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डिस्पेंसरी सुविधाओं में हुई कटौती, एक दर्जन से अधिक जांचे नहीं होंगी

सचिवालय डिस्पेंसरी सुविधाओं में कटौती की गई है. कर्मचारियों को पुनर्भरण की सुविधा है, इसी कारण डिस्पेंसरी सुविधाओं की समीक्षा की जा रही है.

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Published : May 13, 2019, 7:49 PM IST

सचिवालय डिस्पेंसरी सुविधाओं में कटौती

जयपुर. गहलोत सरकार के पिछले शासन में शुरू हुई सचिवालय कर्मचारियों के लिए डिस्पेंसरी की सुविधाओं में कटौती होने लगी है. डिस्पेंसरी में रूटीन में होने वाली जांचों में कटौती कर दी गई है. ब्लड प्रेशर हो या डायबिटीज, ऐसी करीब एक दर्जन से अधिक जांचों की सुविधाएं, जो सचिवालय कर्मचारियों के लिए गहलोत सरकार ने शुरू की थी , उस पर अब कटौती कर दी गई है.

सचिवालय डिस्पेंसरी सुविधाओं में कटौती
अभी भी सरकार के स्तर पर इस बात का परीक्षण किया जा रहा है कि डिस्पेंसरी में चल रही बाकी सुविधाओं में कितनी आवश्यकता है. यानी आने वाले दिनों में डिस्पेंसरी में मिलने वाली सुविधाओं में और कटौती हो सकती है. दरअसल सचिवालय में सोमवार को कर्मचारी संघ की तरफ से पांच दिवसीय चिकित्सा शिविर की शुरुआत की गई . शिविर में सामान्य जांच, कार्डियोलॉजी , यूरिनरी , किडनी सहित कई तरह की जांच मुफ्त की जा रही है.17 मई तक चलने वाले इस शिविर में सचिवालय कर्मचारी एवं मुख्य चिकित्सा परामर्श भी विशेषज्ञ की ओर से मिलेगा. ऐसे में सवाल ये खड़े हो रहे थे कि जब सचिवालय में इस तरह की जांच के लिए डिस्पेंसरी बनी है तो फिर बाहर से डॉक्टर्स बुलाकर मेडिकल कैंप लगाने की आवश्यकता क्यों महसूस की गई. शिविर के कर्मचारियों के लिए सचिवालय डिस्पेंसरी की मुख्य सुविधाओं का परीक्षण के संकेत मिले.मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने इस शिविर का शुभारंभ करते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारियों को हर तरह की उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवा और सुविधाओं के पुनर्भरण की व्यवस्था है. ऐसे में डिस्पेंसरी की सुविधाओं को लेकर परीक्षण किया जा रहा है कि डिस्पेंसरी में किस तरह की सुविधाओं और संसाधनों में से कितना जारी रखा जाना चाहिए.मुख्य सचिव डीबी गुप्ता का कहना है कि अधिकारी स्तर पर 40 वर्ष से उम्र के अधिकारियों के लिए साल में एक बार पूरी मेडिकल जांच कराना जरूरी हो गया है. हालांकि सरकार का सुविधाओं में कटौती के पीछे तर्क है कि जब कर्मचारियों को मेडिकल से जुड़ा पुनर्भरण दिया जाता है तो फिर निशुल्क जांच डिस्पेंसरी की क्या जरूरत है.

जयपुर. गहलोत सरकार के पिछले शासन में शुरू हुई सचिवालय कर्मचारियों के लिए डिस्पेंसरी की सुविधाओं में कटौती होने लगी है. डिस्पेंसरी में रूटीन में होने वाली जांचों में कटौती कर दी गई है. ब्लड प्रेशर हो या डायबिटीज, ऐसी करीब एक दर्जन से अधिक जांचों की सुविधाएं, जो सचिवालय कर्मचारियों के लिए गहलोत सरकार ने शुरू की थी , उस पर अब कटौती कर दी गई है.

