जयपुर. राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सियासी खींचतान का दौर जारी है. भले ही सीधे तौर पर पायलट और गहलोत एक-दूसरे के खिलाफ निशाना नहीं साध रहे, लेकिन उनके समर्थक शक्ति प्रदर्शन के जरिए कई सियासी संदेश दे रहे हैं.
राजनीतिक नियुक्तियों के मामले में एक दिन पहले पायलट के समर्थक बड़ी संख्या में उनके आवास पर पहुंचकर आभार जताया. पायलट के आवास पर उमड़ी भीड़ को देख राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हुई तो अब यही नजारा सीएम अशोक गहलोत के आवास पर नजर आया.
राजनीतिक नियुक्तियां पाने वाले गहलोत समर्थक जो अब तक शांत बैठे थे, शुक्रवार को उन्होंने भी मुख्यमंत्री आवास का रुख किया. केवल राजनीतिक नियुक्तियां पाने वाले ही नहीं, बल्कि बेहतरीन बजट पेश करने के को लेकर भी बड़ी तादाद में गहलोत समर्थक नेता और आमजन सिविल लाइंस स्थित उनके आवास पर पहुंच गए. समर्थकों की ओर से लगाए जा रहे मुख्यमंत्री जिंदाबाद के नारों से सिविल लाइंस गूंज गया. इस दौरान आभार जताने के लिए प्रदेश के दूरदराज से लोग मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. लोगों का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी आत्मीयता के साथ अभिवादन स्वीकार किया. लोगो ने मुख्यमंत्री का माला पहनाकर शॉल ओढ़ाकर और साफा पहनाकर आभार जताया.
बजट के बाद से लोग लगातार आ रहे थे मुख्यमंत्री आवास : बजट के बाद से मुख्यमंत्री आवास पर उन्हें धन्यवाद देने के लिए सरकारी कर्मचारियों समेत कई लोग रोजाना पहुंच रहे थे. वहीं राजनीतिक नियुक्तियां पाने वाले नेता भी मुख्यमंत्री से मुलाकात करने पहुंचे थे. लेकिन जिस तरह से सचिन पायलट समर्थकों ने गुरुवार को राजनीतिक नियुक्तियां पाने के बाद पायलट के समर्थन में शक्ति प्रदर्शन किया. उसके बाद शुक्रवार को गहलोत समर्थक भी एक साथ मुख्यमंत्री आवास पहुंच गए. जिसके चलते भले ही मुख्यमंत्री चाहे या न चाहें लेकिन उनके समर्थकों ने शक्ति प्रदर्शन कर ही दिया.
ये नेता पहुंचे गहलोत आवास : सीएम आवास पर महिला आयोग अध्यक्ष रेहाना रियाज, मंत्री भजन लाल जाटव, मंत्री गोविंद मेघवाल, मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय, जयपुर उप जिला प्रमुख मोहन डागर पहुंचे. साथ ही मुख्यमंत्री के सलाहकार बाबूलाल नागर, समाज कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष अर्चना शर्मा मेवाराम जैन समेत बड़ी तादाद में नेता मंत्री और विधायक अपने समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे.
राजस्थान में अब तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 48 बोर्ड आयोग और निगमों में 65 अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाए हैं. इनमें से पायलट कैंप के नेताओं की संख्या बमुश्किल 10 है. हालांकि दूसरे चरण में बनाए गए विभिन्न बोर्ड, आयोग और निगमों के 67 सदस्यों में से ज्यादातर सचिन पायलट कैंप के नेता थे. लेकिन पायलट कैम्प के नेताओं को मिले पद सीधे तौर पर कम महत्व वाले हैं. यही कारण था कि पायलट कैंप के दो नेताओं पूर्व कांग्रेस सचिव राजेश चौधरी और सुशील आसोपा ने तो चेयरमैन या अध्यक्ष बनाए जाने की बजाए सदस्य बनाए जाने पर अपने पद छोड़ भी दिया.
पायलट आवास पर समर्थकों की उमड़ी थी भीड़ : राजनीतिक नियुक्तियां पाने वाले सचिन पायलट कैंप के नेता अपने समर्थकों के साथ पायलट के निवास पर गुरुवार को पहुंचे थे. इस दौरान बड़ी संख्या में मौजूद नेताओं और उनके समर्थकों की भीड़ ने शक्ति प्रदर्शन किया था. इसके कारण सिविल लाइंस में जाम की स्थिति बन गई थी.