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स्पेशल : भिक्षावृत्ति मुक्त जयपुर के लिए अब 3 संस्थाओं के साथ MoU करेगी सरकार, जोड़ा जाएगा मुख्यधारा से - सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग

भिक्षावृत्ति मुक्त जयपुर की पिछली बजट घोषणा आगामी बजट से पूर्व ही सरकार अमल में लाने की कोशिश में जुट गई है. इसी महीने 3 संस्थाओं के साथ एमओयू कर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग जयपुर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने की कवायद शुरू करेगी.

beggar-free Jaipur campaign, भिखरी मुक्त जयपुर
beggar-free Jaipur campaign
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Published : Feb 6, 2020, 8:00 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पिछले बजट में यह घोषणा की थी की राजधानी जयपुर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाया जायेगा. हालांकि अब दूसरा बजट आने को है लेकिन इस घोषणा पर कोई खास एक्शन नहीं लिया गया है. देशी विदेशी सैलानियों सहित शहरवासी भिखारियों से अभी भी परेशान हैं.

पिछले बजट में की गई घोषणा पर अब सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने अब जाकर काम करना शुरू किया है. विभाग के मंत्री मास्टर भंवरलाल ने कहा कि तमाम प्रयासों के बावजूद अब तक उन्हें कोई एनजीओ इसे लेकर काम करने की सहमति नहीं दे रहा था, लेकिन अब जयपुर कलेक्टर की ओर से इस पर काम करने के लिए तीन एनजीओ का चयन कर लिया गया है. जिनके साथ फरवरी महीने में ही एमओयू (Memorandum of Understanding) होगा.

भिक्षावृत्ति मुक्त जयपुर के लिए अब होगा इसी महीने में 3 संस्थाओं के साथ एमओयू

पढे़ंः बिजली की दरों में प्रति यूनिट 10 से 11 फीसदी बढ़ोतरी, उपभोक्ताओं को झटका और उद्योगों को राहत

इस काम के लिए एनजीओ को हर भीख मांगने वाले पर 2000 रुपए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से दिए जाएंगे. पहले चरण में जयपुर को भिक्षावृत्ति मुक्त किया जाएगा उसके बाद में कोटा में यह अभियान चलेगा. पहले चरण के लिए जयपुर शहर के हर चौराहे पर बिना वर्दी के पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे जो इन भिखारियों को पकड़कर एनजीओ के सेंटर पर लेकर जाएंगे. जहां प्रति सेंटर सौ भीख मांगने वाले रखे जाएंगे और उनके खाने-पीने की व्यवस्था से लेकर यह काम छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा.

मंत्री मास्टर भंवरलाल का कहना है कि उनका टारगेट जयपुर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाना है, अब चाहे तो भिखारी एनजीओ के सेंटर में जा कर रहें या फिर जयपुर छोड़ जाएं. उन्होंने कहा कि जो भी एनजीओ के सेंटर में जाएंगे उनके खाने-पीने, रहने के अलावा बच्चों की पढ़ाई तक का इंतजाम सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग करेगा.इसके साथ ही उन्हें मुख्यधारा में लाने का प्रयास भी किया जाएगा.

पढे़ंः ट्रांसजेंडर समुदाय को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की बड़ी पहल, जनगणना में होंगे शामिल

गौरतलब है कि पर्यटन के दृष्टि से महत्वपूर्ण जयपुर शहर में भीख मंगवाने वाली कई गैंग काम कर रही हैं. जिनमें कई मामले तो ऐसे भी आए हैं कि छोटे-छोटे बच्चों को गिरोह के सरगना भीख मंगवाते हैं. अगर सरकार इनकी किसी तरीके से धरपकड़ करती भी है तो ज्दातार ये गैंग अपना क्षेत्र बदल लेती हैं लेकिन ये काम नहीं रूक पाता. अब देखने वाली बात होगी जयपुर को भिखारी मुक्त करने की सरकार की ये योजना कितना कारगर साबित होती है.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पिछले बजट में यह घोषणा की थी की राजधानी जयपुर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाया जायेगा. हालांकि अब दूसरा बजट आने को है लेकिन इस घोषणा पर कोई खास एक्शन नहीं लिया गया है. देशी विदेशी सैलानियों सहित शहरवासी भिखारियों से अभी भी परेशान हैं.

पिछले बजट में की गई घोषणा पर अब सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने अब जाकर काम करना शुरू किया है. विभाग के मंत्री मास्टर भंवरलाल ने कहा कि तमाम प्रयासों के बावजूद अब तक उन्हें कोई एनजीओ इसे लेकर काम करने की सहमति नहीं दे रहा था, लेकिन अब जयपुर कलेक्टर की ओर से इस पर काम करने के लिए तीन एनजीओ का चयन कर लिया गया है. जिनके साथ फरवरी महीने में ही एमओयू (Memorandum of Understanding) होगा.

भिक्षावृत्ति मुक्त जयपुर के लिए अब होगा इसी महीने में 3 संस्थाओं के साथ एमओयू

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इस काम के लिए एनजीओ को हर भीख मांगने वाले पर 2000 रुपए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से दिए जाएंगे. पहले चरण में जयपुर को भिक्षावृत्ति मुक्त किया जाएगा उसके बाद में कोटा में यह अभियान चलेगा. पहले चरण के लिए जयपुर शहर के हर चौराहे पर बिना वर्दी के पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे जो इन भिखारियों को पकड़कर एनजीओ के सेंटर पर लेकर जाएंगे. जहां प्रति सेंटर सौ भीख मांगने वाले रखे जाएंगे और उनके खाने-पीने की व्यवस्था से लेकर यह काम छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा.

