जयपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए भारत सरकार की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है. ऐसे में कोरोना वायरस को लेकर राजस्थान सरकार को भी बड़ा फैसला लेना पड़ा. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सार्वजनिक स्थलों पर 50 से अधिक लोगों की भीड़ इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए. साथ ही सभी तरह के उत्सव और मेलों पर 31 मार्च तक रोक लगाई गई है.
राजस्थान में पुरातत्व और संग्रहालय विभाग की ओर से प्रदेश भर के सभी मॉन्यूमेंट्स को 31 मार्च तक बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं. इस आदेश के बाद पर्यटक के क्षेत्र में काफी नुकसान उठाना पड़ेगा. राजधानी जयपुर में विश्व प्रसिद्ध आमेर महल में भी 18 मार्च से पर्यटकों का प्रवेश बंद रहेगा.
इसके साथ ही आमेर महल में हाथी सवारी भी पूर्णतया बंद रहेगी. ये प्रतिबंध फिलहाल 31 मार्च तक लागू रहेगा और उसके बाद स्थिति की समीक्षा कर समुचित निर्णय लिया जाएगा. प्रदेश भर के पर्यटक स्थल बंद होने के बाद पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए बेरोजगारी के हालात बन जाएंगे. साथ ही रोजाना करोड़ों रुपए के राजस्व का भी नुकसान होगा. वहीं, पर्यटक स्थल बंद होने से जयपुर पहुंचे विदेशी सैलानियों को भी मायूस होकर लौटना पड़ेगा.
आमेर महल अधीक्षक पंकज धरेंद्र ने बताया कि कोरोना वायरस को विश्वव्यापी महामारी घोषित किया जा चुका है. इस चीज को मध्य नजर रखते हुए राज्य सरकार की ओर से पुरातत्व और संग्रहालय विभाग के डायरेक्टर ने आदेश जारी किए हैं कि प्रदेश के संग्रहालय और स्मारकों को 31 मार्च तक बंद रखा जाएगा. ये आदेश 18 मार्च से प्रभावी होंगे. महल के रेलिंग और कई दीवारों को सैनेटाइजर से साफ किया जा रहा है. आमेर महल के कर्मचारियों को मास्क उपलब्ध करवाए गए हैं. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सभी मास्क लगाकर ड्यूटी कर रहे हैं. पूरा एतिहात बरता जा रहा है.
ऑनलाइन टिकटिंग पुरातत्व और संग्रहालय विभाग की ओर से बंद कर दी जाएगी. आमेर महल में हाथी सवारी, लाइट एंड साउंड शो और रात में पर्यटन सहित आमेर महल में 31 मार्च तक पर्यटकों का प्रवेश पूर्णतया बंद रहेगा.