जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायक दल के नेता के तौर पर जयपुर में विधायक दल की बैठक नहीं हो पाने पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से ना केवल माफी मांगी, बल्कि यह एलान भी कर दिया कि वह (Ashok Gehlot Feel Sorry to Sonia Gandhi) अब राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेंगे. लेकिन सचिन पायलट के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ रहे विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से इनकार किया है या फिर आलाकमान ने उन्हें अपना प्रत्याशी नहीं बनाया है, यह तो आलाकमान ही बेहतर बता सकता है.
लेकिन जिस तरह से अचानक इतने कैंडिडेट सामने आ गए हैं, उससे तो लगता है कि आलाकमान नहीं चाहता है कि गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ें. गिर्राज सिंह मलिंगा ने गहलोत कैंप के विधायक दल की बैठक में नहीं जाने वाले विधायकों पर (MLA Girraj Singh Malinga Targets Gehlot) मानेसर से भी बड़ी बगावत के आरोप लगाए हैं. मलिंगा ने कहा कि मानेसर जाने वाले विधायकों ने तो केवल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से ही बगावत की थी, लेकिन वर्तमान परिस्थिति में तो विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान से ही बगावत कर दी, जो मानेसर जाने वालों से भी कहीं बड़ी घटना है.
पहले केवल गहलोत और अब इतने नाम, मतलब पार्टी नहीं लड़वाना चाहती चुनाव : मुख्यमंत्री के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव नहीं लड़ने के एलान के बाद विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने कहा कि यह मुख्यमंत्री का व्यक्तिगत फैसला है कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ें या नहीं लड़ें. लेकिन यह भी तो हो सकता है कि उन्हें पार्टी ही चुनाव नहीं लड़वाना चाह रही हो. उन्होंने कहा कि पहले तो एक गहलोत का ही नाम था राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए, लेकिन अब तो काफी नाम निकल कर आ रहे हैं. इसका मतलब हो सकता है और नाम आ गए हों.
आलाकमान दे पायलट को मुख्यमंत्री बनने का मौका : विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने कहा कि जब मानेसर जाने वाले मंत्री बन सकते हैं, तो उनमें से कोई मुख्यमंत्री क्यों नहीं बन सकता है. इसमें क्या दिक्कत है. अगर इतना ही विरोध था तो फिर पहले 5 विधायकों को मंत्री ही क्यों बनाया ? मलिंगा ने कहा कि इसका मतलब तो यह हुआ कि मंत्री बनाना अलग बात है और मुख्यमंत्री बनाना (Rajasthan Next CM) अलग बात है. उन्होंने आलाकमान से मांग की कि सचिन पायलट को एक मौका देना चाहिए. युवा यह चाह रहे हैं.
विधायक मलिंगा ने गहलोत कैंप पर तंज कसते हुए कहा कि एक बार देख लें कि नकारा, निकम्मा कुछ कर सकता है या नहीं कर सकता. पार्टी को एक बार देख लेना चाहिए, क्या पता पायलट ही कारगर साबित हो जाएं और सरकार रिपीट करवा लें. एक बार पायलट को मौका देना चाहिए. मलिंगा ने कहा कि हम तो पार्टी आलाकमान के साथ खड़े हैं. वह गहलोत को मुख्यमंत्री बना दे तो उनके साथ भी, वह भरोसी लाल जाटव, लाल चंद कटारिया, रघु शर्मा, सीपी जोशी किसी को बनाए, हम तो पार्टी के साथ खड़े हैं. उन्होंने कहा कि हम पार्टी की पालना करेंगे.
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गिर्राज मलिंगा ने आगे कहा कि गहलोत कैंप के विधायक अब यह कह रहे हैं कि मानेसर जाने वालों को मुख्यमंत्री स्वीकार नहीं करेंगे. लेकिन मानेसर जाने वालों ने तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बगावत की थी, आपने तो हाईकमान को ही चुनौती दे दी. आपने तो उनसे भी बड़ा पाप किया है. उन्होंने कम से कम हाईकमान को तो चुनौती नहीं दी थी, आपने तो सीधी हाईकमान को ही चुनौती दे दी कि हम आदेश की पालना ही नहीं करेंगे. आप तो आलाकमान से भी ज्यादा बड़े हो गए. इसका मतलब अब मानेसर और आप में क्या फर्क है. आप तो मानेसर वालों से भी आगे निकल गए हैं.
प्रताप सिंह जैसे तो कभी पायलट और कभी गहलोत के साथ : विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा आज मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास पर भी खासे नाराज नजर आए. उन्होंने कहा कि प्रताप सिंह खाचरियावास एक मिनट में क्या कहते हैं और दूसरे मिनट क्या कह दें, उनका तो भगवान ही मालिक है. उनको एक ही स्टैंड लेना चाहिए था और उसी पर रुकना चाहिए. कभी तो वह मुख्यमंत्री के साथ हो जाते हैं, कभी सचिन पायलट की संग हो जाते हैं. कभी तो आलाकमान के आदेश की पालना नहीं करते और अब आदेश की पालना करते हैं और फिर माफी भी मांग लेते हैं.
मलिंगा ने खुद के गहलोत कैंप से पायलट कैंप में शिफ्ट होने को लेकर कहा कि हम तो आलाकमान के साथ थे. हम मुख्यमंत्री के साथ थे, लेकिन हमने राज्यसभा चुनाव के समय ही कह दिया था कि 10 तारीख के बाद हम गहलोत के साथ नहीं हैं, आलाकमान के साथ हैं. अगर अशोक गहलोत को सीएम बनाते हैं तो हम उनके साथ भी हैं, हमने उनका विरोध नहीं किया. हाईकमान का जो आदेश (Pilot Camp MLA Supported Congress High Command) होगा हम उसकी पालना करेंगे. गिर्राज मलिंगा ने कहा कि विधायकों को आलाकमान के आदेश का पालन करना चाहिए था. अब माफी मांगे या कुछ भी करें, लेकिन पूरे देश में भाजपा को एक मुद्दा मिल गया.
पार्टी के साथ मैंने गद्दारी कभी नहीं की : विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने कहा कि जब से पार्टी में आया हूं, तब से वफादार बन कर रहा हूं. मलिंगा ने कहा कि 2 वर्ष पूर्व कांग्रेस सरकार में सियासी संकट आया था. तत्कालीन समय पर भी हम आलाकमान के फैसले के साथ रहे थे. अब वर्तमान में संकट के हालात बने हैं, तब भी हम आलाकमान के फैसले के साथ बने हुए हैं. उन्होंने कहा मैं क्षत्रिय हूं, जो कहता हूं उसे निभाता हूं.
वफादारी करने पर मिला मुकदमे के रूप में इनाम : विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने कहा कि 2 वर्ष पूर्व कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी. 22 विधायक मानेसर पहुंच गए थे, लेकिन पार्टी का वफादार सिपाही बनकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया था. उनके आदेश की पालना की गई थी, लेकिन इस वफादारी का इनाम उनको मुकदमा लगाकर जेल भेजने के रूप में मिला है. मलिंगा ने कहा कि उनको मुकदमों से डर नहीं है. विद्युत विभाग के इंजीनियर के साथ हुई मारपीट मामले में उन्होंने कहा कि कलेक्टर और एसपी की फेक्चुअल रिपोर्ट उनके पक्ष में गई थी. लेकिन इंजीनियर को आगरा भर्ती कराया गया और दूसरे दिन उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया. मलिंगा ने कहा कि मंत्री अशोक चांदना, राजेंद्र गुढ़ा को भी वफादारी का पुरस्कार मिल चुका है.