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प्रदेश में 'इकोनॉमिक ट्रांसफॉर्मेशन एडवाइजरी काउंसिल' का गठन, सीएम अशोक गहलोत होंगे मुखिया

प्रदेश की गहलोत सरकार ने एक आदेश जारी कर 'इकोनॉमिक ट्रांसफॉर्मेशन एडवाइजरी काउंसिल' का गठन किया है. इस कौंसिल के अध्यक्ष खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत होंगे. डॉ. अरविंद मायाराम इसके उपाध्यक्ष होंगे. इस परिषद का कार्यकाल मार्च 2022 तक रहेगा, साथ ही जरूरत होने पर इसे बढ़ाया जा सकेगा.

जयपुर न्यूज, jaipur news, rajsthan news
सरकार ने बनाई 'Economic Transformation Advisory Council'
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Published : Mar 8, 2020, 9:17 AM IST

Updated : Mar 8, 2020, 9:36 AM IST

जयपुर. राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर चीफ मिनिस्टर राजस्थान इकोनोमिक ट्रांसफॉरमेशन एडवाइजरी काउंसिल का गठन किया है. मुख्यमंत्री गहलोत इस सलाहकार परिषद के अध्यक्ष होंगे और डॉ. अरविंद मायाराम इसके उपाध्यक्ष होंगे.

सरकार ने बनाई 'Economic Transformation Advisory Council'

बता दें, कि परिषद में मुख्यमंत्री के सलाहंकार डॉ. गोविंद शर्मा इस काउंसिल में सदस्य होंगे. इनके अलावा परिषद में मुख्य सचिव, एसीएस वित्त, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सदस्य होंगे, जबकि आयोजना विभाग के प्रमुख शासन सचिव सदस्य सचिव होंगे. परिषद के अन्य सदस्यों में डॉ. राथिन रॉय, डॉ. अशोक गुलाटी, अनिल अग्रवाल, लक्ष्मी निवास मित्तल, नैनालाल किदवई, डॉ. देवी शेट्टी, विक्रम मेहता, केशव देसीराजू, नावेद खान, डॉ. शिव कुमार सरीन, डॉ. अशोक पनगडिया, फैथ सिंह, नंदिता दास, डॉ. ज्योतिन्द्र जैन, कविता सिंह, प्रोफेसर एरोल डिसूजा, अमित कपूर, विजय कुमार, राजीव गौडा, मंगू सिंह, प्रदीप एस मेहता और प्रोफसर दिनेश सिंह को शामिल किया गया है.

पढ़ेंः यूथ कांग्रेस चुनाव में फर्जीवाड़े का आरोप, अध्यक्ष पद के प्रत्याशी बोले- "मेरा और पत्नी का वोट भी गया विपक्ष को"

इस परिषद की बैठक छह महीने में कम से कम एक बार होगी. परिषद के कार्यकारी समूह का गठन किया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री की ओर से विषय विशेषज्ञों को मनोनीत किया जाएगा. वहीं, कार्यकारी समूह का दायित्व परिषद के लिए नीति पत्र तैयार करने के लिए अनुसंधान और विश्लेषणात्मक गतिविधियों के साथ सुझाव देना होगा. कार्यकारी समूह के सदस्य परिषद के सदस्यों में से या फिर परिषद के बाहर से दो साल की अवधि के लिए मनोनीति किए जा सकेंगे. आयोजना विभाग परिषद और इसके कार्यकारी समूह के सचिवालय के रूप में काम करेगा. इस परिषद का कार्यकाल मार्च 2022 तक रहेगा, साथ ही जरूरत होने पर इसे बढ़ाया जा सकेगा.

पढ़ेंः महिला दिवस विशेष : लोकसंगीत की 'मालिनी', जिनके स्वर से लोकगीत महक उठे

ये भी हो सकेंगे शामिल...

इस परिषद की बैठकों में मुख्यमंत्री की ओर से नामित मंत्री, राज्मंत्री और संबंधित विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव और शासन सचिव को विचार विमर्श के लिए आमंत्रित किया जा सकेगा. इसके अलावा यह परिषद किसी विशेष उद्देश्य और निश्चित समय अवधि के लिए सहयोजित सदस्य के रूप में विशेषज्ञों को जरूरत के हिसाब से आमंत्रित कर सकेगी.

परिषद के होंगे यह काम...

