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खत्म हुआ अंग्रेजों के जमाने का लगान : गहलोत सरकार ने दी प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत, करोड़ों का बकाया लगान माफ

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Published : Apr 19, 2022, 2:17 PM IST

Updated : Apr 19, 2022, 8:00 PM IST

गहलोत सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है. सीएम अशोक गहलोत ने आदेश जारी (CM Gehlot waives due tax from farmers) करते हुए किसानों का करोड़ों रुपए का लगान माफ कर दिया है. सरकार के इस आदेश के साथ अंग्रेजों के जमाने की लगान की परंपरा से मुक्ति मिलेगी.

Big relief to Rajasthan Farmers
गहलोत सरकार ने किसानों का करोड़ो का लगान किया माफ.

जयपुर. गहलोत सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए सिंचित भूमि का बकाया लगान माफ कर (CM Gehlot waives due tax from farmers) दिया है. प्रदेश के किसानों को सिंचित और असिंचित भूमि पर किसी भी तरह का बकाया लगान नहीं देना पड़ेगा. गहलोत सरकार ने 2018 से पहले सिंचित भूमि का बकाया लगान माफ करने के आदेश जारी कर दिए हैं. सरकार के इस आदेश के साथ अंग्रेजों के जमाने की लगान की परंपरा से मुक्ति मिलेगी.

2018-19 से पहले का लगान हुआ माफ: राज्य सरकार ने एक आदेश में वर्ष 2018-19 (Big relief to Rajasthan farmers) खरीफ़ तक का जितना भी लगान बकाया था, उससे किसानों को मुक्त कर दिया. इसके पहले 2018-19 में सिंचित भूमि को पूर्ण रूप से लगान से मुक्त कर दिया गया था, लेकिन बकाया लगान किसानों पर कर्ज के रूप में बाकी था. गहलोत सरकार के इस आदेश के बाद अब किसानों का बकाया लगान माफ हो गया है.

गहलोत सरकार ने किसानों का करोड़ो का लगान किया माफ.

लगान से मुक्त पर बकाया बाकी: बता दें कि लगभग 28 वर्ष पहले तत्कालीन भैरों सिह शेखावत की सरकार ने प्रदेश को लगान मुक्त किया था. हालांकि उस वक्त सिर्फ असिंचित भूमि को ही लगान से मुक्त किया गया था. इसके बाद 2018-19 गहलोत सरकार ने सिंचित भूमि को भी लगान से मुक्त कर दिया, लेकिन 2018-19 से पहले के बकाया लगान को माफ नहीं किया था. अब इस आदेश के बाद बकाया लगान भी माफ हो गया है.

पढ़ें-राजस्थान में रूस-यूक्रेन युद्ध का गेहूं की बिक्री पर असर, किसान मंडी में माल बेचने से कर रहे परहेज

किसान महापंचायत ने जताई खुशी: किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों की सिंचित भूमि का वर्ष 2018 -19 तक के खरीफ़ का लगान माफ कर दिया है. इसके जरिए अंग्रेजों की बरसो पुरानी लगान प्रथा को समाप्त किया गया है. आजादी के पहले ब्रिटिश शासन में किसानों को मारपीट कर, उन पर अत्याचार कर लगान वसूला जाता था. जब किसान लगान चुकाने में देरी करते तो उन पर 50-50 गुना पैनल्टी लगाई जाती थी. इसके बाद भी किसान लगान नहीं दे पाते थे, तो उनकी जमीन जब्त कर खालसा कर दी जाती थी.

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राजस्व विभाग की ओर से आदेश: सरकार ने सभी जिलों में किसानों पर बकाया 2 करोड़ 93 लाख 95 हजार 969 रुपए का भू राजस्व माफ कर दिया है. सबसे ज्यादा लगान बूंदी के किसानों का 24 लाख 64 हजार 225 रुपए माफ हुआ है. 13 जिलों में किसानों पर कोई लगान बाकी नहीं था. सरकार की ओर से 2018-19 का लगान बजट घोषणा में माफ कर दिया था. लेकिन इससे पहले के बकाया लगान को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2022 23 की बजट घोषणा में 2018-19 से पहले के बकाया लगान को माफ करने की घोषणा की थी.

