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कोरोना इलाज को लेकर सरकार और अस्पताल एसोसिएशन आमने-सामने, IMA ने दिया ये तर्क

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Published : Jun 25, 2020, 12:28 PM IST

प्रदेश सरकार ने कोरोना इलाज के लिए आदेश जारी किया है. जिसमें कोरोना इलाज के लिए एक राशि तय कर दी गई है. तय की गई राशि के तहत ही प्राइवेट अस्पतालों को कोरोना मरीजों का इलाज करना होगा, लेकिन सरकार के इस फैसले पर प्राइवेट अस्पताल एसोसिएशन ने कहा कि इस मामले में सरकार को पहले उनसे बात करनी चाहिए थी.

कोरोना इलाज पर राजस्थान सरकार का आदेश, Rajasthan government order on corona treatment
कोरोना इलाज की दर पर आइएमए का विरोध

जयपुर. राज्य सरकार ने हाल ही में प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना से जुड़े इलाज को लेकर एक आदेश जारी किया है. जिसके तहत प्राइवेट अस्पतालों के लिए सरकार ने एक राशि तय की है. जिसके तहत तय की गई राशि के अनुसार ही प्राइवेट अस्पतालों को कोरोना मरीजों का इलाज करना होगा.

राज्य सरकार ने कोरोना इलाज की दर तय की

गौरतलब है की राजस्थान में कोरोना का पहला मामला 2 मार्च को आया था. जिसके बाद पॉजिटिव मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा होने लगा और राज्य सरकार ने कोरोना के इलाज को लेकर गाइडलाइन भी जारी की. जिसके तहत जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल समेत प्रदेश के बड़े सरकारी अस्पतालों में इसका इलाज शुरू किया गया.

पढ़ेंः कोरोना की रोकथाम के प्रयासों के चलते राजस्थान बना देशभर के लिए मॉडल: परसादी लाल मीणा

लेकिन हाल ही में राज्य सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को भी कोरोना का इलाज शुरू करने को कहा है. जिसे लेकर एक राशि भी सरकार की ओर से तय की गई है. जिसके तहत प्राइवेट अस्पताल और निजी लैब को कोरोना के लिए 2200 रुपए प्रति जांच, इलाज के लिए भर्ती मरीज के लिए सामान्य बेड का किराया 2000 रु प्रतिदिन और वेंटिलेटर बेड का किराया 4000 रु प्रतिदिन तय किया गया है. वहीं इसे लेकर चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है, कि वे समय-समय पर निजी अस्पतालों का निरीक्षण भी करते रहें और यदि इससे अधिक राशि निजी अस्पताल वसूलते हैं तो हेल्पलाइन नंबर पर भी शिकायत दर्ज की जा सकती है.

कोरोना इलाज पर राजस्थान सरकार का आदेश, Rajasthan government order on corona treatment
कोरोना मरीज का इलाज करते डॉक्टर

आईएमए विरोध मेंः

वहीं प्राइवेट अस्पतालों कि एसोसिएशन और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सरकार की ओर से तय की गई इलाज की कीमत को गलत बताया है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार को प्राइवेट अस्पतालों को लेकर कोई निर्णय करना था तो इससे पहले प्राइवेट अस्पतालों के एसोसिएशन से बातचीत करते और उनके सुझाव भी इसमें शामिल किए जाते. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि आमतौर पर वेंटिलेटर का किराया अधिक होता है.

पढ़ेंः जोधपुर के भीतरी शहर में कोरोना विस्फोट, 26 रोगी आए सामने...कुल आंकड़ा 2460

आईएमए का तर्कः

  • एक वेंटिलेटर की अनुमानित कीमत 8 से 15 लाख रुपए.
  • एक दिन में एक वेंटीलेटर पर करीब 4 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत.
  • एक ऑक्सीजन सिलेंडर की कीमत लगभग 500 रुपए.
  • वेंटिलेटर में काम में आने वाली ट्यूब की कीमत 3 से 4 हजार रुपए.
  • 1 वेंटिलेटर के रखरखाव नें लगभग 2 से 3 लाख रुपए का खर्च
    कोरोना इलाज पर राजस्थान सरकार का आदेश, Rajasthan government order on corona treatment
    राज्य सरकार के निर्देश को IMA ने बताया गलत

फिलहाल इलाज सिर्फ सरकारी अस्पताल मेंः

हालांकि राज्य सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज करने की छूट दे दी है. लेकिन इससे पहले कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज सवाई मानसिंह अस्पताल और फिर प्रताप नगर स्टेट आर यू एच एस अस्पताल में किया जा रहा है. इस दौरान किसी भी प्राइवेट अस्पताल को कोरोना पॉजिटिव मरीजों के इलाज करने की इजाजत सरकार की ओर से नहीं दी गई थी और यदि किसी व्यक्ति में इस तरह के लक्षण भी नजर आते थे तो उसे प्राइवेट अस्पताल से सीधा सरकारी अस्पताल में रेफर किया जाता था.

