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जनजाति गौरव सम्मान समारोह में बोले राज्यपाल...आदिवासी और गैर-आदिवासियों की खाई पाटने को व्यवहारिक स्तर पर हों प्रयास - राज्यपाल कलराज मिश्र

बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर आयोजित जनजाति गौरव सम्मान समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र ने आदिवासी व गैर-आदिवासियों की खाई पाटने के लिए व्यावहारिक स्तर पर प्रयास करने की आवश्यकता जताई है. उन्होंने इन्हें हर प्रकार के समान अवसर प्रदान करने की भी जरूरत बताई.

Kalraj Mishra
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Published : Nov 15, 2021, 5:43 PM IST

जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने आदिवासी और गैर-आदिवासियों के बीच की खाई पाटने के लिए व्यावहारिक स्तर पर प्रयास किए जाने की आवश्यकता जताई है. उन्होंने जनजातीय समाज को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से सक्षम बनाते हुए राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए अधिक से अधिक अवसर प्रदान करने की जरूरत भी बताई. मिश्र ने यह बात राजभवन में आयोजित जनजाति गौरव सम्मान समारोह में अपने संबोधन में कही.

क्रांतिकारी महापुरुष बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर आयोजित इस समारोह में राज्यपाल ने कहा कि आदिवासियों की कलाओं और संस्कृति के संरक्षण के साथ ही उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के लिए ज्यादा अवसर सृजित किए जाना चाहिए. इसके लिए जनजाति क्षेत्रों में चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है. मिश्र ने कहा कि आदिवासी ही पर्यावरण संरक्षण के साथ देश की अनमोल वन संपदा को बचाए रखने और धरती पर पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने का काम कर रहे हैं.

पढ़ें: यूपी में BJP 300 सीटों के साथ बनाएगी सरकार, प्रियंका गांधी सक्रिय लेकिन कांग्रेस का वहां कोई धरातल नहीं : महेंद्र नाथ पांडेय

समारोह में राज्यपाल ने अनुसूचित क्षेत्र में जनजातियों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए उल्लेखनीय कार्य करने पर सिरोही जिले के मोरस और जाम्बूडी व उदयपुर जिले के पालोदडा, परसाद, देवला, झाडोली और मगवास के वनधन विकास केंद्रों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया. कार्यक्रम को जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के शासन सचिव डॉ समित शर्मा और जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग उदयपुर की आयुक्त प्रज्ञा केवलरामानी ने भी संबोधित किया.

पढ़ें: CM गहलोत का दौरा, नाथद्वारा में भगवान श्रीनाथजी के दर्शन करने के बाद भीलवाड़ा पहुंचे

दीनदयाल उपाध्याय आधारित 17 पुस्तकों का किया लोकार्पण

सोमवार को ही राज्यपाल ने राजभवन में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन और विचारों पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय की पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ द्वारा प्रकाशित 17 पुस्तकों का लोकार्पण किया. इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि उपाध्याय की जीवन रहन-सहन और सोच के बारे में जितनी गहराई में जाते हैं, उतना ही नया सीखने का अवसर मिलता है. दीनदयाल जी का व्यक्तित्व जितना विराट था, उनका जीवन उतना ही सादगी से भरा था.

पढ़ें: महंगाई का करंट: बिजली उपभोक्ताओं से Discom वसूलेगा 550 करोड़, भाजपा बोली- ये कांग्रेस की मंहगाई का बूस्टर डोज

स्वतंत्र समर के अमर बलिदानी की प्रति की भेंट

सोमवार को राज्यपाल को पवन कुमार की लिखित पुस्तक 'स्वतंत्र समर के अमर बलिदानी' की पहली प्रति भेंट की. इस मौके पर राज्यपाल ने आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर क्रांतिकारियों के जीवन और बलिदान के बारे में जानकारी देने वाली इस पहल की सराहना की. इस मौके पर सांसद रामचरण बोहरा, जसकौर मीणा, रिटायर्ड जनरल विशंभर सिंह, प्रदेश भाजपा संगठन महामंत्री चंद्र शेखर सहित कई प्रबुद्ध जन मौजूद रहे.

जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने आदिवासी और गैर-आदिवासियों के बीच की खाई पाटने के लिए व्यावहारिक स्तर पर प्रयास किए जाने की आवश्यकता जताई है. उन्होंने जनजातीय समाज को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से सक्षम बनाते हुए राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए अधिक से अधिक अवसर प्रदान करने की जरूरत भी बताई. मिश्र ने यह बात राजभवन में आयोजित जनजाति गौरव सम्मान समारोह में अपने संबोधन में कही.

क्रांतिकारी महापुरुष बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर आयोजित इस समारोह में राज्यपाल ने कहा कि आदिवासियों की कलाओं और संस्कृति के संरक्षण के साथ ही उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के लिए ज्यादा अवसर सृजित किए जाना चाहिए. इसके लिए जनजाति क्षेत्रों में चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है. मिश्र ने कहा कि आदिवासी ही पर्यावरण संरक्षण के साथ देश की अनमोल वन संपदा को बचाए रखने और धरती पर पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने का काम कर रहे हैं.

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समारोह में राज्यपाल ने अनुसूचित क्षेत्र में जनजातियों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए उल्लेखनीय कार्य करने पर सिरोही जिले के मोरस और जाम्बूडी व उदयपुर जिले के पालोदडा, परसाद, देवला, झाडोली और मगवास के वनधन विकास केंद्रों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया. कार्यक्रम को जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के शासन सचिव डॉ समित शर्मा और जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग उदयपुर की आयुक्त प्रज्ञा केवलरामानी ने भी संबोधित किया.

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दीनदयाल उपाध्याय आधारित 17 पुस्तकों का किया लोकार्पण

सोमवार को ही राज्यपाल ने राजभवन में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन और विचारों पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय की पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ द्वारा प्रकाशित 17 पुस्तकों का लोकार्पण किया. इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि उपाध्याय की जीवन रहन-सहन और सोच के बारे में जितनी गहराई में जाते हैं, उतना ही नया सीखने का अवसर मिलता है. दीनदयाल जी का व्यक्तित्व जितना विराट था, उनका जीवन उतना ही सादगी से भरा था.

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स्वतंत्र समर के अमर बलिदानी की प्रति की भेंट

सोमवार को राज्यपाल को पवन कुमार की लिखित पुस्तक 'स्वतंत्र समर के अमर बलिदानी' की पहली प्रति भेंट की. इस मौके पर राज्यपाल ने आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर क्रांतिकारियों के जीवन और बलिदान के बारे में जानकारी देने वाली इस पहल की सराहना की. इस मौके पर सांसद रामचरण बोहरा, जसकौर मीणा, रिटायर्ड जनरल विशंभर सिंह, प्रदेश भाजपा संगठन महामंत्री चंद्र शेखर सहित कई प्रबुद्ध जन मौजूद रहे.

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