जयपुर. प्रदेश कांग्रेस में चल रहे सियासी घटनाक्रम के बीच राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने कांग्रेस पर तीखा (Ghanshyam Tiwari target cm Gehlot) हमला बोला है. तिवाड़ी ने कहा कि राजस्थान में सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है. प्रदेश में संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है. न मुख्यमंत्री अपने कर्तव्य का पालन कर पा रहे हैं और न ही विधानसभा अध्यक्ष. 20 दिन से ज्यादा समय हो गया विधायकों को इस्तीफे दिए हुए, लेकिन अध्यक्ष उन्हें न स्वीकार कर रहे हैं और न ही खारिज कर रहे हैं.
राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि राजस्थान में चोखटी चल रही है. मुख्यमंत्री कुर्सी बचाने के लिए और पायलट कुर्सी पकड़ने के लिए तड़पर रहे हैं. इनके बीच जनता त्रस्त हो रही है. इन सब के कारण जो इकबाल सरकार का होना चाहिए वह कम हो गया. जिस प्रकार की घटनाएं राजस्थान में बीते कुछ दिनों में घटित हो रही हैं वैसी पहले कभी नहीं हुईं. राजस्थान में कानून व्यवस्था (Ghanshyam Tiwari on law and order in Rajasthan) जुदा हो जाएगी. तिवाड़ी ने कहा कि राजस्थान में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. ऐसे जुर्म बढ़ रहे हैं. 108 वर्ष की विधवा के निर्ममता से पैर काट दिए जाते हैं. बलात्कार के केस बढ़ रहे हैं, खुले आम गोलियां चल रही हैं.
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हर दिन 17 महिलाओं के साथ दुष्कर्म
घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि राजस्थान में जो घटना घटित हुई है उससे यह पता चलता है कि कानून व्यस्था बेकाबू हो रही है. ऐसे में राज्य की जनता को तिरस्कार का सामना करना पड़ रहा है. भारत जोड़ो की बात हो रही है और राजस्थान में महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल नहीं है. 2021 के NCRB के आंकड़े बता रहे हैं हर रोज 17 महिलाओं के साथ में दुष्कर्म हो रहे हैं. 2021 में कुल बलात्कारों की संख्या 6377 रही है. तिवाड़ी ने कहा कि दो तीन राज्यों को मिलाकर जितने मामले दर्ज नहीं होते उससे ज्यादा राजस्थान में दर्ज हो रहे हैं.
रणबांकुरों की धरती
तिवाड़ी ने कहा कि राजस्थान रणबांकुरे की धरती थी, वीरों की धरती थी, साधु-संतों की धरती है. लेकिन आज अराजकता का माहौल है. विधायक, मंत्री और अफसरों के संरक्षण में अवैध खनन का काम चल रहा है. इसके अलावा कन्हैयालाल हत्याकांड, भरतपुर में अवैध खनन के चलते साधु को आत्मदाह करना पड़ा. इस प्रकार की घटनाएं सवाल खड़े करती है.
संवैधानिक खतरा
सांसद तिवाड़ी ने कहा कि राजस्थान में संवैधानिक संकट है. यहां न मुख्यमंत्री अपने कर्तव्य का पालन कर पा रहे हैं और न राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष. जब उनको विधायकों के इस्तीफे मिल गए हैं तो सरकार के राज करने का संवैधानिक अधिकार खत्म हो जाता है. अध्यक्ष संविधानिक कार्रवाई करने से बच रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी आरोप लगाती है कि विधायकों के इस्तीफ़े के बाद राजस्थान में कांग्रेस को सरकार चलाने का नैतिक अधिकार नहीं है.