दुनियाभर में खेती के विकास से संबंधित अनुसंधान और प्रयोगों का लाभ राजस्थान के किसानों को दिलवाने के लिए कृषि विश्वविद्यालयों को अपनी भूमिका का निर्वाह करना चाहिए. राज्यपाल ने बीजों की उत्तम गुणवत्ता, वैज्ञानिक तरीकों से उर्वरकों के सही इस्तेमाल, समेकित कीटनाशी प्रबंधन, कृषि विविधीकरण, जैविक तथा प्राकृतिक खेती पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कृषि मंत्री लालचंद कटारिया भी वर्चुअली जुड़े.

पढ़ें: जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह: स्मार्ट कृषि के लिए किसानों को किया जाए प्रेरित- कलराज मिश्र

कृषि शिक्षा पर खास ध्यान देने की बताई जरूरत: राज्यपाल ने कहा कि राजस्थान में खेती को आधुनिक और किसानों के लिए अधिक कारगर बनाने की दिशा में कृषि शिक्षा के जरिए प्रयास किए जाने चाहिए. डिजिटल कृषि, कम जल में अधिक पैदावार, पर्यावरण अनुकूल खेती के क्षेत्र में विश्वविद्यालय को अग्रणी बनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि कम पानी और कीटनाशकों के कम से कम प्रयोगों से खेती को अधिक से अधिक विकसित करना ही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.

पढ़ें: फूड प्रोसेसिंग का लाभ किसानों को नहीं मिल रहा, व्यापारी उठा रहे फायदा, ये चिंताजनक - सीएम गहलोत

फसलों की नई किस्म विकसित करने पर दी बधाई: उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा मार्च, 2024 तक मान्यता मिलने पर बधाई दी. विश्वविद्यालय द्वारा नवीन कृषि तकनीकों तथा उन्नत किस्मों के विकास, चिया, क्विनोआ, कैमोमाइल, चिकोरी और ड्रैगन फ्रूट जैसी नवीन क्षमतावान फसलों के जीनोटाइप विकसित करने की दिशा में किए जा रहे शोध कार्यों पर प्रसन्नता व्यक्त की.

जयपुर. राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि को देखते हुए कृषि उत्पादन की मांग को पूरा करने के लिए नए विकल्पों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. कम जमीन में अधिक पैदावार लेने की वर्टिकल फार्मिंग तकनीक को स्थानीय परिस्थिति के अनुरूप व्यावहारिक बनाने पर और अधिक काम करने की जरूरत है. राज्यपाल मिश्र जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह (AUJ Convocation 2022) को राजभवन से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि कृषि ही किसी राष्ट्र की संपन्नता और खुशहाली का भी पैमाना है. इसलिए कृषि क्षेत्र के विकास पर सभी स्तरों पर ध्यान देना होगा. दुनियाभर में खेती के विकास से संबंधित अनुसंधान और प्रयोगों का लाभ राजस्थान के किसानों को दिलवाने के लिए कृषि विश्वविद्यालयों को अपनी भूमिका का निर्वाह करना चाहिए. राज्यपाल ने बीजों की उत्तम गुणवत्ता, वैज्ञानिक तरीकों से उर्वरकों के सही इस्तेमाल, समेकित कीटनाशी प्रबंधन, कृषि विविधीकरण, जैविक तथा प्राकृतिक खेती पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कृषि मंत्री लालचंद कटारिया भी वर्चुअली जुड़े.

पढ़ें: जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह: स्मार्ट कृषि के लिए किसानों को किया जाए प्रेरित- कलराज मिश्र

कृषि शिक्षा पर खास ध्यान देने की बताई जरूरत: राज्यपाल ने कहा कि राजस्थान में खेती को आधुनिक और किसानों के लिए अधिक कारगर बनाने की दिशा में कृषि शिक्षा के जरिए प्रयास किए जाने चाहिए. डिजिटल कृषि, कम जल में अधिक पैदावार, पर्यावरण अनुकूल खेती के क्षेत्र में विश्वविद्यालय को अग्रणी बनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि कम पानी और कीटनाशकों के कम से कम प्रयोगों से खेती को अधिक से अधिक विकसित करना ही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.

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फसलों की नई किस्म विकसित करने पर दी बधाई: उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा मार्च, 2024 तक मान्यता मिलने पर बधाई दी. विश्वविद्यालय द्वारा नवीन कृषि तकनीकों तथा उन्नत किस्मों के विकास, चिया, क्विनोआ, कैमोमाइल, चिकोरी और ड्रैगन फ्रूट जैसी नवीन क्षमतावान फसलों के जीनोटाइप विकसित करने की दिशा में किए जा रहे शोध कार्यों पर प्रसन्नता व्यक्त की.

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