जयपुर. गहलोत सरकार ने 3 साल पूरे (Gehlot Government Third Anniversary) होने पर सौगातों की बारिश की. 12 विभागों में करीब 1122 करोड़ रुपए के 1194 विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया. लेकिन पुराने कई ऐसे प्रोजेक्ट हैं, जो पूरा होने की बाट जोह रहे हैं. जयपुर को वर्षों पहले ये सौगातें मिली तो सही लेकिन धरातल पर इनका अंतिम स्वरूप आने में समय लग रहा है.
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प्रदेश की गहलोत सरकार के 3 साल पूरे होने पर सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि सरकार ने जो वादे किए वो पूरे किए हैं. कोरोना में शानदार काम किया है. 3 साल में हर विभाग में इतने काम हुए इनको गिनना संभव नहीं है. लेकिन यहां आपको बताते हैं कि सरकार के दूसरे सबसे बड़े चेहरे यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के विभाग में क्या काम हुए और कौन से काम अधर में लटके हुए हैं.
ये काम चल रहे :
- विधायक आवास : इनका काम विधानसभा के पास चल रहा है. यहां पर एक साथ विधायक रहेंगे.
- सिविल लाइन्स आरओबी: इस वर्ष इसका काम जेडीए ने शुरू किया है.
- कोचिंग हब : प्रताप नगर में कोचिंग हब का निर्माण हो रहा है. हाल ही में मुख्यमंत्री ने दौरा भी किया था.
- रामनिवास बाग में भूमिगत पार्किंग : जेडीए की ओर से काम चल रहा है. स्मार्ट सिटी इसमें 100 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है.
- परकोटा की आबादी को पानी के लिए 165 करोड़ रुपए की योजना की घोषणा की थी. इसका काम शुरू हो गया है.
- 2019 से आवासन मंडल अधिशेष मकानों को 50 फीसदी छूट के साथ बेच रहा है. अब तक 6800 मकान बेचे जा चुके हैं.
धीमी रफ्तार से हो रहे ये काम :
- एक मई से प्रशासन गांवों के संग और दो अक्टूबर को प्रशासन शहरों के संग अभियान शुरू होना था. दोनों ही अभियान दो अक्टूबर से शुरू हुए, लेकिन पहले दिन से ही लक्ष्य के अनुरूप सफलता नहीं मिल पाई.
- सेंट्रल पार्क में गांधी दर्शन म्यूजियम का शिलान्यास मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दो अक्टूबर को किया था. अगस्त, 2022 तक म्यूजियम का ढांचा बनकर तैयार हो जाएगा.
- डेहलावास में दो एसटीपी है, इनमें से एक एसटीपी के अपग्रेडेशन का काम चल रहा है. 150 करोड़ रुपए की लागत से ये काम किया जा रहा है.
- राजधानी जयपुर के 7 प्रमुख चौराहों को ट्रैफिक लाइट मुक्त करने की कवायद अभी मूर्तरूप नहीं ले पाई है. इस पर जेडीए 700 करोड़ रुपए खर्च करेगा. हालांकि सीएम ने जवाहर सर्किल ओटीएस चौराहा और लक्ष्मी मंदिर तिराहे पर शिलान्यास कर दिया है.
- पिछले बजट में राज्य सरकार ने निकायों में 1000 करोड़ रुपए से सड़कें बनाने की घोषणा की थी. जिनकी फिलहाल निविदा प्रक्रिया ही चल रही है.
ये काम अधर में :
- सेंट्रल पार्क की तर्ज पर सिल्वन पार्क को विकसित करने की भी बजट में घोषणा की थी, लेकिन अब तक जमीन पर कोई काम शुरू नहीं हुआ है.
- सांगानेर में सैटेलाइट हॉस्पिटल के लिए जेडीए ने जमीन का हाल ही में आवंटन किया है, लेकिन उसको लेकर कांग्रेस नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया है. अब दूसरी जगह जमीन की तलाश की जा रही है.
- उत्तरी रिंग रोड के लिए 2887 करोड़ रुपए बजट में निर्धारित किए थे. राज्य सरकार ने उत्तरी रिंग रोड की सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है, लेकिन एनएचएआई से स्वीकृति मिलना बाकी है. जेडीए एनएचएआई मिलकर इस प्रोजेक्ट को करने वाले हैं.
- गोविंद मार्ग पर एलिवेटेड रोड का काम भी अब तक अधर में लटका हुआ है.
- मेट्रो फेज-2 की डीपीआर तो बन चुकी है, लेकिन प्रोजेक्ट का अभी तक कोई पता नहीं है.
इन बड़े प्रोजेक्ट्स पर ग्रहण :
- द्रव्यवती नदी : इसका काम अक्टूबर 2018 में पूरा होना था अब तक 95 फीसदी ही हो पाया है. हालांकि चारों रपट पर सुधार कार्य शुरू हो गया है. उम्मीद है कि मानसून से पहले इनको बनाने का काम पूरा कर लिया जाएगा और बचा हुआ पांच फीसदी काम भी अगले 3 से 4 महीने में पूरा करने का दावा किया जा रहा है.
- दक्षिणी रिंग रोड : सरकार उत्तरी रिंग रोड पर काम कर रही है, लेकिन दक्षिणी रिंग रोड पर अब तक क्लोवरलीफ तैयार नहीं हो पाए हैं. आलम ये है कि आगरा रोड पर तब तक जमीन तक जेडीए नहीं ले पाया है.
इन पर कोई काम नहीं :
- टाउन हॉल : यहां म्यूजियम बनाने की घोषणा की गई थी, लेकिन दो साल बाद घोषणा पर अमल नहीं हुआ है. अब ऐसा माना जा रहा है कि सरकार की मंशा यहां पर म्यूजियम बनाने की नहीं है.
- परकोटा में नो व्हीकल जोन : इस पर भी कोई काम नहीं हुआ है. विश्व विरासत सूची में शामिल होने के बाद ऐसी उम्मीद की जा रही थी, इस प्रोजेक्ट पर सरकार काम करेगी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया.