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राजस्थान में दवा बिकी तो जेल में होंगे बाबा रामदेव: रघु शर्मा - Ministry of AYUSH ban on Coronil

बाबा रामदेव की ओर से कोरोना वायरस की दवा बनाने का दावा करने के बाद अब ये मामला विवादों में आ गया है. दवा के प्रचार-प्रसार पर आयुष मंत्रालय ने रोक लगा दी है. वहीं, अब राजस्थान सरकार ने भी इस दवा के परीक्षण के दावे को भी सिरे से खारिज कर दिया है. गहलोत सरकार ने इस दवा को गैरकानूनी बताया है.

Rajasthan government told coronil is illegal, Coronil test in Rajasthan
कोरोनिल दवा को राजस्थान सरकार ने बताया गैर कानूनी
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Published : Jun 24, 2020, 4:49 PM IST

जयपुर. कोरोना वायरस को लेकर योग गुरु बाबा रामदेव ने दवा बनाने का दावा किया है. लेकिन इस दवा को केंद्र सरकार के बाद राज्य की गहलोत सरकार ने भी खारिज कर दिया है. इतना ही नहीं प्रदेश की सरकार ने साफ कर दिया कि अगर यह दवाई राजस्थान में बेची जाती है, तो बाबा रामदेव का जेल की सलाखों के पीछे जाना तय है. सरकार ने राजस्थान में इस दवा के परीक्षण के दावे को भी सिरे से खारिज कर दिया है.

कोरोनिल दवा को राजस्थान सरकार ने बताया गैर कानूनी

जिस कोरोना वायरस को हराने वाली वैक्सीन बनाने का काम पूरी दुनिया नहीं कर पाई, उसके लिए बाबा रामदेव ने दवा बनाने का दावा किया है. जिसकी मंगलवार को बाबा रामदेव ने लॉन्चिंग भी की. लेकिन लॉन्चिंग के कुछ घंटे बाद ही यह दवा विवादों में आ गई. आयुष मंत्रालय ने बाबा रामदेव के इस दवा के प्रचार-प्रसार पर रोक लगाई है. जिसके बाद प्रदेश की गहलोत सरकार ने भी इस दवा को पूरी तरीके से गैरकानूनी बताते हुए कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है.

पढ़ें- राजस्थान में Corona के 182 नए मामले, संक्रमितों का आंकड़ा पहुंचा 15,809 पर...अब तक 372 की मौत

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने साफ कर दिया है कि जिस दवा को लेकर बाबा रामदेव दावा कर रहे हैं, उस दवा का परीक्षण राजस्थान में नहीं किया गया है. दवा के परीक्षण को लेकर प्रदेश की सरकार से किसी भी तरीके से ना तो कोई अनुमति ली गई और ना ही किसी तरीके से कोई जानकारी दी गई. उन्होंने कहा कि किसी भी दवा के लिए, जो नियम बने हुए हैं उनमें से किसी भी नियम की पालना करके यह दवा नहीं बनाई गई.

'दुकान चलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई'

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि बाबा रामदेव अपनी दुकान चला रहे हैं. इस तरह से दुकान चला कर किसी भी प्रोडक्ट की लॉन्चिंग करेंगे और कोरोना वायरस की दवा को लेकर दावा करेंगे, तो यह बर्दाश्त करने वाली बात नहीं है. रघु शर्मा ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह इस तरह की दुकान चलाने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए.

'राजस्थान से किसी तरह कोई संबंध नहीं'

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने यह साफ कर दिया कि इस दवाई का राजस्थान से किसी तरह से कोई संबंध नहीं है. अगर इस दवा को राजस्थान में बेचा जाता है तो बाबा रामदेव को जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ेगा. बता दें कि कोरोना वायरस को लेकर किसी भी तरह की वैक्सीन बनाने का दावा अब तक किसी भी देश ने नहीं किया है.

पढ़ें- कोरोनिल पर आयुष मंत्रालय की रोक, पतंजलि ने भेजा 11 पन्नों का जवाब

लॉन्चिंग के बाद विवादों में कोरोना की दवा

मंगलवार को बाबा रामदेव ने ऐलान किया कि पतंजलि ने कोरोना वायरस को हराने वाली दवा बना ली है, जो 1 हफ्ते के अंदर मरीजों को पूरी तरह से ठीक कर देगी. बाबा रामदेव इसे बड़ी उपलब्धि बता रहे हैं. लेकिन सरकार को उनकी यह बात रास नहीं आई और मामला विवादों में आ गया. दवा की लॉन्चिंग के 5 घंटे बाद ही केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय ने इस दवा के प्रचार-प्रसार पर रोक लगा दी थी.

वहीं, अब राजस्थान में जिस जगह परीक्षण करने की बात बाबा रामदेव कर रहे हैं, उसको लेकर प्रदेश की गहलोत सरकार ने भी साफ कर दिया कि इस तरह की किसी भी दवा का परीक्षण राजस्थान में नहीं किया गया और ना ही इसके बारे में किसी तरह की कोई जानकारी सरकार को दी गई.

पतंजलि ने भेजा जवाब

आयुष मंत्रालय की ओर से प्रचार-प्रसार पर रोक के निर्देश के बाद पतंजलि में हड़कंप मच गया और स्वामी रामदेव अपनी पूरी टीम के साथ आयुष मंत्रालय को जवाब देने में जुट गए. मंगलवार देर शाम पतंजलि रिसर्च केंद्र ने आयुष मंत्रालय को 11 पेज के दस्तावेजों के साथ अपना जवाब भेज दिया है.

पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने इस बारे में जानकारी भी दी है. आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि आयुष मंत्रालय ने इस फैसले में जल्दबाजी दिखाई है, उन्हें पहले इस बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए थी. साथ ही उन्होंने इसके पीछे दुनिया के ड्रग माफिया और डब्ल्यूएचओ के दबाव से भी इनकार नहीं किया है.

जयपुर. कोरोना वायरस को लेकर योग गुरु बाबा रामदेव ने दवा बनाने का दावा किया है. लेकिन इस दवा को केंद्र सरकार के बाद राज्य की गहलोत सरकार ने भी खारिज कर दिया है. इतना ही नहीं प्रदेश की सरकार ने साफ कर दिया कि अगर यह दवाई राजस्थान में बेची जाती है, तो बाबा रामदेव का जेल की सलाखों के पीछे जाना तय है. सरकार ने राजस्थान में इस दवा के परीक्षण के दावे को भी सिरे से खारिज कर दिया है.

कोरोनिल दवा को राजस्थान सरकार ने बताया गैर कानूनी

जिस कोरोना वायरस को हराने वाली वैक्सीन बनाने का काम पूरी दुनिया नहीं कर पाई, उसके लिए बाबा रामदेव ने दवा बनाने का दावा किया है. जिसकी मंगलवार को बाबा रामदेव ने लॉन्चिंग भी की. लेकिन लॉन्चिंग के कुछ घंटे बाद ही यह दवा विवादों में आ गई. आयुष मंत्रालय ने बाबा रामदेव के इस दवा के प्रचार-प्रसार पर रोक लगाई है. जिसके बाद प्रदेश की गहलोत सरकार ने भी इस दवा को पूरी तरीके से गैरकानूनी बताते हुए कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है.

पढ़ें- राजस्थान में Corona के 182 नए मामले, संक्रमितों का आंकड़ा पहुंचा 15,809 पर...अब तक 372 की मौत

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने साफ कर दिया है कि जिस दवा को लेकर बाबा रामदेव दावा कर रहे हैं, उस दवा का परीक्षण राजस्थान में नहीं किया गया है. दवा के परीक्षण को लेकर प्रदेश की सरकार से किसी भी तरीके से ना तो कोई अनुमति ली गई और ना ही किसी तरीके से कोई जानकारी दी गई. उन्होंने कहा कि किसी भी दवा के लिए, जो नियम बने हुए हैं उनमें से किसी भी नियम की पालना करके यह दवा नहीं बनाई गई.

'दुकान चलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई'

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि बाबा रामदेव अपनी दुकान चला रहे हैं. इस तरह से दुकान चला कर किसी भी प्रोडक्ट की लॉन्चिंग करेंगे और कोरोना वायरस की दवा को लेकर दावा करेंगे, तो यह बर्दाश्त करने वाली बात नहीं है. रघु शर्मा ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह इस तरह की दुकान चलाने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए.

'राजस्थान से किसी तरह कोई संबंध नहीं'

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने यह साफ कर दिया कि इस दवाई का राजस्थान से किसी तरह से कोई संबंध नहीं है. अगर इस दवा को राजस्थान में बेचा जाता है तो बाबा रामदेव को जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ेगा. बता दें कि कोरोना वायरस को लेकर किसी भी तरह की वैक्सीन बनाने का दावा अब तक किसी भी देश ने नहीं किया है.

पढ़ें- कोरोनिल पर आयुष मंत्रालय की रोक, पतंजलि ने भेजा 11 पन्नों का जवाब

लॉन्चिंग के बाद विवादों में कोरोना की दवा

मंगलवार को बाबा रामदेव ने ऐलान किया कि पतंजलि ने कोरोना वायरस को हराने वाली दवा बना ली है, जो 1 हफ्ते के अंदर मरीजों को पूरी तरह से ठीक कर देगी. बाबा रामदेव इसे बड़ी उपलब्धि बता रहे हैं. लेकिन सरकार को उनकी यह बात रास नहीं आई और मामला विवादों में आ गया. दवा की लॉन्चिंग के 5 घंटे बाद ही केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय ने इस दवा के प्रचार-प्रसार पर रोक लगा दी थी.

वहीं, अब राजस्थान में जिस जगह परीक्षण करने की बात बाबा रामदेव कर रहे हैं, उसको लेकर प्रदेश की गहलोत सरकार ने भी साफ कर दिया कि इस तरह की किसी भी दवा का परीक्षण राजस्थान में नहीं किया गया और ना ही इसके बारे में किसी तरह की कोई जानकारी सरकार को दी गई.

पतंजलि ने भेजा जवाब

आयुष मंत्रालय की ओर से प्रचार-प्रसार पर रोक के निर्देश के बाद पतंजलि में हड़कंप मच गया और स्वामी रामदेव अपनी पूरी टीम के साथ आयुष मंत्रालय को जवाब देने में जुट गए. मंगलवार देर शाम पतंजलि रिसर्च केंद्र ने आयुष मंत्रालय को 11 पेज के दस्तावेजों के साथ अपना जवाब भेज दिया है.

पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने इस बारे में जानकारी भी दी है. आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि आयुष मंत्रालय ने इस फैसले में जल्दबाजी दिखाई है, उन्हें पहले इस बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए थी. साथ ही उन्होंने इसके पीछे दुनिया के ड्रग माफिया और डब्ल्यूएचओ के दबाव से भी इनकार नहीं किया है.

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