सचिवालय डिस्पेंसरी सुविधाओं में कटौती
अभी भी सरकार के स्तर पर इस बात का परीक्षण किया जा रहा है कि डिस्पेंसरी में चल रही बाकी सुविधाओं में कितनी आवश्यकता है. यानी आने वाले दिनों में डिस्पेंसरी में मिलने वाली सुविधाओं में और कटौती हो सकती है. दरअसल सचिवालय में सोमवार को कर्मचारी संघ की तरफ से पांच दिवसीय चिकित्सा शिविर की शुरुआत की गई . शिविर में सामान्य जांच, कार्डियोलॉजी , यूरिनरी , किडनी सहित कई तरह की जांच मुफ्त की जा रही है.17 मई तक चलने वाले इस शिविर में सचिवालय कर्मचारी एवं मुख्य चिकित्सा परामर्श भी विशेषज्ञ की ओर से मिलेगा. ऐसे में सवाल ये खड़े हो रहे थे कि जब सचिवालय में इस तरह की जांच के लिए डिस्पेंसरी बनी है तो फिर बाहर से डॉक्टर्स बुलाकर मेडिकल कैंप लगाने की आवश्यकता क्यों महसूस की गई. शिविर के कर्मचारियों के लिए सचिवालय डिस्पेंसरी की मुख्य सुविधाओं का परीक्षण के संकेत मिले.मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने इस शिविर का शुभारंभ करते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारियों को हर तरह की उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवा और सुविधाओं के पुनर्भरण की व्यवस्था है. ऐसे में डिस्पेंसरी की सुविधाओं को लेकर परीक्षण किया जा रहा है कि डिस्पेंसरी में किस तरह की सुविधाओं और संसाधनों में से कितना जारी रखा जाना चाहिए.मुख्य सचिव डीबी गुप्ता का कहना है कि अधिकारी स्तर पर 40 वर्ष से उम्र के अधिकारियों के लिए साल में एक बार पूरी मेडिकल जांच कराना जरूरी हो गया है. हालांकि सरकार का सुविधाओं में कटौती के पीछे तर्क है कि जब कर्मचारियों को मेडिकल से जुड़ा पुनर्भरण दिया जाता है तो फिर निशुल्क जांच डिस्पेंसरी की क्या जरूरत है.
Intro:जयपुर -

सचिवालय डिस्पेंसरी सुविधाओं में हुई कटौती , मुख्यसचिव ने कहा कर्मचारियों को पुनर्भरण सुविधा , इस लिए हो रही है डिस्पेंसरी सुविधाओं की समीक्षा

एंकर:- गहलोत सरकार के पिछलर शासन में शुरू हुई सचिवालय कर्मचारियों के लिए डिस्पेंसरी की सुविधाओं में कटौती होने लगी है , डिस्पेंसरी में रूटीन में होने वाली जांचों में कटौती कर दी गई है , ब्लड प्रेशर हो या अभी डायबिटीज ऐसी करीब एक दर्जन से अधिक जांचों की सुविधाएं जो सचिवालय कर्मचारियों के लिए गहलोत सरकार ने अपने पिछले शासन में शुरू की थी , उस पर आप कटौती कर दी गई है और अभी भी सरकार के स्तर पर इस बात का परीक्षण किया जा रहा है कि डिस्पेंसरी में चल रही बाकी सुविधाओं में कितनी आवश्यकता है या नहीं यानी आने वाले दिनों में इस डिस्पेंसरी में मिलने वाली सुविधाओं और कटौती होगी , दरअसल सचिवालय में आज कर्मचारी संघ की तरफ से पांच दिवसीय चिकित्सा शिविर की शुरुआत की गई , शिविर में सामान्य जांच कार्डियोलॉजी , यूरिनरी , किडनी सहित कई तरह की जांच मुफ्त की जा रही है , 17 मई तक जारी रहने वाले इस शिविर में सचिवालय कर्मचारी एवं मुख्य चिकित्सा परामर्श भी विशेषज्ञ की ओर से मिलेगा , ऐसे सवाल ये खड़े हो रहे थे कि जब सचिवालय में इस तरह की जा चुकी लिए डिस्पेंसरी बनाई हुई है तो फिर बाहर से डॉक्टर्स बुलाकर मेडिकल कैंप लगाने की आवश्यकता क्यों महसूस की गई, शिविर के कर्मचारियों के लिए आगाज के साथ सचिवालय डिस्पेंसरी की मुख्य सुविधाओं का परीक्षण के संकेत मिले मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने इस शिविर की शुभारंभ करते हुए कहां की सरकारी कर्मचारियों को हर तरह की उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवा और सुविधाओं के पुनर्भरण की व्यवस्था है , ऐसे में डिस्पेंसरी की सुविधाओं को लेकर परीक्षण किया जा रहा है की डिस्पेंसरी में किस तरह की सुविधाओं और संसाधनों में से कितना जारी रखा जाना चाहिए और कितना नहीं मुख्य सचिव डीबी गुप्ता का कहना है कि अधिकारी स्तर पर 40 वर्ष से उम्र के अधिकारियों के लिए साल में एक बार तमाम मेडिकल जांच कराना जरूरी हो गया है उसकी एशिया के साथ यह जांच रिपोर्ट शामिल किया जाना जरूरी है , लेकिन बड़ा सवाल यह कि जब सचिवालय में यह डिस्पेंसरी शुरू करी गई थी उस वक्त तमाम जांच सुविधाओं के साथ शुरू किया गया था लेकिन अब जांच सुविधाओं में कटौती की जा रही है हालांकि सरकार का इसकी पीछे तर्क है कि जब कर्मचारियों को मेडिकल से जुड़ा पुनर्भरण दिया जाता है तो फिर निशुल्क जांच डिस्पेंसरी की जरूरत क्या है

बाइट:- डीबी गुप्ता - मुख्यसचिव



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