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राजस्थान : नए कोरोना स्ट्रेन की जांच के लिए अब जीनोमिक सर्विलांस का होगा उपयोग

देश में कोरोना के नए स्ट्रेन ने प्रदेश सरकार की चिंता को और बढ़ा दिया है. इस बीच प्रदेश में अब कोरोना के नए स्ट्रेन की जांच के लिए जीनोमिक सर्विलांस का उपयोग किया जाएगा. जिसमें राष्ट्रीय स्तर के कुल दस संस्थानों को जांच के लिए तैयार किया गया है. वहीं, इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) को इसके लिए अधिकृत किया गया है.

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नए कोरोना स्ट्रेन की जांच के लिए जीनोमिक सर्विलांस को होगा उपयोग
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Published : Dec 29, 2020, 4:08 PM IST

जयपुर. नए स्ट्रेन की जांच के लिए अब जीनोमिक सर्विलांस का उपयोग किया जाएगा. देश की प्रत्येक लैब से 5% पॉजिटिव सैम्पलों को जांच के दायरे में लिया जाएगा. राजस्थान समेत सभी राज्यों के लिए अलग-अलग केंद्र निर्धारित किए गए हैं. राष्ट्रीय स्तर के कुल दस संस्थानों को जांच के लिए अधिकृत किया गया है. इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) को इसके लिए अधिकृत किया गया है. जहां राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सैम्पल जाएंगे. राजस्थान की 34 सरकारी और दूसरी निजी लैब से ये सैम्पल भेजे जाएंगे.

दूसरी ओर ब्रिटेन के नए स्ट्रेन को लेकर राजस्थान में चिंता बढ़ गई है. पिछले दिनों में काफी संख्या में यात्री राजस्थान पहुंचे हैं. केन्द्रीय सूची के हिसाब से ट्रेसिंग में 7 यात्री मिले कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. नए स्ट्रेन का पता लगाने के लिए इन यात्रियों के सैम्पल पुणे भेजे गए हैं. हालांकि, अभी पुणे से सात में से किसी भी यात्री की रिपोर्ट नहीं आई है. इस बीच तीन राज्यों के 6 यात्रियों में नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई है. ऐसे में अब चिकित्सा विभाग के अफसर पुणा स्थित लैब से सम्पर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं.

वहीं, कोरोना के बदले रुप को लेकर बढ़ी चिंता के बीच राज्य में ब्रिटेन से आए 17 लोगों को चिकित्सा विभाग ट्रेस नहीं कर पा रहा है. ये ढूंढने के लिए विभाग ने जिलों को अलर्ट किया है और पुलिस को भी सूची भेजी है. विभाग ने चेताया है कि जो भी व्यक्ति आगे बढ़कर सहयोग नहीं करेगा उस पर महामारी एक्ट में मामला दर्ज किया जाएगा.

पढ़ें- CM गहलोत की संवेदनशील पहल...Tweet कर प्रदेशवासियों से की ये अपील

चिकित्सा विभाग और पुलिस ऐसे लोगों को ढूंढने में लगी है जो ब्रिटेन से आए हैं. ब्रिटेन के स्ट्रेन को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोरोना गाइडलाइन की तिथि 31 जनवरी तक बढ़ा दी है. कंटेनमेंट जोन में पाबंदियां पहले की तरह जारी रहेगी. स्ट्रेन को देखते हुए केंद्र ने राज्य को सख्त निगरानी और ऐतिहात रखने के निर्देश भी दिए हैं.

जयपुर. नए स्ट्रेन की जांच के लिए अब जीनोमिक सर्विलांस का उपयोग किया जाएगा. देश की प्रत्येक लैब से 5% पॉजिटिव सैम्पलों को जांच के दायरे में लिया जाएगा. राजस्थान समेत सभी राज्यों के लिए अलग-अलग केंद्र निर्धारित किए गए हैं. राष्ट्रीय स्तर के कुल दस संस्थानों को जांच के लिए अधिकृत किया गया है. इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) को इसके लिए अधिकृत किया गया है. जहां राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सैम्पल जाएंगे. राजस्थान की 34 सरकारी और दूसरी निजी लैब से ये सैम्पल भेजे जाएंगे.

दूसरी ओर ब्रिटेन के नए स्ट्रेन को लेकर राजस्थान में चिंता बढ़ गई है. पिछले दिनों में काफी संख्या में यात्री राजस्थान पहुंचे हैं. केन्द्रीय सूची के हिसाब से ट्रेसिंग में 7 यात्री मिले कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. नए स्ट्रेन का पता लगाने के लिए इन यात्रियों के सैम्पल पुणे भेजे गए हैं. हालांकि, अभी पुणे से सात में से किसी भी यात्री की रिपोर्ट नहीं आई है. इस बीच तीन राज्यों के 6 यात्रियों में नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई है. ऐसे में अब चिकित्सा विभाग के अफसर पुणा स्थित लैब से सम्पर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं.

वहीं, कोरोना के बदले रुप को लेकर बढ़ी चिंता के बीच राज्य में ब्रिटेन से आए 17 लोगों को चिकित्सा विभाग ट्रेस नहीं कर पा रहा है. ये ढूंढने के लिए विभाग ने जिलों को अलर्ट किया है और पुलिस को भी सूची भेजी है. विभाग ने चेताया है कि जो भी व्यक्ति आगे बढ़कर सहयोग नहीं करेगा उस पर महामारी एक्ट में मामला दर्ज किया जाएगा.

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चिकित्सा विभाग और पुलिस ऐसे लोगों को ढूंढने में लगी है जो ब्रिटेन से आए हैं. ब्रिटेन के स्ट्रेन को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोरोना गाइडलाइन की तिथि 31 जनवरी तक बढ़ा दी है. कंटेनमेंट जोन में पाबंदियां पहले की तरह जारी रहेगी. स्ट्रेन को देखते हुए केंद्र ने राज्य को सख्त निगरानी और ऐतिहात रखने के निर्देश भी दिए हैं.

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