यह परिषद राज्य की आर्थिक वृद्धि और विकास में आ रही चुनौतियों, खासतौर पर राजकोषीय प्रबंधन, उत्पादकता बढ़ाने, रोजगार के अवसरों के सृजन आदि की पहचान करेगी और स्वास्थ्य, स्वच्छता और शिक्षा जैसी बुनियादी सेवाओं को प्रभावी रूप से लागू करने के संबंध में सलाह देगी. इसके साथ ही यह परिषद राज्य के​ विशिष्ट आर्थिक और वित्तीय नीतिगत विषयों के गहन विश्लेषण के लिए अध्ययन करने, राज्य में की जा रही नवीन पहल को चिन्ह्रित कर उनकी मध्य अवधि प्रगति को सुनिश्चित करने के साथ ही इनकी क्रियान्विति के विभिन्न स्तरों की समीक्षा भी करेगी.

जयपुर. राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर चीफ मिनिस्टर राजस्थान इकोनोमिक ट्रांसफॉरमेशन एडवाइजरी काउंसिल का गठन किया है. मुख्यमंत्री गहलोत इस सलाहकार परिषद के अध्यक्ष होंगे और डॉ. अरविंद मायाराम इसके उपाध्यक्ष होंगे.

सरकार ने बनाई 'Economic Transformation Advisory Council'

बता दें, कि परिषद में मुख्यमंत्री के सलाहंकार डॉ. गोविंद शर्मा इस काउंसिल में सदस्य होंगे. इनके अलावा परिषद में मुख्य सचिव, एसीएस वित्त, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सदस्य होंगे, जबकि आयोजना विभाग के प्रमुख शासन सचिव सदस्य सचिव होंगे. परिषद के अन्य सदस्यों में डॉ. राथिन रॉय, डॉ. अशोक गुलाटी, अनिल अग्रवाल, लक्ष्मी निवास मित्तल, नैनालाल किदवई, डॉ. देवी शेट्टी, विक्रम मेहता, केशव देसीराजू, नावेद खान, डॉ. शिव कुमार सरीन, डॉ. अशोक पनगडिया, फैथ सिंह, नंदिता दास, डॉ. ज्योतिन्द्र जैन, कविता सिंह, प्रोफेसर एरोल डिसूजा, अमित कपूर, विजय कुमार, राजीव गौडा, मंगू सिंह, प्रदीप एस मेहता और प्रोफसर दिनेश सिंह को शामिल किया गया है.

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इस परिषद की बैठक छह महीने में कम से कम एक बार होगी. परिषद के कार्यकारी समूह का गठन किया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री की ओर से विषय विशेषज्ञों को मनोनीत किया जाएगा. वहीं, कार्यकारी समूह का दायित्व परिषद के लिए नीति पत्र तैयार करने के लिए अनुसंधान और विश्लेषणात्मक गतिविधियों के साथ सुझाव देना होगा. कार्यकारी समूह के सदस्य परिषद के सदस्यों में से या फिर परिषद के बाहर से दो साल की अवधि के लिए मनोनीति किए जा सकेंगे. आयोजना विभाग परिषद और इसके कार्यकारी समूह के सचिवालय के रूप में काम करेगा. इस परिषद का कार्यकाल मार्च 2022 तक रहेगा, साथ ही जरूरत होने पर इसे बढ़ाया जा सकेगा.

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ये भी हो सकेंगे शामिल...

इस परिषद की बैठकों में मुख्यमंत्री की ओर से नामित मंत्री, राज्मंत्री और संबंधित विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव और शासन सचिव को विचार विमर्श के लिए आमंत्रित किया जा सकेगा. इसके अलावा यह परिषद किसी विशेष उद्देश्य और निश्चित समय अवधि के लिए सहयोजित सदस्य के रूप में विशेषज्ञों को जरूरत के हिसाब से आमंत्रित कर सकेगी.

परिषद के होंगे यह काम...

यह परिषद राज्य की आर्थिक वृद्धि और विकास में आ रही चुनौतियों, खासतौर पर राजकोषीय प्रबंधन, उत्पादकता बढ़ाने, रोजगार के अवसरों के सृजन आदि की पहचान करेगी और स्वास्थ्य, स्वच्छता और शिक्षा जैसी बुनियादी सेवाओं को प्रभावी रूप से लागू करने के संबंध में सलाह देगी. इसके साथ ही यह परिषद राज्य के​ विशिष्ट आर्थिक और वित्तीय नीतिगत विषयों के गहन विश्लेषण के लिए अध्ययन करने, राज्य में की जा रही नवीन पहल को चिन्ह्रित कर उनकी मध्य अवधि प्रगति को सुनिश्चित करने के साथ ही इनकी क्रियान्विति के विभिन्न स्तरों की समीक्षा भी करेगी.

Last Updated : Mar 8, 2020, 9:36 AM IST
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