जयपुर. राजकीय आईटीआई संस्थाओं में कार्यरत गेस्ट फैकल्टीज को भी लाॅकडाउन अवधि के पारिश्रमिक का भुगतान किया जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संवेदनशील निर्णय करते हुए इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. सीएम अशोक गहलोत के इस निर्णय से राजकीय आईटीआई संस्थाओं में कार्यरत 1066 गेस्ट फैकल्टीज को लाॅकडाउन अवधि का पारिश्रमिक मिल सकेगा.
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राज्य सरकार के इस निर्णय से करीब 4 करोड़ 33 लाख रुपए का वित्तीय भार बढ़ेगा. उल्लेखनीय है कि राजकीय आईटीआई संस्थाओं में कार्यरत गेस्ट फैकल्टीज को पारिश्रमिक का भुगतान प्रतिघंटा की दर के आधार पर दी गई सेवाओं के अनुरूप किया जाता है. उन्हें मासिक पारिश्रमिक नहीं दिया जाता है. मुख्यमंत्री ने लाॅकडाउन के कारण अध्ययन/अध्यापन का कार्य प्रभावित होने की स्थिति में पारिश्रमिक से वंचित इन गेस्ट फैकल्टीज को भी अनुबंधित, कैजुअल या आउटसोर्स कार्मिक मानते हुए लाॅकडाउन अवधि का पारिश्रमिक भुगतान करने का निर्णय किया है.
कृषि उपज मंडियों को राहत...
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कृषि विपणन से जुड़े व्यापारियों को बड़ी राहत देते हुए समितियों की ओर से बकाया राशि की वसूली के लिए 'ब्याज माफी योजना 2019' की अवधि 31 दिसम्बर 2020 तक बढ़ाए जाने का निर्णय लिया है. गहलोत ने कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत कृषि विपणन विभाग की ओर से इस संबंध में प्राप्त प्रस्ताव पर सहमति दे दी है.
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प्रस्ताव के अनुसार राज्य की विभिन्न कृषि मण्डी समितियों की ओर 30 सितम्बर 2019 तक मण्डी शुल्क, आवंटन शुल्क तथा अन्य बकाया सहित कुल 68 करोड़ रुपए की राशि बकाया थी. इस राशि की वसूली के लिए ब्याज माफी योजना के तहत 31 मार्च 2020 तक समस्त मूल बकाया राशि तथा इस पर देय ब्याज की 25 प्रतिशत राशि जमा कराने पर ब्याज में 75 प्रतिशत छूट दी गई थी.
पूर्व में कोविड-19 महामारी के कारण माफी योजना की अवधि 30 सितम्बर, 2020 तक बढ़ाई गयी थी. जिसे अब 31 दिसम्बर, 2020 तक बढ़ा दिया गया है. विभिन्न व्यापार संघों की मांग पर इस योजना की अवधि बढ़ाई गई है. इस निर्णय से फल-सब्जी तथा कृषि उपज मण्डियों के व्यापारियों को राहत मिलेगी.