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हाईकोर्ट को सरकार का जवाब...स्वास्थय कर्मियों को निर्धारित मापदंड के PPE किट मुहैया कराए गए हैं

राजस्थान हाई कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए सरकार से चिकित्साकर्मियों को डब्ल्यूएचओ की ओर से निर्धारित मापदंडों की बचाव सामग्री देने को लेकर जवाब तलब किया था. जिसका सरकार की ओर से कोर्ट में जवाब पेश किया गया है. जिसमें कहा गया है कि चिकित्साकर्मियों को निर्धारित मापदंड को PPE किट मुहैया करवाए गए है.

high court order, हाइकोर्ट का आदेश, राजस्थान हाईकोर्ट की खबर
सरकार ने हाई कोर्ट को जवाब दिया
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Published : Apr 23, 2020, 8:52 PM IST

Updated : May 24, 2020, 5:51 PM IST

जयपुर. चिकित्साकर्मियों को डब्ल्यूएचओ की ओर से निर्धारित मापदंडों की बचाव सामग्री देने के मामले में राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में जवाब पेश किया गया. जिसमें कहा गया कि चिकित्साकर्मियों को निर्धारित मापदंड की PPE किट दी गई है. वहीं एसएमएस अस्पताल की कैंटीन कर्मचारी के संक्रमित मिलने पर कैंटीन को सील कर दिया गया था. इसके अलावा प्रदेश के सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण मुहैया कराए गए हैं.

सरकार की ओर से पेश जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए अदालत ने मामले की सुनवाई 29 अप्रैल को तय की है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश रामवीर की ओर से दायर याचिका पर दिए. याचिका में अदालत को बताया गया कि एसएमएस अस्पताल सहित अन्य चिकित्साकर्मियों को डब्ल्यूएचओ की ओर से निर्धारित मापदंड के आधार पर मास्क और सैनिटाइजर सहित अन्य बचाव सामग्री उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. जिसके चलते चिकित्साकर्मियों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है.

ये पढ़ें: नीट पीजी में NRI कोटे की सीट को मैनेजमेंट कोटे में बदलने पर हाई कोर्ट ने मांगा जवाब

वहीं अस्पताल से करीब 12 करोड़ रुपए के मास्क भी गायब हो गए हैं. याचिका में कहा गया कि हाल ही में एसएमएस अस्पताल की कैंटीन में कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति मिला है. जिसके चलते इसके अस्पताल के अन्य कर्मचारियों और चिकित्सकों में भी फैलने का खतरा बढ़ गया है. याचिका में गुहार की गई कि सभी स्वास्थ्यकर्मियों की जांच कराने सहित उन्हें तय मापदंड कि बचाव सामग्री उपलब्ध कराई जाए.

जयपुर. चिकित्साकर्मियों को डब्ल्यूएचओ की ओर से निर्धारित मापदंडों की बचाव सामग्री देने के मामले में राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में जवाब पेश किया गया. जिसमें कहा गया कि चिकित्साकर्मियों को निर्धारित मापदंड की PPE किट दी गई है. वहीं एसएमएस अस्पताल की कैंटीन कर्मचारी के संक्रमित मिलने पर कैंटीन को सील कर दिया गया था. इसके अलावा प्रदेश के सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण मुहैया कराए गए हैं.

सरकार की ओर से पेश जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए अदालत ने मामले की सुनवाई 29 अप्रैल को तय की है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश रामवीर की ओर से दायर याचिका पर दिए. याचिका में अदालत को बताया गया कि एसएमएस अस्पताल सहित अन्य चिकित्साकर्मियों को डब्ल्यूएचओ की ओर से निर्धारित मापदंड के आधार पर मास्क और सैनिटाइजर सहित अन्य बचाव सामग्री उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. जिसके चलते चिकित्साकर्मियों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है.

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वहीं अस्पताल से करीब 12 करोड़ रुपए के मास्क भी गायब हो गए हैं. याचिका में कहा गया कि हाल ही में एसएमएस अस्पताल की कैंटीन में कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति मिला है. जिसके चलते इसके अस्पताल के अन्य कर्मचारियों और चिकित्सकों में भी फैलने का खतरा बढ़ गया है. याचिका में गुहार की गई कि सभी स्वास्थ्यकर्मियों की जांच कराने सहित उन्हें तय मापदंड कि बचाव सामग्री उपलब्ध कराई जाए.

Last Updated : May 24, 2020, 5:51 PM IST
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