जयपुर. गहलोत सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए सिंचित भूमि का बकाया लगान माफ कर (CM Gehlot waives due tax from farmers) दिया है. प्रदेश के किसानों को सिंचित और असिंचित भूमि पर किसी भी तरह का बकाया लगान नहीं देना पड़ेगा. गहलोत सरकार ने 2018 से पहले सिंचित भूमि का बकाया लगान माफ करने के आदेश जारी कर दिए हैं. सरकार के इस आदेश के साथ अंग्रेजों के जमाने की लगान की परंपरा से मुक्ति मिलेगी.

2018-19 से पहले का लगान हुआ माफ: राज्य सरकार ने एक आदेश में वर्ष 2018-19 (Big relief to Rajasthan farmers) खरीफ़ तक का जितना भी लगान बकाया था, उससे किसानों को मुक्त कर दिया. इसके पहले 2018-19 में सिंचित भूमि को पूर्ण रूप से लगान से मुक्त कर दिया गया था, लेकिन बकाया लगान किसानों पर कर्ज के रूप में बाकी था. गहलोत सरकार के इस आदेश के बाद अब किसानों का बकाया लगान माफ हो गया है.

गहलोत सरकार ने किसानों का करोड़ो का लगान किया माफ.

लगान से मुक्त पर बकाया बाकी: बता दें कि लगभग 28 वर्ष पहले तत्कालीन भैरों सिह शेखावत की सरकार ने प्रदेश को लगान मुक्त किया था. हालांकि उस वक्त सिर्फ असिंचित भूमि को ही लगान से मुक्त किया गया था. इसके बाद 2018-19 गहलोत सरकार ने सिंचित भूमि को भी लगान से मुक्त कर दिया, लेकिन 2018-19 से पहले के बकाया लगान को माफ नहीं किया था. अब इस आदेश के बाद बकाया लगान भी माफ हो गया है.

पढ़ें-राजस्थान में रूस-यूक्रेन युद्ध का गेहूं की बिक्री पर असर, किसान मंडी में माल बेचने से कर रहे परहेज

किसान महापंचायत ने जताई खुशी: किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों की सिंचित भूमि का वर्ष 2018 -19 तक के खरीफ़ का लगान माफ कर दिया है. इसके जरिए अंग्रेजों की बरसो पुरानी लगान प्रथा को समाप्त किया गया है. आजादी के पहले ब्रिटिश शासन में किसानों को मारपीट कर, उन पर अत्याचार कर लगान वसूला जाता था. जब किसान लगान चुकाने में देरी करते तो उन पर 50-50 गुना पैनल्टी लगाई जाती थी. इसके बाद भी किसान लगान नहीं दे पाते थे, तो उनकी जमीन जब्त कर खालसा कर दी जाती थी.

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राजस्व विभाग की ओर से आदेश: सरकार ने सभी जिलों में किसानों पर बकाया 2 करोड़ 93 लाख 95 हजार 969 रुपए का भू राजस्व माफ कर दिया है. सबसे ज्यादा लगान बूंदी के किसानों का 24 लाख 64 हजार 225 रुपए माफ हुआ है. 13 जिलों में किसानों पर कोई लगान बाकी नहीं था. सरकार की ओर से 2018-19 का लगान बजट घोषणा में माफ कर दिया था. लेकिन इससे पहले के बकाया लगान को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2022 23 की बजट घोषणा में 2018-19 से पहले के बकाया लगान को माफ करने की घोषणा की थी.

Last Updated : Apr 19, 2022, 8:00 PM IST
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