मंत्री मास्टर भंवरलाल का कहना है कि उनका टारगेट जयपुर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाना है, अब चाहे तो भिखारी एनजीओ के सेंटर में जा कर रहें या फिर जयपुर छोड़ जाएं. उन्होंने कहा कि जो भी एनजीओ के सेंटर में जाएंगे उनके खाने-पीने, रहने के अलावा बच्चों की पढ़ाई तक का इंतजाम सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग करेगा.इसके साथ ही उन्हें मुख्यधारा में लाने का प्रयास भी किया जाएगा.

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गौरतलब है कि पर्यटन के दृष्टि से महत्वपूर्ण जयपुर शहर में भीख मंगवाने वाली कई गैंग काम कर रही हैं. जिनमें कई मामले तो ऐसे भी आए हैं कि छोटे-छोटे बच्चों को गिरोह के सरगना भीख मंगवाते हैं. अगर सरकार इनकी किसी तरीके से धरपकड़ करती भी है तो ज्दातार ये गैंग अपना क्षेत्र बदल लेती हैं लेकिन ये काम नहीं रूक पाता. अब देखने वाली बात होगी जयपुर को भिखारी मुक्त करने की सरकार की ये योजना कितना कारगर साबित होती है.

Intro:note_के स्पेशल स्टोरी है
भिखारी मुक्त जयपुर की पिछली बजट घोषणा पर अब अभी कार्रवाई शुरू इसी महीने 3 संस्थाओं के साथ करेगा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एमओयू जयपुर की सड़कों पर पुलिस पकड़ती नजर आएगी भिखारियों को पुलिस के द्वारा भीख मांगने वालों को ले जाया जाएगा एनजीओ के सेंटर में जहां पर होगा इन भिखारियों का खाने-पीने रहने और बच्चों के पढ़ने का इंतजाम विभाग देगा इसके लिए एनजीओ को हर भिखारी पर ₹2000 भी पायलट प्रोजेक्ट के तहत पहले जयपुर और फिर कोटा में शुरू होगा अभियान


Body:मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पिछले बजट में यह घोषणा की थी की राजधानी जयपुर को भिखारी मुक्त बनाया जायेगा। हालांकि अब दूसरा बजट आने को है लेकिन इस घोषणा पर कोई खास कार्रवाई अब तक नहीं हुई है और राजधानी जयपुर के लोग भिखारियों से अभी भी परेशान हैं। राजधानी जयपुर के किसी भी चौराहे पर रुके तो वहां भिखारियों की समस्या आम है लेकिन अब राजस्थान का सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग इस पर काम करना शुरू कर चुका है।अब तक इस बजट घोषणा पर कार्रवाई नहीं होने को लेकर मंत्री मास्टर भंवरलाल ने कहा कि तमाम प्रयासों के बावजूद अब तक उन्हें कोई एनजीओ भिखारियों को लेकर काम करने की सहमति नहीं दे रहा था, लेकिन अब जयपुर कलेक्टर की ओर से इस पर काम करने के लिए तीन एनजीओ का चयन कर लिया गया है। जिनके साथ फरवरी महीने में ही सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एमओयू कर लेगा। यह काम करने के लिए एनजीओ को हर भिखारी पर 2000 रुपए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से दिए जाएंगे। पहले चरण में जयपुर को भिखारी मुक्त किया जाएगा उसके बाद में कोटा में यह अभियान चलेगा।
हमें जयपुर को भिखारी मुक्त करना है चाहे वह खुद जयपुर छोड़कर चले जाएं या फिर पुलिस के द्वारा उन्हें एनजीओ के भिखारियों के लिए बनाए गए सेंटर पर रखकर यह काम किया जाए मास्टर भंवर लाल
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल ने कहा कि पहले चरण में राजधानी जयपुर को भिखारी मुक्त करने का अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए जयपुर शहर के हर चौराहे पर बिना वर्दी के पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे जो इन भिखारियों को पकड़कर एनजीओ के उस सेंटर पर लेकर जाएंगे। हर सेंटर पर सो भिखारी रखे जाएंगे जहां पर इन्हें रखने का इंतजाम किया गया होगा ।मंत्री मास्टर भंवरलाल का कहना है कि उनका टारगेट जयपुर को भिखारी मुक्त बनाना है ,अब चाहे तो भिखारी एनजीओ के सेंटर में जा कर रहे या फिर जयपुर छोड़ जाएं ।उन्होंने कहा कि जो भिखारी एनजीओ के सेंटर में जाएंगे तो उनके खाने-पीने रहने और बच्चों की पढ़ाई का इंतजाम सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से किया जाएगा ।हालांकि अभी विभाग की ओर से यह प्लानिंग की जा रही है कि पहले भिखारियों को उस सेंटर पर लाया जाए जहां एनजीओ उन्हें रखेगा ।उसके आगे किस तरीके से उन्हें मुख्यधारा में शामिल किया जा सकता है उसके लिए विभाग प्रयास बाद में करेगा लेकिन पहले वह यह देखना चाहते हैं कि कितने भिखारी इन सेंटर पर आते हैं क्योंकि सरकार को भी यह अच्छी तरह पता है कि भिखारियों के भी गैंग काम कर रहे हैं और जब उनकी धरपकड़ शुरू होगी तो ज्यादातर विकारी अपना क्षेत्र बदल देंगे।वंही सरकार की पहली प्राथमिकता उन बच्चो को स्कूल भेजने की होगी जिन्हें चौराहो से उठाकर एनजीओ के सेंटर पर भेज जाएगा।
वॉक थ्रू अजीत इसमें मंत्री मास्टर भंवरलाल की बाइट भी है


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