जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र में वर्षा जल संरक्षण और संचयन के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए (Governor directs to make schemes for rainwater harvesting) हैं. उन्होंने कहा कि यहां जल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, ताकि आदिवासियों को कृषि और अन्य तरह के रोजगार से जोड़ा जा सके.
राज्यपाल मंगलवार को राजभवन में अनुसूचित क्षेत्र में जनजाति विकास और कल्याण के लिए संचालित योजनाओं की प्रगति और समस्याओं के संबंध में इस क्षेत्र के विधायकों से संवाद कर रहे (Governor met with MLAs of scheduled areas) थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में निवास कर रहे जनजातीय लोगों की प्रगति और उनके जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार लाने के लिए समयबद्ध रूप से प्रयास किए जाएं. संवाद के दौरान राज्यपाल ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्र में अधीनस्थ, मंत्रालयिक और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती के लिए वर्ष 2014 में अलग सेवा नियम बनने के बाद से इस क्षेत्र के नौजवानों को रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध हो रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि फिर भी अनुसूचित क्षेत्र में रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया में और तेजी लाने की जरूरत है जिससे यहां के बेरोजगारों को तो नौकरी मिलेगी ही, साथ ही गैर-अनुसूचित क्षेत्र के कार्मिकों को भी उनके विकल्प के आधार पर स्थानातंरण का अवसर मिल सकेगा. राज्यपाल मिश्र ने संविधान के अनुच्छेद 275(1) के अंतर्गत केन्द्रीय सहायता मिलने और इसके राज्य में स्वीकृति उपरांत समुचित उपयोग को समयबद्ध सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए ताकि जनजाति कल्याण की योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन हो सके. उन्होंने गत जनवरी में राजभवन में हुई जनजाति विकास योजनाओं की प्रगति की विशेष समीक्षा बैठक में दिए दिशा-निर्देशों की भी शीघ्र अनुपालना किए जाने के निर्देश अधिकारियों को दिए.
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जोशी और मालवीय ने दिया ये सुझाव : सवांद के दौरान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्र के निवासी आदिवासियों और इस क्षेत्र के समीपवर्ती जनजातीय लोगों की सामाजिक-आर्थिक परिस्थिति और चुनौतियां एक जैसी हैं. इसे देखते हुए इन लोगों को भी रोजगार और शिक्षा के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराने के लिए योजना बनाई जाए. उन्होंने अनुसूचित क्षेत्र के आदिवासियों के कौशल विकास और संवर्धन पर भी बल दिया. वहीं जलसंसाधन मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीय ने कहा कि जनजाति उपयोजना के 'महाराष्ट्र पैटर्न' को मूल भावना में राजस्थान भी लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अनुसूचित क्षेत्र से बाहर निवास कर रहे आदिवासियों को भी सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके, इसके प्रयास किए जाएं.
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बेहतर विकास के लिए लागू होगा राजस्थान पैटर्न-बामनिया : संवाद में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग राज्यमंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने कहा कि प्रदेश में जनजाति उपयोजना क्षेत्र के बेहतर विकास के लिए राज्य सरकार राजस्थान पैटर्न लागू करने जा रही है, जिसके अंतर्गत इस क्षेत्र में विभिन्न विभागों के करवाए जाने वाले विकास कार्य जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के समन्वय से करवाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि टीएसपी क्षेत्र के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा और नौकरियों के लिए कोचिंग देने की जयपुर, कोटा और उदयपुर में पर्याप्त व्यवस्था विभाग ने की है.