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डेल्फिक डायलॉग ऑनलाइन कार्यक्रम में गोल्ड मेडलिस्ट शूटर अवनी लेखरा ने साझा किए अनुभव

डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान की ऑनलाइन डेल्फिक डायलॉग शृंखला कार्यक्रम में पैरालंपिक 2020 में गोल्ड मेडल हासिल करने वाली अवनि लेखरा ने शिरकत की और अपने अनुभव बांटे.

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गोल्ड मेडलिस्ट शूटर अवनी लेखरा ने साझा किए अनुभव
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Published : Sep 25, 2021, 8:11 PM IST

जयपुर. डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान की ऑनलाइन डेल्फिक डायलॉग शृंखला के तहत शनिवार को पैरा ओलंपिक-2020 की गोल्ड मेडलिस्ट अवनि लेखरा ने अपने अनुभव साझा किए. इस दौरान उन्होंने अपने जीवन, खेल और परिवार सहित अन्य मुद्दों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की.

डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान की अध्यक्ष और वन एवं पर्यावरण विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा के मुताबिक डेल्फिक डायलॉग शृंखला की 10वीं कड़ी में टोक्यो पैरालंपिक की गोल्ड मेडलिस्ट विजेता शूटर अवनि लेखरा ने शिरकत की. सत्र का संचालन करते हुए डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान के महासचिव एवं नागौर के जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने शूटर अवनि से सवाल-जवाब किए.

इस दौरान गोल्ड मेडलिस्ट अवनि ने अपनी अब तक की जीवन यात्रा का परिचय देते हुए शूटिंग और इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी. अवनि ने बताया कि किस तरह से परिवार के सदस्यों ने उसे हर स्तर पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया.

पढ़ें: TOKYO PARALYMPICS 2020: अवनि ने जीता गोल्ड, पिता बोले- कठिन परिश्रम का परिणाम

टोक्यो ओलंपिक में मैच से पहले अपनी कोच की ओर से दिए गए प्रोत्साहन का जिक्र करते हुए अवनि ने बताया कि उनकी सफलता में कोच का बेहद महत्वपूर्ण योगदान रहा. उन्होंने कहा कि पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी बनने की खुशी को शब्दों नें बयां नहीं कर सकती है. अवनि ने बताया कि टोक्यो में बहुत अच्छा माहौल था. वॉलिंटियर्स ने भी उनकी सफलता पर बधाई दी. परिवार के सदस्यों को भी ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं मिलीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, वन मंत्री सुखराम विश्नोई समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने उन्हें बधाई दी.

पढ़ें: Positive Bharat podcast: अवनि लेखरा, जिसने अपनी दिव्यांगता को कमजोरी नहीं बल्कि ताकत बनाया

भविष्य की योजनाओं का जिक्र करते हुए अवनि ने बताया कि अब उनका पूरा ध्यान एशियन पैरालंपिक और पेरिस में होने वाले ओलंपिक पर है. टोक्यो ओलंपिक में हुई गलतियों से सबक लेकर वे एशियन पैरालंपिक और पेरिस में होने वाले ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास करेंगी. अब तक की सफलता में अपने परिजनों की भूमिका को रेखांकित करते हुए अवनि ने बताया कि किस तरह से परिजनों ने पढ़ाई छूटने के बाद उसे पढ़ने और शूटिंग के प्रति आकर्षित किया. शूटिंग की वजह से ही उनमें आत्मविश्वास आया, जिसकी बदौलत वे पैरालंपिक में अच्छा प्रदर्शन कर पाईं.

शूटर अवनि ने बताया कि किस तरह से परिजनों ने उसे सामान्य बच्चों की भांति प्रत्येक कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया. दिव्यांग खिलाड़ियों के प्रति होने वाले व्यवहार का जिक्र करते हुए अवनि ने बताया कि उन्हें भी सामान्य खिलाड़ियों की तरह दर्जा देना चाहिए. उन्होंने माता-पिता को अपना रोल मॉडल मानते हुए बताया कि उन्हें नृत्य पसंद है.

जयपुर. डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान की ऑनलाइन डेल्फिक डायलॉग शृंखला के तहत शनिवार को पैरा ओलंपिक-2020 की गोल्ड मेडलिस्ट अवनि लेखरा ने अपने अनुभव साझा किए. इस दौरान उन्होंने अपने जीवन, खेल और परिवार सहित अन्य मुद्दों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की.

डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान की अध्यक्ष और वन एवं पर्यावरण विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा के मुताबिक डेल्फिक डायलॉग शृंखला की 10वीं कड़ी में टोक्यो पैरालंपिक की गोल्ड मेडलिस्ट विजेता शूटर अवनि लेखरा ने शिरकत की. सत्र का संचालन करते हुए डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान के महासचिव एवं नागौर के जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने शूटर अवनि से सवाल-जवाब किए.

इस दौरान गोल्ड मेडलिस्ट अवनि ने अपनी अब तक की जीवन यात्रा का परिचय देते हुए शूटिंग और इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी. अवनि ने बताया कि किस तरह से परिवार के सदस्यों ने उसे हर स्तर पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया.

पढ़ें: TOKYO PARALYMPICS 2020: अवनि ने जीता गोल्ड, पिता बोले- कठिन परिश्रम का परिणाम

टोक्यो ओलंपिक में मैच से पहले अपनी कोच की ओर से दिए गए प्रोत्साहन का जिक्र करते हुए अवनि ने बताया कि उनकी सफलता में कोच का बेहद महत्वपूर्ण योगदान रहा. उन्होंने कहा कि पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी बनने की खुशी को शब्दों नें बयां नहीं कर सकती है. अवनि ने बताया कि टोक्यो में बहुत अच्छा माहौल था. वॉलिंटियर्स ने भी उनकी सफलता पर बधाई दी. परिवार के सदस्यों को भी ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं मिलीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, वन मंत्री सुखराम विश्नोई समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने उन्हें बधाई दी.

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भविष्य की योजनाओं का जिक्र करते हुए अवनि ने बताया कि अब उनका पूरा ध्यान एशियन पैरालंपिक और पेरिस में होने वाले ओलंपिक पर है. टोक्यो ओलंपिक में हुई गलतियों से सबक लेकर वे एशियन पैरालंपिक और पेरिस में होने वाले ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास करेंगी. अब तक की सफलता में अपने परिजनों की भूमिका को रेखांकित करते हुए अवनि ने बताया कि किस तरह से परिजनों ने पढ़ाई छूटने के बाद उसे पढ़ने और शूटिंग के प्रति आकर्षित किया. शूटिंग की वजह से ही उनमें आत्मविश्वास आया, जिसकी बदौलत वे पैरालंपिक में अच्छा प्रदर्शन कर पाईं.

शूटर अवनि ने बताया कि किस तरह से परिजनों ने उसे सामान्य बच्चों की भांति प्रत्येक कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया. दिव्यांग खिलाड़ियों के प्रति होने वाले व्यवहार का जिक्र करते हुए अवनि ने बताया कि उन्हें भी सामान्य खिलाड़ियों की तरह दर्जा देना चाहिए. उन्होंने माता-पिता को अपना रोल मॉडल मानते हुए बताया कि उन्हें नृत्य पसंद है.

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