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सांभर लेक में प्रवासी पक्षियों के मौत के मामलें में सरकार ने पेश किया जवाब,  सुनवाई कल

जयपुर के पास स्थित सांभर झील में हुई हजारों प्रवासी पक्षियों की मौत के मामले में राज्य सरकार ने राजस्थान हाईकोर्ट में जवाब पेश कर दिया है. अदालत ने सांभर साल्ट लिमिटेड को नोटिस जारी कर पक्षियों की मौत पर जवाब मांगा था.

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Published : Nov 14, 2019, 11:09 PM IST

जयपुर. सांभर झील में विदेशी पक्षियों की मौत के मामले में हाईकोर्ट की ओर से लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर राज्य सरकार ने अपना जवाब पेश कर दिया है. हाईकोर्ट की खंडपीठ मामले में शुक्रवार को सुनवाई करेगी.

राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि पक्षी वैज्ञानिकों की एक्सपर्ट टीम को बुला लिया है. यह टीम सांभर पहुंच गई है और जांच भी शुरु कर दी है और परिणाम चार से पांच दिन में मिलने की संभावना है. सरकार ने जवाब में प्रवासी पक्षियों की मौत के संभावित कारणों में वायरल इंफेक्शन होना बताया है.

पढ़ेंः स्वायत्त शासन सचिव हाजिर होकर पेश करें पालना रिपोर्ट: हाईकोर्ट

जवाब में कहां गया है कि झील के बड़े हिस्से में 20 साल बाद पानी भरा है. संभावना है कि किनारों पर नमक की ज्यादा मात्रा से यह मौत हो रही हों. इसके अलावा बैक्टिरियल इंफेक्शन भी हो सकता है. झील के जल स्तर में बढ़ोतरी और बढ़े हुए तापमान के कारण पक्षियों में आपसी संघर्ष भी मौत का कारण हो सकता है.

पढ़ेंः मोदी सरकार को बड़ी राहत, 'राफेल सौदे की नहीं होगी जांच'

एक कारण पक्षियों का लंबी यात्रा के दौरान पर्याप्त भोजन नहीं मिलने, प्रदूषण के कारण कमजोरी और थकान भी हो सकता है. सरकार की ओर से पेश प्रारंभिक जवाब में कहा गया कि प्रवासी पक्षियों की मौत की जानकारी मिलते ही सरकार ने पशु चिकित्सकों की टीम मौके पर भेज दी थी और इनकी सलाह पर ही मृत पक्षियों के शवों को चूने के साथ गहराई में दफन किया जा रहा है.

जयपुर. सांभर झील में विदेशी पक्षियों की मौत के मामले में हाईकोर्ट की ओर से लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर राज्य सरकार ने अपना जवाब पेश कर दिया है. हाईकोर्ट की खंडपीठ मामले में शुक्रवार को सुनवाई करेगी.

राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि पक्षी वैज्ञानिकों की एक्सपर्ट टीम को बुला लिया है. यह टीम सांभर पहुंच गई है और जांच भी शुरु कर दी है और परिणाम चार से पांच दिन में मिलने की संभावना है. सरकार ने जवाब में प्रवासी पक्षियों की मौत के संभावित कारणों में वायरल इंफेक्शन होना बताया है.

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जवाब में कहां गया है कि झील के बड़े हिस्से में 20 साल बाद पानी भरा है. संभावना है कि किनारों पर नमक की ज्यादा मात्रा से यह मौत हो रही हों. इसके अलावा बैक्टिरियल इंफेक्शन भी हो सकता है. झील के जल स्तर में बढ़ोतरी और बढ़े हुए तापमान के कारण पक्षियों में आपसी संघर्ष भी मौत का कारण हो सकता है.

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एक कारण पक्षियों का लंबी यात्रा के दौरान पर्याप्त भोजन नहीं मिलने, प्रदूषण के कारण कमजोरी और थकान भी हो सकता है. सरकार की ओर से पेश प्रारंभिक जवाब में कहा गया कि प्रवासी पक्षियों की मौत की जानकारी मिलते ही सरकार ने पशु चिकित्सकों की टीम मौके पर भेज दी थी और इनकी सलाह पर ही मृत पक्षियों के शवों को चूने के साथ गहराई में दफन किया जा रहा है.

Intro:जयपुर। सांभर झील में विदेशी पक्षियों की मौत के मामले में हाईकोर्ट की ओर से लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर राज्य सरकार ने अपना जवाब पेश कर दिया है। हाईकोर्ट की खंडपीठ मामले में शुक्रवार को सुनवाई करेगी।Body:राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि पक्षी वैज्ञानिकों की एक्सपर्ट टीम को बुला लिया है। यह टीम सांभर पहुंच गई है और जांच भी शुरु कर दी है और परिणाम चार से पांच दिन में मिलने की संभावना है। सरकार ने जवाब में प्रवासी पक्षियों की मौत के संभावित कारणों में वायरल इंफेक्शन होना बताया है। जवाब में कहां गया है कि झील के बड़े हिस्से में 20 साल बाद पानी भरा है। संंभावना है कि किनारों पर नमक की ज्यादा मात्रा से यह मौत हो रही हों। इसके अलावा बैक्टिरियल इंफेक्शन भी हो सकता है। झील के जल स्तर में बढ़ोतरी और बढ़े हुए तापमान के कारण पक्षियों में आपसी संघर्ष भी मौत का कारण हो सकता है। एक कारण पक्षियों का लंबी यात्रा के दौरान पर्याप्त भोजन नहीं मिलने, प्रदूषण के कारण कमजोरी और थकान भी हो सकता है।
सरकार की ओर से पेश प्रारंभिक जवाब में कहा गया कि प्रवासी पक्षियों की मौत की जानकारी मिलते ही सरकार ने पशु चिकित्सकों की टीम मौके पर भेज दी थी और इनकी सलाह पर ही मृत पक्षियों के शवों को चूने के साथ गहराई में दफन किया जा रहा है।Conclusion:
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