जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार को केंद्रीय पुस्तकालय, संविधान पार्क और कन्या छात्रावास का ऑनलाइन लोकार्पण किया. इस मौके पर कलराज मिश्र ने कहा कि पुस्तकें बौद्धिक स्तर पर विद्यार्थियों को संपन्न ही नहीं करती बल्कि निरंतर नये ज्ञान प्राप्ति के लिए भी प्रेरित करती है. उन्होंने कहा कि पुस्तकीय अध्ययन से हमारी विचार प्रक्रिया को गति मिलती है.
उन्होंने शिक्षण संस्थानों में पुस्तकालयों के होने को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि संचार प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रभाव के बावजूद छपी पुस्तकों का महत्व कभी कम नहीं होगा. उन्होंने विश्वविद्यालयों को अकादमिक स्तर पर समृद्ध करने के लिए प्रभावी प्रयास किए जाने पर भी जोर दिया. कहा कि वहां संवैधानिक जागरूकता, पुस्तकालयों के प्रति रूझान पैदा करने की गतिविधियां भी नियमित रूप से आयोजित करवाने की पहल हो.
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मिश्र आज राजभवन से कोटा विश्वविद्यालय में केन्द्रीय पुस्तकालय एवं अकादमिक भवन, संविधान पार्क, कन्या छात्रावास, रसायन शास्त्र प्रयोगशाला के ऑनलाइन लोकार्पण के बाद आयोजित समारोह को संबोधित किया. उन्होंने संविधान वाटिका को विद्यार्थियों के लिए बेहद जरूरी बताते हुए कहा कि संविधान के मूल अधिकारों की जानकारी तो बहुत से लोगों को है परन्तु मूल कर्त्तव्य क्या है, इसकी जानकारी सामान्य तौर पर नहीं है. संविधान वाटिकाओं की स्थापना से इस दिशा में जागरूकता आएगी.
विश्वविद्यालय में नवीन निर्माण कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि इनसे विद्यार्थियों को उच्च स्तरीय अध्ययन सुविधायें ही प्राप्त नहीं होगी बल्कि वे और अधिक जागरूक हो अपने भविष्य का निर्माण कर पाएंगे. उन्होंने विश्वविद्यालयों के विकास के लिए वहां आधारभुत सुविधाओं और नवाचारों को आवश्यक बताते हुए इसके लिए सभी स्तरों पर प्रयास किए जाने पर जोर दिया.