जयपुर. राज्य सरकार ने हाल ही में प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना से जुड़े इलाज को लेकर एक आदेश जारी किया है. जिसके तहत प्राइवेट अस्पतालों के लिए सरकार ने एक राशि तय की है. जिसके तहत तय की गई राशि के अनुसार ही प्राइवेट अस्पतालों को कोरोना मरीजों का इलाज करना होगा.

राज्य सरकार ने कोरोना इलाज की दर तय की

गौरतलब है की राजस्थान में कोरोना का पहला मामला 2 मार्च को आया था. जिसके बाद पॉजिटिव मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा होने लगा और राज्य सरकार ने कोरोना के इलाज को लेकर गाइडलाइन भी जारी की. जिसके तहत जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल समेत प्रदेश के बड़े सरकारी अस्पतालों में इसका इलाज शुरू किया गया.

पढ़ेंः कोरोना की रोकथाम के प्रयासों के चलते राजस्थान बना देशभर के लिए मॉडल: परसादी लाल मीणा

लेकिन हाल ही में राज्य सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को भी कोरोना का इलाज शुरू करने को कहा है. जिसे लेकर एक राशि भी सरकार की ओर से तय की गई है. जिसके तहत प्राइवेट अस्पताल और निजी लैब को कोरोना के लिए 2200 रुपए प्रति जांच, इलाज के लिए भर्ती मरीज के लिए सामान्य बेड का किराया 2000 रु प्रतिदिन और वेंटिलेटर बेड का किराया 4000 रु प्रतिदिन तय किया गया है. वहीं इसे लेकर चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है, कि वे समय-समय पर निजी अस्पतालों का निरीक्षण भी करते रहें और यदि इससे अधिक राशि निजी अस्पताल वसूलते हैं तो हेल्पलाइन नंबर पर भी शिकायत दर्ज की जा सकती है.

कोरोना इलाज पर राजस्थान सरकार का आदेश, Rajasthan government order on corona treatment
कोरोना मरीज का इलाज करते डॉक्टर

आईएमए विरोध मेंः

वहीं प्राइवेट अस्पतालों कि एसोसिएशन और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सरकार की ओर से तय की गई इलाज की कीमत को गलत बताया है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार को प्राइवेट अस्पतालों को लेकर कोई निर्णय करना था तो इससे पहले प्राइवेट अस्पतालों के एसोसिएशन से बातचीत करते और उनके सुझाव भी इसमें शामिल किए जाते. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि आमतौर पर वेंटिलेटर का किराया अधिक होता है.

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आईएमए का तर्कः

  • एक वेंटिलेटर की अनुमानित कीमत 8 से 15 लाख रुपए.
  • एक दिन में एक वेंटीलेटर पर करीब 4 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत.
  • एक ऑक्सीजन सिलेंडर की कीमत लगभग 500 रुपए.
  • वेंटिलेटर में काम में आने वाली ट्यूब की कीमत 3 से 4 हजार रुपए.
  • 1 वेंटिलेटर के रखरखाव नें लगभग 2 से 3 लाख रुपए का खर्च
    कोरोना इलाज पर राजस्थान सरकार का आदेश, Rajasthan government order on corona treatment
    राज्य सरकार के निर्देश को IMA ने बताया गलत

फिलहाल इलाज सिर्फ सरकारी अस्पताल मेंः

हालांकि राज्य सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज करने की छूट दे दी है. लेकिन इससे पहले कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज सवाई मानसिंह अस्पताल और फिर प्रताप नगर स्टेट आर यू एच एस अस्पताल में किया जा रहा है. इस दौरान किसी भी प्राइवेट अस्पताल को कोरोना पॉजिटिव मरीजों के इलाज करने की इजाजत सरकार की ओर से नहीं दी गई थी और यदि किसी व्यक्ति में इस तरह के लक्षण भी नजर आते थे तो उसे प्राइवेट अस्पताल से सीधा सरकारी अस्पताल में रेफर किया जाता था.

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