जयपुर. मेरे रग-रग में बीजेपी समाई हुई है. 2 साल मन से बीजेपी के साथ था और अब फिर बीजेपी में हूं. ये कहना है पार्टी से बगावत कर वापस लौटने वाले घनश्याम तिवाड़ी का. तिवाड़ी को शनिवार को बीजेपी मुख्यालय पर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने पार्टी में वापसी करवाई. इस वापसी को लेकर राजनीतिक गलियारों में वसुंधरा राजे का एंटी गुट तैयार किए जाने के रूप में देखा जा रहा है.
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से बगावत कर खुद की पार्टी बनाकर विधानसभा चुनाव लड़ने और बाद में कांग्रेस पार्टी में शामिल होने वाले घनश्याम तिवाड़ी ने एक बार फिर से भाजपा का दामन थाम लिया है. लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ज्वाइन करने वाले घनश्याम तिवाड़ी कांग्रेस में अलग-थलग पड़े थे. ना तो वो कांग्रेस के किसी कार्यक्रम में दिखाई देते थे और ना ही किसी धरना-प्रदर्शन में शिरकत करते नजर आते थे. हालांकि, लोकसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया गया था और तिवाड़ी ने कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए प्रचार भी किया था.
'बीजेपी रग-रग में समाई हुई है'
शनिवार को फिर से भाजपा में शामिल होने पर घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि बहुत समय बाद बीजेपी के मंच से बोलने का मौका मिला है. वो जन्म से बीजेपी, जनसंघ और संघ के स्वयंसेवक रहे हैं. बीजेपी उनके रग-रग में समाई हुई है. उन्होंने कहा कि 2 साल मन से बीजेपी के साथ था और अब फिर बीजेपी में हूं.
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'मैंने कभी कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण नहीं की'
घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि मैंने कभी भी कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण नहीं की. कांग्रेस के मंच पर जरूर गया, लेकिन कांग्रेस के किसी कार्यक्रम में भाग नहीं लिया. उन्होंने कहा कि अब पार्टी जो तय करेगी, मैं वो काम करने के लिए तैयार हूं. इस दौरान उनके बच्चों के राजनीतिक भविष्य के लिए पार्टी में वापसी के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरे परिवार के सभी सदस्य संघ से जुड़े हुए हैं. किस का भविष्य कौन संवारेगा, ये तो भविष्य देखेगा.
'जेपी नड्डा को लिखा था पत्र'
तिवाड़ी ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को उन्होंने पत्र लिखा और उन्हें दोबारा पार्टी से जुड़ने के निर्देश मिला, जिसका उन्होंने अनुसरण किया है. वसुंधरा राजे से चल रही खींचतान पर उन्होंने कहा कि जिन मुद्दों पर खींचतान थी वो खत्म हो चुके हैं, अब ऐसा कुछ देखने को नहीं मिलेगा.
बताया जाता है कि कांग्रेस में अपनी उपेक्षा से नाराज होकर ही घनश्याम तिवाड़ी ने फिर से भाजपा का दामन थामने का फैसला लिया. इसके बाद अब कांग्रेस के पूर्व मंत्री राजकुमार रिणवा और सुरेंद्र गोयल के भी भाजपा से जुड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं. ये दोनों नेता कांग्रेस में अपनी उपेक्षा से नाराज चल रहे हैं.