जयपुर. देश को बांटने से बचाने के लिए गांधीजी ने कई प्रयास किए. लेकिन नफरत बढ़ गई थी, जिसकी वजह से देश का बंटवारा हुआ और पाकिस्तान बना. ये कहना है महात्मा गांधी के पौत्र राजमोहन गांधी का.
बता दे, कि गांधीजी के 150वीं जयंती समारोह और निजी होटल का फाउंडेशन डे आयोजित किया गया था. इस दौरान 'अंडरस्टैंडिंग गांधी' विषय पर राजमोहन गांधी का संबोधन भी हुआ, जिसमें उन्होंने बताया कि गांधी जी ने युवावस्था में एक घर में चोरी कर ली थी, लेकिन बाद में उन्होंने अपने पिता को पत्र के माध्यम से इसकी जानकारी भी दी.
पढ़ेंः 353 वां प्रकाश पर्व के अवसर पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने गुरुद्वारे में की अरदास
वहीं से गांधी ने अपने जीवन का मिशन बनाया और नए जीवन की शुरुआत की. राजमोहन गांधी ने इस दौरान कहा कि कुछ लोग मानते हैं कि गांधीजी की वजह से देश का बंटवारा हुआ, लेकिन गांधी ने देश को बांटा नहीं बल्कि देश को बांटने से बचाने का प्रयास किया, उतना किसी ने नहीं किया.
अहिंसा के पुजारी थे बापू- राज्यपाल
उधर, कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी राजमोहन गांधी की बात का समर्थन करते हुए कहा कि गांधी जी ने कहा था कि देश के बंटने से पहले मेरे शरीर का बंटवारा होगा. कार्यक्रम के दौरान सामाजिक क्षेत्र में योगदान देंने वाले 5 प्रतिभाओं का सम्मान भी किया गया.
इस दौरान कलराज मिश्र ने कहा कि गांधी ने कहा था कि यदि अहिंसा से आप किसी को न्याय नहीं दिला पा रहे हैं तो दूसरा रास्ता भी अख्तियार कर सकते है. उधर, गांधी जी के पौत्र ने भी इसका समर्थन करते हुए कहा कि गांधी ने कहा था कि यदि आपके अहिंसा के आचरण से न्याय नहीं मिल रहा है, तो रास्ता बदला जा सकता है.